Samsung Success Story: दाल चावल बेचने से शुरू हुआ सफर, आज है दिग्गज स्मार्टफोन कंपनी; कहानी सैमसंग की...
एक दौर था जब सैमसंग दाल चावल बेचा करती थी और आज का वक्त है जब कंपनी का इलेक्ट्रॉनिक सेगमेंट में अच्छा खासा रुतबा है। साल 1938 में दक्षिण कोरिया के बायुंग चुल ने सैमसंग की शुरुआत ग्रॉसरी ट्रेंडिंग स्टोर के रूप में की थी। इसके बाद सैमसंग ने इंश्योरेंस सेक्टर में एंट्री कर ली और टेक्स्टाइल बिजनेस में भी इन्होंने कदम बढ़ाना शुरू कर दिया।
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। एपल के बाद अगर किसी कंपनी के स्मार्टफोन सबसे ज्यादा पसंद किए जाते हैं तो वह सैमसंग है। भले ही सैमसंग आज स्मार्टफोन सेगमेंट में अपना अच्छा वर्चस्व स्थापित कर चुका है। लेकिन एक ऐसा भी दौर था जब कंपनी दूर-दूर तक इस सेगमेंट में एंट्री करने का इरादा नहीं रखती थी।
बहुत लोग नहीं जानते होंगे कि सैमसंग की शुरुआत ग्रॉसरी ट्रेंडिंग स्टोर के रूप में हुई थी। कंपनी शुरुआत में दाल चावल बेचा करती थी। लेकिन, फिर एक ऐसा वक्त आया जब सैमसंग ने फोन बनाने की शुरुआत की और अब हर सेगमेंट में कंपनी राज कर रही है। इस खबर में जानेंगे कि सैमसंग की यात्रा में क्या-क्या अहम पड़ाव आए।
दाल चावल बेचने से हुई शुरुआत
एक दौर था जब सैमसंग दाल चावल बेचा करती थी और आज का समय है जब कंपनी टीवी, फ्रिज, कूलर सहित तमाम इलेक्ट्रॉनिक्स सामान बेचती है। इसके अलावा स्मार्टफोन सेगमेंट में तो कंपनी का जलवा है ही। साल 1938 में दक्षिण कोरिया के बायुंग चुल ने सैमसंग की शुरुआत की थी। उस समय यह फिश, आटा, चीनी, नूडल्स का बिजनेस किया करते थे। कुछ सालों तक कंपना का ये सिलसिला यूं ही रहा।लेकिन एक ऐसा समय आया जब सैमसंग ने इंश्योरेंस सेक्टर में एंट्री कर ली और टेक्स्टाइल बिजनेस में भी इन्होंने कदम बढ़ाना शुरू कर दिया। लेकिन वो कहते हैं न डेस्टिनी कहीं और ले जाना चाहे और आप किसी दूसरी राह को पकड़ लें, तो मुश्किल हो ही जाती है।
सैमसंग को समझ आया कि उनके लिए यह सेक्टर मुफीद नहीं है। बस इसी का नतीजा सैमसंग है। क्योंकि यही वह वक्त था जब सैमसंग ने चाल चावल से आगे बढ़कर टेक्नोलॉजी सेक्टर की ओर पैर पसारना शुरू कर दिया। 1969 ही वह साल था जब सैमसंग को सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स के नाम से पहचान मिली।
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