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बिना सिम कार्ड के काम करेगा स्मार्टफोन, दूरसंचार विभाग ने दी ई-सिम को मंजूरी

दूरसंचार विभाग ने टेलीकॉम ऑपरेटर्स को ई-सिम लागू करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Updated: Fri, 18 May 2018 07:20 PM (IST)
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बिना सिम कार्ड के काम करेगा स्मार्टफोन, दूरसंचार विभाग ने दी ई-सिम को मंजूरी

नई दिल्ली (टेक डेस्क)। मोबाइल यूजर्स को अब नया कनेक्शन लेने के लिए सिम खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी। दूरसंचार विभाग (डॉट) ने इंबेडेड सिम (ई-सिम) के प्रयोग को मंजूरी देने वाले नए दिशानिर्देश जारी कर यह व्यवस्था दी है। नए दिशानिर्देशों के मुताबिक जब भी कोई उपयोगकर्ता अपनी सेवा प्रदाता कंपनी बदलना या नया कनेक्शन लेना चाहेगा, तो उसके स्मार्टफोन या डिवाइस में इंबेडेड सब्सक्राइबर आइडेंटिटी मॉड्यूल यानी ई-सिम डाल दी जाएगी। उस ई-सिम में उस उपयोगकर्ता द्वारा प्रयोग की जा रही सभी सेवा प्रदाताओं की सूचनाएं अपडेट कर दी जाएंगी। फिलहाल ई-सिम तकनीक का इस्तेमाल रिलांयस जियो और एयरटेल एपल वॉच के जरिए किया जा रहा है।

अधिकतम 18 सिम कार्ड हो सकेंगे इश्यू

इसके साथ ही विभाग ने प्रत्येक मोबाइल उपयोगकर्ता को अधिकतम 18 तक सिम का प्रयोग करने की भी इजाजत दे दी है। डॉट ने सिर्फ मोबाइल फोन के लिए नौ सिम के साथ मशीन-टू-मशीन मिलाकर कुल 18 सिम के प्रयोग की इजाजत दी है। यानी की एक यूजर को केवल अधिकतम 18 सिम कार्ड ही इश्यू की जा सकेंगी।

क्या है ई-सिम?

ई-सिम को इंबेडेड सब्सक्राइबर आइडेंटिटी मॉड्यूल कहा जाता है। यह तकनीक सॉफ्टवेयर के जरिए काम करती है। फिलहाल इस तकनीक का इस्तेमाल स्मार्टवॉच में किया जा रहा है। लेकिन इस तकनीक को अब समार्टफोन पर रोल-ऑउट कर दिया जाएगा, जिससे यूजर्स केवल सॉफ्टवेयर के जरिए टेलीकॉम सेवाएं ले सकेंगे। इसके अलावा एक ऑपरेटर से दूसरे ऑपरेटर में स्विच करने में भी आसानी होगी।

बढ़ जाएगी बैटरी लाइफ

ई-सिम तकनीक के जरिए स्मार्टफोन की बैटरी लाइफ बढ़ जाएगी। सॉफ्टवेयर के जरिए काम करने वाले ई-सिम में फिजिकल सिम की अपेक्षा में स्मार्टफोन के बैटरी की खपत कम हो जाएगी। इसके अलावा यूजर्स का सिम पोर्ट करने के लिए 7 दिन का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इस तकनीक से यूजर्स तुरंत अपने ऑपरेटर बदल सकते हैं। इसके अलावा स्मार्टफोन में सिम कार्ड स्लॉट की भी जरूरत नहीं होगी जिससे आपके स्मार्टफोन में अतिरिक्त जगह भी बन जाएगी।

2016 में हुई थी शुरुआत

इस तकनीक की शुरुआत 2016 में हो चुकी है। स्मार्टफोन निर्माता कंपनी सैमसंग ने इस तकनीक का इस्तेमाल अपने स्मार्टवॉच सैमसंग गियर 2 में किया था। बाद में इस तकनीक का इस्तेमाल एपल वॉच 3 में किया गया। भारत में रिलायंस जियो और एयरटेल इस तकनीक का इस्तेमाल करने वाली टेलीकॉम आपरेटर है जो एपल वॉच के जरिए ई-सिम की सुविधा दे रही है।

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