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ChatGPT बनाने वाले Sam Altman के AI चैलेंज को Jio और Mahindra ने किया स्वीकार, बोले- भारतीय किसी से कम नहीं

एआई चैटबॉट मॉडल चैटजीपीटी ने लॉन्चिंग के साथ ही दुनिया भर के इंटरनेट यूजर्स को लुभाना शुरू कर दिया है। ओपनएआई का यह एआई मॉडल इंसानों जैसी बातचीत करने को लेकर लोकप्रिय है। ऐसे में चैटजीपीटी को लेकर ओपनएआई सीईओ सैम ऑल्टमैन मानते हैं कि भारत अमेरिका का मुकाबला नहीं कर सकता है। वहीं दूसरी ओर दो बड़ी टेक कंपनियां इसके लिए तैयारी कर रही हैं।

By Shivani KotnalaEdited By: Shivani KotnalaUpdated: Tue, 29 Aug 2023 07:00 PM (IST)
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ChatGPT बनाने वाले Sam Altman के AI चैलेंज को Jio और Mahindra ने किया स्वीकार
नई दिल्ली, टेक डेस्क। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी ओपनएआई का नाम चैटजीपीटी मेकर कंपनी के रूप में जाना जाता है। अमेरिका की इस स्टार्टअप कंपनी ने इंटरनेट यूजर्स के लिए इंसानों की तरह बात करने वाला चैटबॉट मॉडल चैटजीपीटी तैयार किया था।

हाल ही में OpenAI के फाउंडर सैम ऑल्टमैन भारत यात्रा पर आए। उन्होंने भारतीयों के लिए कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के मामले में भारत की कंपनियां अमेरिका का मुकाबला नहीं कर सकती हैं। सैम ऑल्टमैन की इस बात को लेकर अब भारत की दो बड़ी कंपनियां सामने आ चुकी हैं।

Sam Altman के चैलेंज को इन दो कंपनियों ने किया स्वीकार

Sam Altman ने भारतीयों के लिए कही थी ये बात

दरअसल, गूगल भारत और साउथ ईस्ट एशिया में वाइस प्रेसिडेंट रहे राजन आनंदन ने सैम ऑल्टमैन से पूछा था कि क्या भारत चैटजीपीटी जैसा एआई टूल बना सकता है।

इस बात के जवाब में ऑल्टमैन ने कहा था कि भारतीयों को अमेरिका से कम्पीट करना होपलेस लगता है। यानी ऐसा होने की उम्मीद भी नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा था कि कोशिश करना आपका काम है, आप चाहें तो कोशिश कर सकते हैं।

भारतीय कंपनियों से Sam Altman को मिला करारा जवाब

टेक महिंद्रा के सीईओ सीपी गुरनानी ने कही थी ये बात

सैम ऑल्टमैन की इस टिप्पणी पर टेक महिंद्रा के सीईओ सीपी गुरनानी का एक्स हैंडल (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट सामने आया था।

उन्होंने कहा कि सैम ऑल्टमैन को भारतीयों का अमेरिका से कम्पीट करना होपलेस नजर आता है। एक सीईओ दूसरे सीईओ से कहना चाहता है कि चैलेंज को स्वीकार कर लिया गया है।

महिंद्रा चैटजीपीटी को टक्कर देने की कर रहा खास तैयारी

टेक महिंद्रा चैटजीपीटी जैसे मॉडल को टक्कर देने के लिए Project Indus पर काम कर रहा है। महिंद्रा का यह प्रोजेक्ट एक लार्ज लैंग्वेज मॉडल (Large Language Model) है। यह मॉडल चैटजीपीटी की तरह ही यूजर्स से 40 भारतीय भाषाओं और बोलियों में बात कर सकेगा।

रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कही ये बात

इसी कड़ी में हाल ही में रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने भी सैम ऑल्टमैन के इस चैलेंज को स्वीकारने में अपनी दिलचस्पी दिखाई। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कंपनी की 46वीं वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए दुनिया में एआई क्रांति को लेकर बाते रखीं।

मुकेश अंबानी ने कहा कि जियो भारतीय यूजर्स के लिए एआई मॉडल्स बनाएगी। एआई को हर किसी के लिए हर जगह लाया जाएगा। मुकेश अंबानी ने कहा कि नए दौर की इस टेक्नोलॉजी के साथ जियो का उद्देश्य देश की सरकार, जनता और कारोबार को लाभ पहुंचाना है।

एआई को लाने के लिए रिलायंस कर रहा ये खास तैयारी

दरअसल, बीते साल रिलायंस ने सिलिकॉन वैली बेस्ड दो प्लेटफॉर्म का 25 प्रतिशत हिस्सा अपने अधिकार में लिया था। यह कंपनी एडवांस टेक्नोलॉजी प्रोजेक्ट को लेकर ही काम करती है। एआई टेक्नोलॉजी के साथ यूजर के एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने के लिए कंपनी 15 मिलियन डॉलर के प्रोजेक्ट पर काम कर रही है।

एआई को लेकर भारत को मिलती है अहमियत

दरअसल ओपनएआई की फंडिंग कंपनी माइक्रोसॉफ्ट है। ऐसे में Microsoft CEO सत्य नडेला भी यही मानते हैं कि एआई को लेकर भारत का किरदार भी मायने रखता है। हाल ही में सत्य नडेला ने एआई के सही इस्तेमाल को लेकर एक ट्वीट किया था।

ये भी पढ़ेंः AI को नियम-कानूनों के दायरे में लाने के लिए अहम होगा भारत का किरदार, Microsoft CEO सत्य नडेला ने कही ये बात

उन्होंने कहा था कि हम भारत और देश से बाहर अवसरों का विस्तार करने के लिए सुरक्षित, संरक्षित और पारदर्शी तरीके से एआई के निर्माण और तैनाती पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।