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आर्मी और BSNL ने सबसे ऊंचे युद्धस्थल पर लगाया ट्रांसीवर, सैनिकों को मिलेगी बेहतर मोबाइल और इंटरनेट कनेक्टिविटी

हिमालय में काराकोरम रेंज में स्थित सियाचिन ग्लेशियर देश के सैनिकों के लिए एक कठिन युद्धस्थल माना जाता है। यह ग्लेशियर दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र माना जाता है। सियाचिन वॉरियर्स के लिए इस कठिन युद्धक्षेत्र में मोबाइल संचार को लेकर कई तरह की परेशानियां आती हैं। इसी कड़ी में भारतीय सेना ने सियाचिन वॉरियर्स से जुड़ा एक अपडेट जारी किया है।

By Shivani KotnalaEdited By: Shivani KotnalaUpdated: Thu, 12 Oct 2023 11:44 AM (IST)
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आर्मी और BSNL ने सबसे ऊंचे युद्धस्थल पर लगाया ट्रांसीवर

टेक्नोलॉजी डेस्क। हिमालय में काराकोरम रेंज में स्थित सियाचिन ग्लेशियर देश के सैनिकों के लिए एक कठिन युद्धस्थल माना जाता है। यह ग्लेशियर दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र माना जाता है। भारतीय जवान इस युद्धक्षेत्र पर तैनात देश की रक्षा करते हैं।

सियाचिन वॉरियर्स के लिए इस कठिन युद्धक्षेत्र में मोबाइल संचार को लेकर कई तरह की परेशानियां आती हैं। इसी कड़ी में भारतीय सेना ने सियाचिन वॉरियर्स से जुड़ा एक अपडेट जारी किया है।

पहला बीएसएनएल बेस ट्रांसीवर स्टेशन हुआ स्थापित

सियाचिन वॉरियर्स ने बीएसएनएल के सहयोग से 15,500 फीट से अधिक ऊंचाई पर तैनात सैनिकों के लिए मोबाइल संचार का विस्तार किया है। भारतीय सेना की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र की चौकियों पर पहला बीएसएनएल बीटीएस (बेस ट्रांसीवर स्टेशन) स्थापित किया गया है।

— ANI (@ANI) October 12, 2023

सेना की ओर से दी गई इस जानकारी के मुताबिक सियाचिन पर तैनात सैनिकों के लिए मोबाइल संचार को बेहतर बनाने के लिए 6 अक्टूबर को बीएसएनएल बीटीएस स्थापित हुआ है।

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सियाचिन की तस्वीरें भी आईं सामने

दरअसल, भारतीय सेना की ओर से सियाचिन ग्लेशियर को लेकर नया अपडेट कुछ घंटों पहले ही जारी किया गया है। इस अपडेट के साथ एक्स हैंडल पर एएनआई की ओर से कुछ तस्वीरें भी पोस्ट की गई हैं।

मालूम हो कि इतनी ऊंचाई पर स्थित युद्धक्षेत्र में तैनात सिपाहियों को अक्सर मोबाइल संचार को लेकर परेशानी का सामना करना पड़ता है। सैनिकों को इंटरनेट कनेक्टिविटी को लेकर भी परेशानी आती है। ऐसे में बीएसएनएल बीटीएस (बेस ट्रांसीवर स्टेशन) स्थापित होने के बाद मोबाइल संचार को लेकर सैनिकों की परेशानी कुछ कम हो सकेगी।