ChatGPT, Bard जैसे AI बेस्ड चैटबॉट का नहीं होगा गलत इस्तेमाल, शोधकर्ताओं ने खोजा समाधान
Misuse Of AI Based Chatbot बीते साल इंटरनेट यूजर्स के लिए चैटजीपीटी मॉडल पेश किया गया। ठीक कुछ समय बाद एक के बाद चैटजीपीटी जैसे मॉडल पेश किए गए। समाज के एक वर्ग को इन चैटबॉट के गलत इस्तेमाल को लेकर चिंता सता रही है। वहीं दूसरी ओर शोधकर्ताओं का दावा है कि चैटबॉट का गलत इस्तेमाल रोकने के लिए नए समाधान खोजे गए हैं।
By Shivani KotnalaEdited By: Shivani KotnalaUpdated: Sun, 30 Jul 2023 10:28 AM (IST)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। बीते साल इंटरनेट की दुनिया में उस वक्त एक बड़ी क्रांति आई जब अमेरिका की एआई स्टार्टअप कंपनी ओपनएआई ने एक खास तरह का चैटबॉट मॉडल पेश किया। एआई टेक्नोलॉजी पर आधारित यह चैटबॉट इंसानों जैसे बातचीत करने वाला मॉडल था। इंसानों की भाषा को समझ कर उन्हीं की भाषा में जवाब देना वाला चैटजीपीटी हर यूजर का काम आसान करने लगा।
AI के गलत इस्तेमाल को लेकर है डर
देखते ही देखते चैटजीपीटी जैसे कई दूसरे मॉडल यूजर के लिए पेश होने लगे। समय के साथ यूजर को चैटजीपीटी, बिंग और बार्ड जैसे कई दूसरे मॉडल के विकल्प मिलने लगे।
यह चैटबॉट मॉडल यूजर का काम तो आसान बना रहे हैं लेकिन इनके गलत इस्तेमाल को लेकर भी समाज का एक वर्ग चिंतिंत रहने लगा। इसी कड़ी में एआई आधारित चैटबॉट के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए शोधकर्ताओं ने एक नया समाधान पेश किया है।
AI के साथ यूजर के लिए नहीं पैदा होगा कोई खतरा
शोधकर्ताओं का दावा है कि उन्होंने गूगल, एंथ्रोपिक और ओपनएआई द्वारा बनाए गए चैटबॉट्स द्वारा सुरक्षा से जुड़ी जानकारियों को बायपास करने का तरीका खोज लिया है।चैटबॉट द्वारा दी जाने वाली जानकारियों को बायपास करने के तरीकों को खोजा जा रहा है ताकि, इन चैटबॉट के साथ यह सुनिश्चित किया जा सके कि यूजर को गलत जानकारियां न मिलें। इसके साथ ही यूजर के लिए सुरक्षा से जुड़ा कोई खतरा पैदा न हो।