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Samsung बना दुनिया का टॉप स्मार्टफोन ब्रांड, जानिए Apple और Xiaomi की रैंकिंग

Canalys की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल तीसरी तिमाही में ग्लोबल स्मार्टफोन शिपमेंट में पिछले साल के मुकाबले 6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। इसकीक वजह कंपोनेंट और चिपसेट कमी को माना जा रहा है। Canalys

By Saurabh VermaEdited By: Updated: Tue, 19 Oct 2021 09:47 AM (IST)
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यह Samsung स्मार्टफोन की प्रतीकात्मक फाइल फोटो है।
सियोल, एएनआई। Samsung Electronics पहली बार ग्लोबल स्मार्टफोन मार्केट में पहला स्थान बनाया है। कंपनी ने इस साल की तीसरी तिमाही में यह कारनामा किया है। वहीं iphone 13 सीरीज की लॉन्चिंग के साथ Apple दूसरे स्थान हासिल करने में कामयाब रही। इसकाक खुलाास ग्लोबल मार्केट रिसर्च फर्म Canalys से हुआ था। Samsung ने 23 फीसदी मार्केट शेयर के साथ पहले पायदान पर रही। Apple को पिछले साल की तरह ही दूसरा स्थान हासिल हुआ है। लेकिन पिछले साल के 12 फीसदी के मुकाबले साल 2021 की तीसरी तिमाही में मार्केट शेयर बढ़कर 15 फीसदी हो गया।

किसका कितना रहा मार्केट शेयर

Q3 2021 मार्केट शेयर 

  • Samsung - 23%
  • Apple - 15%
  • Xiaomi - 14%
  • Vivo - 10%
  • Oppo - 10%
Q3 2020 मार्केट शेयर 

  • Samsung - 23%
  • Apple - 12%
  • Xiaomi - 14%
  • Vivo - 9%
  • Oppo - 9%
चीनी स्मार्टफोन ब्रांड Xiaomi ग्लोबल स्मार्टफोन मार्केट शेयर के मामले में तीसरे पायदान पर रहा। हालांकि Xiaomi का मार्केट शेयर पिछले साल की तरह 14 फीसदी ही रहा। Vivo का मार्केट शेयर ग्लोबल मार्केट में पिछले साल के 9 फीसदी से बढ़र इस साल तीसरी तिमाही में 10 फीसदी हो गया। इसी तरह Oppo का मार्केट शेयर भी 9 फीसदी से इस साल बढ़कर 10 फीसदी हो गया।

इनका नहीं बढ़ा मार्केट शेयर 

Samsung ब्रांड ग्लोबल स्मार्टफोन मार्केट शेयर के मामले में पहले पायदान पर काबिज रहने में कामयाब रही। लेकिन पिछले साल के मुकाबले Samsung के मार्केट शेयर में इजाफा नहीं दर्ज किया गया है। जबकि Apple के मार्केट शेयर में सबसे ज्यादा 3 फीसदी की ग्रोथ रही। वहीं Vivo और Oppo ने 1 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की। लेकिन शाओमी के मार्केट शेयर में पिछले साल के मुकाबले कोई बदलाव नहीं हुआ। 

चिपसेट की कमी बनी मुसीबत 

Canalys की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल तीसरी तिमाही में ग्लोबल स्मार्टफोन शिपमेंट में पिछले साल के मुकाबले 6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। इसकीक वजह कंपोनेंट और चिपसेट कमी को माना जा रहा है। Canalys के चीफ एनालिस्ट Ben Stanton के मुताबिक चिपसेट मैन्युफैक्चिरंग कंपनियों की तरफ से कीमत में इजाफा किया गया है, जिससे ज्यादा मिलने वाले आर्डर में कमी लायी जा सके। लेकन चिपसेट कमी की समस्या साल 2022 तक जारी रहने की संभावना जाहिर की गई है।