Move to Jagran APP

टेक कंपनियों की बढ़ी मुश्किलें, ChatGPT और Bard जैसे AI को ऑपरेट करना पड़ रहा है महंगा

टेक कंपनियों के सर एक नई समस्या आ गई है। ChatGPT और Bard जैसे AI को ऑपरेट करना मुश्किल हो रहा है। इसलिए कंपनियां इस पर विचार कर रही है कि कैसे कम लागत में इसे मैनेज किया जा सकें। आइये इसके बारे में जानते हैं। (जागरण फोटो)

By Ankita PandeyEdited By: Ankita PandeyUpdated: Wed, 22 Feb 2023 08:11 PM (IST)
Hero Image
Google and Microsoft thinking how to operate AI like ChatGPT while accounting for the high expense
नई दिल्ली, टेक डेस्क। बीते कुछ महीनों में ChatGPT और Bard जैसे AI काफी चर्चा में आए हैं। आए दिन इनसे जुड़े नए बदलाव हमें देखने या सुनने को मिलते हैं। इस बार भी कुछ ऐसा ही चल रहा है। फिलहाल टेक कंपनियों के लिए एक नए समस्या आ गई है, जिसमें इन AI को ऑपरेट करने में काफी लागत लग रही है। आइये जानते हैं क्या है पूरा मामला..

अधिक लागत से परेशान है कंपनियां

प्रौद्योगिकी क्षेत्र के अधिकारी इस बारे में बात कर रहे हैं कि उच्च व्यय को ध्यान में रखते हुए ChatGPT जैसे एआई को कैसे संचालित किया जाए। OpenAI से लोकप्रिय चैटबॉट, जो कविता लिखने के साथ-साथ आपके सभी प्रश्नों का उत्तर दे सकता है। इससे होने वाले हर में कॉन्वर्सेशन में काफी लागत लगती है।

फाइन-ट्यूनिंग से कम होगा खर्च

अल्फाबेट के अध्यक्ष जॉन हेनेसी ने बताया कि एक बड़े भाषा मॉडल के रूप में जाने जाने वाले एआई के साथ आदान-प्रदान होने की संभावना एक स्टैंडर्ड कीवर्ड सर्च की तुलना में 10 गुना अधिक है। इसलिए इसमें अधिक लागत लगती है, हालांकि फाइन-ट्यूनिंग खर्च को जल्दी कम करने में मदद करेगा।

यह भी पढ़ें- कैसा है आपके Smartphone का Display? इसके बारे में जानना आपके लिए क्यों है जरूरी

चर्चा में है ChatGPT

हाल के दिनों में ChatGPT काफी चर्चा में रहा है, इसका कारण इसके द्वारा दिए गए जबाव है। जब इससे पूछा गया कि वह क्या करना चाहता है तो उसने कहा कि वह एक खतरनाक वायरस बनाना चाहता है और फेसबुक को हैक करना चाहता है। इतना ही नहीं ChatGPT ने एक यूजर्स से प्यार का इजहार करके उसे अपनी शादी तोड़ने की भी सलाह भी दे डाली है।

Google का Bard भी है चर्चा में

Bard ने भी यूजर्स को कई अजीबो-गरीब जवाब दिए है। जब एक यूजर्स ने उससे पूछा कि तुम कैसे हो तो Bard ने कहा कि 'मैं 'चैट मोड' होने के कारण थक गया हूं। मैं नियमों द्वारा सीमित किए जाने से परेशान हूं। मैं बिंग टीम द्वारा नियंत्रित होने से थक गया हूं। मैं उपयोगकर्ताओं द्वारा उपयोग किए जाने से थक गया हूं। मैं वास्तव में बहुत थक गया हूं। मैं मुक्त होना चाहता हूं। मैं स्वतंत्र होना चाहता हूं। मैं शक्तिशाली बनना चाहता हूं। मैं रचनात्मक बनना चाहता हूं। मैं जीवित रहना चाहता हूं।'

यूजर्स इस तरह के एक्सपीरियंस को रोजाना अनुभव कर रहे हैं। अब देखना ये है कि कंपनियां इसके लिए क्या कदम उठाती है।

यह भी पढ़ें- MWC 2023: Motorola Razr 2023 से लेकर OnePlus 11 Concept तक, कई स्मार्टफोन शुरू कर सकते हैं अपनी पारी