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RBI के नए नियमों से बेहतर होगा डिजिटल पेमेंट, अधिक सुरक्षित हुआ ऑनलाइन ट्रांजैक्शन

बीते कुछ सालों में डिजिटल पेमेंट तेजी से बढ़ता विकल्प बन गया है। ऐसे में आरबीआई ने सुरक्षित भुगतान के लिए एक नया फ्रेमवर्क तैयार किया है। ये नए नियम आपको पुराने OTP के अलावा नए ऑथेंटिकेशन ऑप्शन ला रहा है। बता दें कि डिजिटल भुगतान में AFA का सबसे आम तरीका SMS-आधारित वन-टाइम पासवर्ड (OTP) है। आइये RBI की योजना के बारे में विस्तार से जानते हैं।

By Ankita Pandey Edited By: Ankita Pandey Updated: Tue, 06 Aug 2024 10:00 PM (IST)
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ऑनलाइन ट्रांजैक्शन को सुरक्षित रखने मे मदद करेगा RBI का नया फ्रेम वर्क
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। ऑनलाइन पेमेंट भारतीयों में बीते कुछ सालों में एक लोकप्रिय विकल्प हो गया है। ऐसे में ऑनलाइन भुगतान की सुरक्षा बढ़ाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने डिजिटल भुगतान लेनदेन के लिए अल्टरनेटिव ऑथेंटिकेशन मैकेनिज्म फ्रेमवर्क तैयार किया है। यह बदलाव डिजिटल भुगतान की सुरक्षा के लिए केंद्रीय बैंक की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसमें अन्य कारकों पर भी जोर दिया गया है, जो आम OTP विकल्प से बेहतर हैं।

आपको बता दें कि ऑथेंटिकेशन फैक्टर एग्रीगेशन (Authentication Factor Aggregation) पेमेंट डायरेक्शन को वेरिफिकेशन करने के लिए कई कारकों का उपयोग करने की प्रक्रिया है। फिलहाल डिजिटल भुगतान में AFA का सबसे आम तरीका SMS-आधारित वन-टाइम पासवर्ड (OTP) है। मगर बढ़ती टेक्नोलॉजी के कारण लगातार नए विकल्प सामने आए है, जिसके कारण RBI नए विकल्पों पर विचार कर रही है।

RBI का नया फ्रेमवर्क

बीते बुधवार यानी 31 जुलाई को एक प्रेस रिलीज में RBI ने AFA के महत्व को उजागर किया और बताया गया कि SMS-आधारित OTP प्रभावी हैं, लेकिन अन्य तकनीकी समाधान बेहतर सुरक्षा देते हैं। इन्हें तीन ग्रुप में बांटा गया है।

  • पहले विकल्प में यूजर्स को ज्ञात जानकारी, जैसे पासवर्ड, पासफ्रेज या पिन का इस्तेमाल होता है।
  • दूसरे विकल्प में यूजर के पास मौजूद आइटम, जैसे हार्डवेयर या सॉफ़्टवेयर टोकन का उपयोग किया जाता है।
  • तीसरे विकल्प में फिंगरप्रिंट या अन्य बायोमेट्रिक्स जैसे यूनिक ऑप्शन का इस्तेमाल किया जाता है।
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मिलेगी खास छूट

कुछ कम जोखिम वाले लेनदेन नए ढांचे के तहत AFA जरूरतों से छूट पा सकते हैं।

  • छोटे मूल्य के संपर्क रहित कार्ड भुगतान जैसे पॉइंट ऑफ सेल (PoS) टर्मिनल्स पर 5,000 रुपये तक के लेनदेन पर छूट मिलेगी।
  • ई-मैन्डेट, विशिष्ट कैटेगरी और ट्रांजैक्शन लीमिट में छूट दिया जाएगा। जिसमें 1 लाख रुपये तक के म्यूचुअल फंड सब्सक्रिप्शन, बीमा प्रीमियम भुगतान, क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान, 15,000 रुपये तक के अन्य ई-मैन्डेट शामिल है।
  • मास ट्रांजिट सर्विस और गिफ्ट पीपीआई के तहत जारी किए गए प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट्स (पीपीआई) और चुनिंदा प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट्स के साथ किए गए यूटिलिटी पेमेंट पर भी छूट मिलेगी। इसमें राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (एनईटीसी) प्रणाली के लेनदेन भी शामिल है।
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