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रूस ने WhatsApp पर लगाया 30 लाख रुपये का जुर्माना, बैन हुए कंटेंट न हटाने पर हुई कार्रवाई

Russia fines WhatsApp WhatsApp इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप पर रूस ने भरी जुर्माना लगाया है। बैन हुए कॉन्टेंट्स नहीं हटाने की वजह से यह जुर्माना लगाया गया है। वॉट्सऐप पर रूस ने 3 मिलियन रूबल (30 लाख रुपये) का जुर्माना लगाया है। (फाइल फोटो-जागरण)

By Anand PandeyEdited By: Anand PandeyUpdated: Thu, 01 Jun 2023 05:40 PM (IST)
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Russia fines WhatsApp for first time for not deleting banned content
नई दिल्ली, टेक डेस्क। WhatsApp इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप पर भारी जुर्माना लगाया गया है। रायटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक एक रूसी अदालत ने गुरुवार को मैसेंजर सेवा वॉट्सऐप पर बैन कंटेंट को नहीं हटाने के लिए 3 मिलियन रूबल (30 लाख रुपये) का जुर्माना लगाया है।

पहली बार इस इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप को इतना भारी जुर्माना देना होगा। हालांकि, वॉट्सऐप की मूल कंपनी मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक को पिछले साल रूस में एक "चरमपंथी" संगठन के रूप में बैन कर दिया गया था।

रूस ने लगाया भारी जुर्माना

अन्य मेटा सेवाओं, फेसबुक और इंस्टाग्राम अब रूस में बैन हैं। हालांकि, वॉट्सऐप पर पहले रूसी डेटा कानून का पालन करने और देश में सर्वर पर रूसी यूजर्स के डेटा को स्टोर करने के कथित इनकार के लिए जुर्माना लगाया गया था।

RIA समाचार एजेंसी ने बताया कि गुरुवार का जुर्माना वॉट्सऐप द्वारा Lyrica दवा के बारे में जानकारी को हटाने से इनकार करने के कारण था, जिसकी बिक्री और निर्माण रूस में बैन है। बता दें, रूस द्वारा 24 फरवरी, 2022 को यूक्रेन में अपनी सशस्त्र सेना भेजने के बाद विवादों में कंटेंट, सेंसरशिप, डेटा और स्थानीय प्रतिनिधित्व को लेकर मास्को वर्षों से बिग टेक के साथ संघर्ष कर रहा है।

भारत में भी WhatsApp ने लिया कड़ा ऐक्शन

पिछले महीने WhatsApp ने भारत में 36 लाख नंबर ब्लॉक किए हैं। इन नंबरों से फर्जीवाड़ा किया जा रहा था। बीते कुछ साल के दौरान भारतीय यूजर्स को कई इंटरनेशनल नंबर से मैसेज और कॉल्स आ रहे हैं, जिनकी कई लोग रिपोर्ट भी कर रहे हैं। इसके साथ ही कई यूजर्स ने सोशल मीडिया अकाउंट पर इन नंबर की कंट्री कोड के साथ जानकारी भी शेयर की है, जिसमें इंडोनेशिया (+62), वियतनाम (+84), मलेशिया (+60), केन्या (+254) और इथोपिया (+251) हैं।

इन अमेरिकी कंपनियों पर हो चुकी है कार्रवाई

रूस की ओर से यूक्रेन में मिलिट्री कैंपेन शुरू किए जाने के बाद अमेरिकी कंपनियों को लेकर सख्त रुख अपनाया जा रहा है। अब तक रूस गूगल, विकिपिडिया और डिस्कॉट पर कार्रवाई कर चुका है। इन कंपनियों ने रूस से अपने दफ्तर शिफ्ट कर लिए हैं। वहीं, रूसी बाजार में अब चीनी टेक कंपनियां पैर पसार रही हैं।