Move to Jagran APP

सुप्रीम कोर्ट ने WhatsApp और Google से मांगा जवाब, भारतीयों के UPI पेमेंट डेटा के गलत इस्तेमाल का है आरोप

जस्टिस एस ए बोबडे जस्टिम ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम ने कहा WhatsApp Facebook Google Pay Amazon Pay और केंद्र सरकार इस मामले में जबाव दाखिल करें। कोर्ट ने मामले में सभी पक्षों को चार हफ्तों में जबाव दाखिल करने का निर्देश दिया है।

By Saurabh VermaEdited By: Updated: Mon, 01 Feb 2021 06:09 PM (IST)
Hero Image
कोर्ट ने कहा है कि WhatsApp सुनिश्चित करे कि वो RBI और NPCI के दिशा-निर्देशों का पालन करते हैं।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप WhatsApp के UPI पेमेंट डेटा की सुरक्षा के मुद्दे पर जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा है कि WhatsApp सुनिश्चित करे कि वो RBI और NPCI के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए अपनी पैरेंट्स कंपनी Facebook या किसी थर्ड पार्टी के साथ यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) प्लेटफॉर्म का डेटा साझा नहीं करेगी। जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिम ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम ने कहा WhatsApp, Facebook, Google Pay, Amazon Pay और केंद्र सरकार इस मामले में जबाव दाखिल करें। कोर्ट ने मामले में सभी पक्षों को चार हफ्तों में जबाव दाखिल करने का निर्देश दिया है। 

नियमों के उल्लंघन का है आरोप 

कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI) से राज्यसभा सांसद बिनॉय विस्वम की ओर मामले में एक याचिका दाखिल की गई थी। याचिका में एक रेग्यूलेशन बनाने मांग की गई है, जिससे UPI पेमेंट प्लेटफॉर्म का गलत इस्तेमाल ना किया जा सके। विश्वम के मुताबिक RBI और NPCI UPI दिशा-निर्देशों के कथित उल्लंघन के बावजूद इन कंपनियों को UPI पेमेंट सर्विस की अनुमति कैसे दी जा सकती है। याचिका में गूगल, अमेजन, फेसबुक और व्हाट्सएप द्वारा भुगतान सेवाओं के संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और भारत के राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) के लिए दिशा-निर्देश मांगे गए हैं ताकि डेटा के दुरुपयोग से बचाने के लिए नियमों का पालन किया जा सके। 

WhatsApp को मिल चुकी है मंजूरी  

बिनॉय विश्वम ने आरोप लगाया है कि गूगल, अमेजन, फेसबुक और व्हाट्सएप भारत में UPI पेमेंट सिस्टम का पालन नहीं कर रहे है, जिससे भारतीय नागरिकों के डेटा का गलत इस्तेमाल हो रहा है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट वी गिरी के मुताबिक वो इस मामले में जवाब दाखिल कर चुके हैं। WhatsApp की तरफ से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कहा कि WhatsApp को सभी जरूरी मंजूरी मिल चुकी हैं।