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Teacher's Day 2018: Google ने बनाया अनोखा डूडल, जानें Google-doodle से जुड़ी खास बातें

देश के प्रथम उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति और शिक्षाविद सर्वपल्ली राधाकृष्णन के 130वें जयंती पर गूगल ने डूडल बनाकर उनको याद किया है

By Harshit HarshEdited By: Updated: Thu, 06 Sep 2018 07:34 AM (IST)
Teacher's Day 2018: Google ने बनाया अनोखा डूडल, जानें Google-doodle से जुड़ी खास बातें
नई दिल्ली (टेक डेस्क)। Google ने अपने डूडल के माध्यम से देश के प्रथम उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति और शिक्षाविद सर्वपल्ली राधाकृष्णन के 130वें जयंती पर याद किया है। गूगल ने अपने डूडल को गणित, रसायन विज्ञान, बॉयोलॉजी, एस्ट्रोलॉजी एवं खेल में इस्तेमाल होने वाले साधनों के साथ डिजाइन किया है। गूगल का ये अनोखा डूडल सभी क्षेत्र के शिक्षकों को समर्पित किया है।

क्यों मनाया जाता है 'टीचर्स डे'?

आपको बता दें भारत में 'टीचर्स डे' यानी शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। वहीं, 'वर्ल्ड टीचर्स डे' हर साल 5 अक्तुबर को मनाया जाता है। समाज में शिक्षकों के योगदान को सम्मानित करने और डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के रुप में भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। राधाकृष्णन एक जाने माने विद्वान, शिक्षक, दार्शनिक और भारत के दूसरे राष्ट्रपति थे।

अनोखा गूगल डूडल

गूगल ने आज एक ऐनिमेटेड गूगल डूडल बनाया है, जिसमें गूगल का G ग्लोब के रूप में बनाया गया है जो घूमता हुआ दिखता है। जब ग्लोब रुकता है तो उस पर चश्मा बन जाता है जो किसी टीचर जैसा दिखाई देता है। डूडल में आसपास कई और भी सब्जेक्ट्स से जुड़े बबल्स भी दिए गए हैं। इनमें मैथ्स, रसायन विज्ञान, बॉयोलॉजी आदि सबजेक्ट्स से जुड़े ऐनिमेटेड इमेज दिया गया है।

2008 से हुई गूगल डूडल की शुरुआत

गूगल ने पहला गूगल-डूडल भारतीय यूजर्स के लिए साल 2008 में टीचर्स डे पर बनाया था। जिसके बाद से यह सिलसिला आज तक चला आ रहा है। दुनियाभर के देश में अलग-अलग दिन टीचर्स डे मनाया जाता है और इसी के मुताबिक उस देश के गूगल के डूडल को बदल दिया जाता है।

गूगल डूडल क्या है?

गूगल खासतौर पर देशभर में छुट्टियों, सालगिरह और प्रसिद्ध लोगों के जीवन को सेलिब्रेट करने के लिए गूगल के लोगो को बदल कर पेश करता है। गूगल के ये डूडल काफी मजेदार और क्रिएटिव होतो हैं। इतना ही नहीं, अगर आप गूगल डूडल पर क्लिक करेंगे तो आपको डूडल के सब्जेक्ट से जुड़ी सारी जानकारी भी मिलती है।

इस तरह आया डूडल का आइडिया

साल 1998 में गूगल के फाउंडर्स लैरी पेज और सर्गी ब्रिन ने डूडल के कॉन्सेप्ट के बारे में तब सोचा था जब उन्होंने नेवादा रेगिस्तान के बर्निंग मैन फेस्टिवल में अपनी मौजूदगी दर्ज करवाने के लिए कंपनी के लोगो में मौजूद दूसरे O में बदलाव किया था, जो यह दर्शाता था कि गूगल फाउंडर्स ऑफिस से बाहर हैं। इसे यूजर्स का इतना शानदार रिस्पॉन्स मिला कि डेनिस को गूगल के डूडल का चीफ नियुक्त कर दिया गया। इसके बाद से ही लगातार अलग-अलग तरह के डूडल बनाए जाने लगे। इस साल दुनियाभर के लिए डूडल की टीम ने करीब 2000 डूडल तैयार किए हैं। इस तरह से गूगल-डूडल का शुरु हुआ सफर आज भी जारी है।

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