Telecom Bill 2023 में फर्जी डॉक्यूमेंट से सिम लेने वालों के लिए कड़ा प्रावधान, पढ़ें बिल से जुड़ी जरूरी बातें
Telecom Bill 2023 लोकसभा के बाद 21 दिसंबर को राज्यसभा से भी पास हो गया है। इस विधेयक में फर्जी दस्तावेज से सिम कार्ड लेने वालों के लिए कड़ा प्रावधान बनाया गया है। विधेयक में सिम बेचने वाले डीलरों के लिए भी नियम बनाए गए हैं और स्पैम कॉल को रोकने के लिए भी नियम है। आइए इसके बारे में जान लेते हैं।
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। सरकार ने नागरिकों और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए दूरसंचार विधेयक 2023 बिल लाई है, जो लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी पास हो गया है। यह सरकार को किसी भी मुश्किल परिस्थिति में टेलीकॉम सर्विस अथवा नेटवर्क को प्रतिबंधित करने की अनुमति देता है। बता दें, ये बिल अधिनियम 1933 और टेलीग्राफ कानून की जगह लेगा। आइए इस बिल के बारे में कुछ जरूरी बातें जान लेते हैं।
फर्जी दस्तावेज से सिम लेने पर होगी सजा
ससंद में पेश किए गए विधेयक में फर्जी दस्तावेज से सिम कार्ड लेने पर सजा का प्रावधान किया गया है। अगर कोई व्यक्ति फर्जी डॉक्यूमेंट के आधार पर सिम कार्ड लेता है तो उसके लिए विधेयक में 3 साल की जेल और 50 लाख रुपये तक जुर्माना देना पड़ सकता है।
इसमें विधेयक में सिम कार्ड लेने से पहले अनिवार्य रूप से बायोमेट्रिक डिटेल लेने के बारे में जानकारी दी गई है और सिम कार्ड बेचने वाले थोक डीलरों के लिए भी कई तरह के कानून बनाए गए हैं। अब सिम कार्ड डीलरों को पुलिस वेरिफिकेशन कराना जरूरी होगा।
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गैरजरूरी कॉल और मैसेज मिलेगा छुटकारा
दूरसंचार विधेयक 2023 बिल में नागरिकों के पास आने वाली गैरजरूरी कॉल और मैसेज से छुटकारा दिलाने के लिए भी कुछ कायदे-कानून बनाए गए हैं। स्पैम कॉल से लोगों को सुरक्षित रखने के लिए टेलीकॉम कंपनियों को कुछ नियम बनाने होंगे।
ओटीटी एप्स नहीं है विधेयक में शामिल
ओवर द टॉप यानी ओटीटी को सरकार ने दूरसंचार विधेयक में नहीं रखा है। सरकार के इस फैसले से व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे प्लेफॉर्म खुश हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने डिजिटल इंडिया अधिनियम के तहत विनियम संभालने की बात कही है।
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सजा और जुर्माने के प्रावधान
नए टेलीकॉम बिल के तहत बिना प्राधिकरण की अनुमति के दूरसंचार सेवाएं उपलब्ध करवाना या फिर नेटवर्क या डेटा तक अनऑफिशियल तरीके से पहुंचने पर तीन साल तक की कैद और 2 करोड़ रुपये तक का जुर्माना या दोनों का प्रावधान किया है।
इसके साथ नियमों का उल्लंघन करने पर 5 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके साथ ऐसे अनऑथराइज्ड डिवाइस और नेटवर्क या सेवा के इस्तेमाल पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।