रिलायंस जियो ने डेवलप की नई तकनीकी, अलग-अलग भाषा के छात्रों को एक साथ पढ़ा सकेंगे शिक्षक
एशिया का सबसे बड़ा टेक इवेंट यानी इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2023 चल रहा है। यह इवेंट 27 अक्टूबर से शुरू होकर 29 अक्टूबर तक चलेगा। इस इवेंट में टेलीकॉम कंपनियों ने अपनी प्रदर्शनी लगाई है। इस इवेंट में रिलायंस जियो ने अपनी लेटेस्ट टेक्नोलॉजी को पेश किया है। इसकी मदद से शिक्षक अलग- अलग भाषाओं के विद्यार्थी को पढ़ा सकते हैं।
राजीव कुमार, नई दिल्ली। सिर्फ एक भाषा जानने वाला शिक्षक अब घर बैठे वर्चुअल तरीके से अलग-अलग भाषा बोलने वाले बच्चों को एक साथ पढ़ा सकेगा। इसका फायदा यह होगा कि बिहार के किसी गांव का होनहार छात्र चेन्नई में बैठे किसी मेधावी शिक्षक से पढ़ाई कर सकेगा।
अभी चाहकर भी नामी-गिरामी शिक्षक भाषाई बाधा की वजह से दूरदराज के बच्चों को अपना ज्ञान नहीं दे पाते हैं। लेकिन अब व्यवधान खत्म हो रहा है। पढ़ाई के दौरान सभी अपनी-अपनी भाषा में ही संवाद करेंगे। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पावर्ड वाले एक ऐसी ही टेक्नोलॉजी को रिलायंस जियो ने डेवलप किया है जिसकी प्रदर्शनी इंडिया मोबाइल कांग्रेस में लगाई गई है।
शुरू हो सकेगा टेक्नोलॉजी का कर्मिशियल
जल्द ही इस टेक्नोलॉजी का कॉमर्शियल इस्तेमाल शुरू हो सकता है।इस टेक्नोलाजी की खासियत यह है कि सिर्फ अंग्रेजी बोलने वाला शिक्षक वर्चुअल तरीके से मराठी, हिन्दी, पंजाबी, तेलगु, जैसी विभिन्न भाषा बोलने वाले छात्र को वह एक साथ पढ़ा सकता है।
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एआई पावर्ड इस टेक्नोलाजी की मदद से पढ़ाने के दौरान वह शिक्षक अंग्रेजी में बोलेगा, लेकिन वर्चुअल तरीके से जुड़े बच्चों को शिक्षक की आवाज उनकी मातृभाषा में सुनाई देगी।
अलग-अलग भाषाओं में हो सकती है पढ़ाई
शिक्षक से पढ़ने वाले पंजाबी बच्चा पंजाबी भाषा में सवाल करेगा, लेकिन शिक्षक को वह सवाल अंग्रेजी में सुनाई देगा। रिलायंस जियो के मुताबिक अभी 30 बच्चे एक साथ इस एप्लीकेशन की मदद से पढ़ सकते हैं या किसी कार्यक्रम में जुड़ सकते हैं।
एक बार इसके कॉमर्शियल लांच के बाद इसकी क्षमता बढ़ाई जाएगी। इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्रालय की तरफ से भी भाषिणी ऐप विकसित किया गया है जो इंटरनेट पर मौजूद कंटेंट को सभी भारतीय भाषा में अनुवाद कर सकता है और कोई व्यक्ति भाषिणी एप की मदद से उसे अपनी भाषा में सुन सकता है, लेकिन रियल टाइम में एक साथ 30 लोगों के साथ अलग-अलग भाषा में संवाद की सुविधा अभी भाषिणी पर नहीं है।
एआई पावर्ड टेक्नोलॉजी
रिलायंस जियो के इस एआई पावर्ड टेक्नोलॉजी से शिक्षा के साथ स्किल कार्यक्रम चलाना भी आसान हो जाएगा। सिर्फ अंग्रेजी में पढ़ाने में सक्षम बड़े शहरों में काम कर रहे इंजीनियर विभिन्न राज्यों के आईटीआई छात्रों को प्रशिक्षित कर पाएंगे। इससे स्किल कार्यक्रम की गुणवत्ता भी सुधरेगी और भाषा की बाधा की वजह से प्रशिक्षण के लिए अच्छे शिक्षकों की कमी नहीं रहेगी। पूरे स्किल कार्यक्रम की गुणवत्ता में बड़ा बदलाव आएगा।
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