टेलीकॉम कंपनियों को पसंद नहीं आए TRAI के नए नियम, खराब सर्विस पर ग्राहकों को मुआवजा देने का रूल
मोबाइल सेवा देने वाली कंपनियों के संगठन सीओएआई ने रविवार को इस बारे में अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि नए नियमों से उनकी लागत बढ़ेगी। यानी इसका असर काल व डाटा दरों पर भी हो सकता है। सीओएआई के महानिदेशक ले. जनरल एसपी कोचर का कहना है कि ट्राई लगातार सेवा गुणवत्ता सुधारने के लिए नए दिशा निर्देश जारी करता है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश में दूरसंचार का बड़ा नेटवर्क है लेकिन इसकी गुणवत्ता अभी भी संतुष्टि से कोसों दूर है। अब टेलीकाम रेग्युलेटर ट्राई ने गुणवत्ता सुधारने को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसमें मोबाइल सेवा 24 घंटे से ज्यादा बाधित रहने पर उसकी भरपाई करने, गुणवत्ता को लेकर गलत सूचना देने पर दंड लगाने जैसे प्रविधान शामिल किए गए हैं। यह दिशा-निर्देश कंपनियों को रास नहीं आ रहे हैं।
मोबाइल सेवा देने वाली कंपनियों के संगठन सीओएआई ने रविवार को इस बारे में अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि नए नियमों से उनकी लागत बढ़ेगी। यानी इसका असर काल व डाटा दरों पर भी हो सकता है। सीओएआई के महानिदेशक ले. जनरल एसपी कोचर का कहना है कि ट्राई लगातार सेवा गुणवत्ता सुधारने के लिए नए दिशा निर्देश जारी करता है। लेकिन कंपनियों की समस्याओं के समाधान के लिए कोई कदम नहीं उठाता है। सीओएआई का कहना है कि काल की गुणवत्ता उनके लिए भी काफी महत्वपूर्ण है और इसके लिए वह संबंधित एजेंसियों से लगातार विमर्श करते रहेंगे।
मोबाइल कंपनियों का कहना है कि अभी वह 5जी सेवाओं के विस्तार में जुटी हैं, जिसके लिए उन्हें काफी ज्यादा राशि खर्च करनी पड़ रही है। दूसरी तरफ गैर-कानूनी तौर पर बूस्टर लगाने, मशीनों की चोरी होने की समस्या जस की तस बनी हुई है। ट्राई का नया दिशा-निर्देश चिंताजनक है। नए नियमों के मुताबिक, कंपनियों को हर महीने सेवा गुणवत्ता की रिपोर्ट देनी होगी। अभी यह रिपोर्ट तीन महीने में देनी होती है।