आखिर मार्केट से कैसे गायब हो गई कभी Apple को टक्कर देने वाली कंपनी BlackBerry, ऐसे खत्म हुआ 14 साल का सफर
Rise and Fall of BlackBerry Phone एक समय में ब्लैकबेरी ने अमेरिका में 43 और ग्लोबल स्तर पर 20 स्मार्टफोन बाजार को कंट्रोल किया था। लेकिन अब कंपनी स्मार्टफोन नहीं बनाती है और जनवरी 2022 में इसने अपने फोन को पूरी तरह से सपोर्ट देना बंद कर दिया है। आइए जानते हैं कि मार्केट शेयर के मामले में कभी एपल को टक्कर देने वाली ब्लैकबेरी कहां गायब हो गई।
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। ब्लैकबेरी एक समय पर 50 मिलियन से अधिक यूनिट बेचने वाले स्मार्टफोन के किंग के रूप में राज करता था। कनाडाई टेलीकॉम कंपनी का नाम मूल रूप से रिसर्च इन मोशन था और इसके लाखों ग्राहक थे। वो एक जमाना था जब Blackberry मोबाइल चलाने वालों को अमीर समझा जाता था।
एक समय में ब्लैकबेरी ने अमेरिका में 43 और ग्लोबल स्तर पर 20 स्मार्टफोन बाजार को कंट्रोल किया था। लेकिन अब कंपनी स्मार्टफोन नहीं बनाती है और जनवरी 2022 में इसने अपने फोन को पूरी तरह से सपोर्ट देना बंद कर दिया है। आइए जानते हैं कि मार्केट शेयर के मामले में कभी एपल को टक्कर देने वाली ब्लैकबेरी कहां गायब हो गई।
ऐसे हुई थी ब्लैकबेरी की शुरुआत?
ब्लैकबेरी की स्थापना 1984 में रिसर्च इन मोशन (RIM) के रूप में की गई थी, जो मॉडेम और पेजर के निर्माण में विशेषज्ञता रखती थी। यह महसूस करते हुए कि मोबाइल एप्लिकेशन बढ़ रहे हैं, RIM ने ऐसे फोन जारी किए, जिनमें पेजर से बड़ी स्क्रीन और QWERTY कीबोर्ड थे। इस डिवाइस की सहायता से ई-मेल भेजा जा सकता है, जो उस समय बहुत ही बेहतर सुविधा थी। QWERTY बटन के छोटे आकार के कारण ब्लैकबेरी शब्द इसकी विशेषता बन गया।
एडवांस्ड फीचर्स के साथ आने वाला पहला फोन था ब्लैकबेरी
1990 के दशक में, जब इंटरनेट सस्ता और सभी के लिए सुलभ नहीं था, ब्लैकबेरी ने बड़ी स्क्रीन और QWERTY कीबोर्ड वाले फोन पेश किए। यह बिजनेस क्लास यूजर्स के लिए उपयोगी था, जो ईमेल का जवाब देने के लिए अपने फोन का इस्तेमाल कर सकते थे। कंपनी ने ब्लैकबेरी मैसेंजर (BBM) भी पेश किया, जो केवल उसके फोन पर उपलब्ध था। उस समय कोई यह मैसेजिंग ऐप्स नहीं हुआ करते थे इसलिए फोन के साथ फ्री में मेसेजिंग मिलना बड़ी बात थी।
आधे से भी ज्यादा अमेरिकी मार्केट पर था ब्लैकबेरी का राज
उस समय ब्लैकबेरी का आधे अमेरिकी बाजार पर कब्ज़ा था। उस समय ब्लैकबेरी न केवल फोन बना रही थी, बल्कि उसके फोन अन्य कंपनियों की तुलना में बेहतर थे। सैमसंग और नोकिया उस समय शानदार फोन पेश कर रहे थे और सॉफ्टवेयर संबंधी बदलाव नहीं कर सकते थे। एक समय में ब्लैकबेरी के पास अमेरिकी सेल फोन बाजार का लगभग 50 प्रतिशत और ग्लोबल सेल फोन बाजार का लगभग 20 प्रतिशत था। आपको बता दें, कंपनी के फोन बिकने का मुख्य कारण ब्लैकबेरी मैसेंजर भी था।
iPhone की रिलीज ने बदल दिया पूरा बाजार
2007 में Apple के संस्थापक स्टीव जॉब्स ने पहला iPhone पेश किया, जिसका सॉफ्टवेयर और डिज़ाइन ब्लैकबेरी मशीन से बेहतर था। iPhone में बड़ी स्क्रीन, बेहतर यूजर इंटरफेस (यूआई) और ब्लैकबेरी की तुलना में बेहतर सॉफ्टवेयर वाला QWERTY कीबोर्ड था। सबसे खास बात यह है कि एपल ने इस फोन को बिजनेस क्लास के बजाय आम यूजर्स के लिए जारी किया था।
एंड्रॉइड फोन की एंट्री ने ब्लैकबेरी का बिगाड़ा खेल
आईफोन की शुरुआत के एक साल बाद, एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम पर आधारित पहला फोन बाजार में आया और यूजर्स द्वारा तुरंत स्वीकार कर लिया गया। मोबाइल फोन निर्माता सैमसंग और मोटोरोला जैसी कंपनियों ने एंड्रॉइड को अपनाया और आम यूजर्स के लिए कम कीमत पर स्मार्ट फीचर्स वाले स्मार्टफोन पेश किए हैं। वॉट्सऐप ने ब्लैकबेरी मैसेंजर (BBM) की जगह ले ली थी और यूजर्स के पास ब्लैकबेरी फोन खरीदने का कोई कारण नहीं था। बिजनेस क्लास यूजर्स हाई-एंड iPhone खरीदना बेहतर समझते थे।
वापसी में कंपनी ने की काफी देर
जब तक ब्लैकबेरी आईफोन और एंड्रॉइड फोन द्वारा लाए गए बाजार हिस्सेदारी को अनुकूलित करने में सक्षम हुआ, तब तक इसका यूजर बेस लगभग खत्म हो गया था। 2013 की शुरुआत में, कंपनी ने ब्लैकबेरी 10 जारी किया, जो टच फोन के लिए एक री डिज़ाइन किया गया सॉफ़्टवेयर था। हालांकि, एंड्रॉइड और आईओएस का बाजार बहुत बड़ा था, इसलिए ऐप डेवलपर्स ब्लैकबेरी 10 के लिए ऐप बनाने में रुचि नहीं रखते हैं। ब्लैकबेरी फोन पर लोकप्रिय एप्लिकेशन की कमी के कारण बाकी यूजर्स ने इसे छोड़ दिया।
इस वजह से बिक गई कंपनी
RIM या यूं कहें कि ब्लैकबेरी फेल हो गई है, कंपनी की हालत खराब थी। इसी बीच चीनी कंपनी टीसीएल ने ब्लैकबेरी स्मार्टफोन ब्रांड को खरीद लिया। उसके बाद, कंपनी ने 2018 में ब्लैकबेरी स्मार्टफोन और की 2 डिवाइस जारी की, लेकिन कुछ नहीं हुआ। 2019 में लोग ब्लैकबेरी के नए स्मार्टफोन के साथ वापस आने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कंपनी ने लोगों को ईमेल भेजकर सूचित किया कि वो अब सर्विस बंद कर रही है।