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टेलीकॉम कंपनियों ने TRAI से की मांग, कॉल करने वाले का नाम दिखाना नहीं होना चाहिए अनिवार्य

सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने कहा कि कॉल करने वाले का नाम प्रदर्शित करने का कार्यान्वयन अनिवार्य नहीं होना चाहिए ब्लकि टेलीकॉम ऑपरेटर्स के पास वैकल्पिक ऑप्शन होना चाहिए। क्योंकि इससे देशभर के यूजर्स का डाटा प्रभावित हो सकता है।( जागरण फोटो)

By Ankita PandeyEdited By: Ankita PandeyUpdated: Fri, 20 Jan 2023 01:42 PM (IST)
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Implementation of caller name display should not be mandatory Telecom body
नई दिल्ली, टेक डेस्क।भारत में मुख्य रूप से तीन प्राइवेट टेलीकॉम ऑपरेटर्स काम करते है। हाल ही में उद्योग निकाय COAI ने दलील दी है कि कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (सीएनएपी) को अनिवार्य नहीं बनाया जाना चाहिए बल्कि दूरसंचार ऑपरेटरों के लिए वैकल्पिक रखा जाना चाहिए। एसोसिएशन ने अपनी बात का तर्क देने के लिए नियामक ट्राई के साथ तकनीकी, गोपनीयता और लागत संबंधी चिंताओं को साझा किया है।

क्या है CNAP?

जहां तक CNAP की बात है तो यह एक सप्लीमेंट्री सेवा है, जो कॉल करने वाले का नाम किसी के कॉल करने पर फोन स्क्रीन पर फ्लैश करने में सक्षम बनाती है। बता दें कि टेलीकम्युनिकेशन नेटवर्क में कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) सप्लीमेंट्री सर्विस शुरू करने की जरूरत पर टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) द्वारा शुरू की गई एक परामर्श प्रक्रिया के तहत एक सबमिशन आया।

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वैकल्पिक होनी चाहिए सेवा

COAI ने कहा कि CNAP अनिवार्य नहीं होना चाहिए और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के लिए वैकल्पिक होना चाहिए। बता दें कि COAI के सदस्यों में Reliance Jio, Bharti Airtel और Vodafone Idea शामिल हैं। सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने कहा कि CNAP के कार्यान्वयन को TSP पर छोड़ देना चाहिए और वे बाजार की गतिशीलता/व्यावसायिक मामले को ध्यान में रखते हुए इसे लागू करने पर विचार कर सकते हैं।

COAI दिए ये तर्क

COAI ने अपने तर्कों में बताया कि सभी हैंडसेट ऐसी कार्यक्षमताओं का समर्थन करने में सक्षम नहीं हैं। इसने देश की सब्सक्राइबर जानकारी की निजता और गोपनीयता से संबंधित चिंताओं को भी प्रदर्शित किया।

प्रभावित होता है सब्सक्राइबर डाटा

COAI ने आगाह किया कि यह देखते हुए कि हैंडसेट निर्माताओं और ऑपरेटिंग सिस्टम ऑपरेटर्स का CNAP सुविधा से मिलने वाले डाटा पर नियंत्रण होता है, इसके परिणामस्वरूप सब्सक्राइबर डाटा गोपनीयता का उल्लंघन हो सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मोबाइल डिवाइस के निर्माता और OS ऑपरेटर्स पूरे देश के लिए सब्सक्राइबर डाटा एकत्र करेंगे।

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