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नए संसद भवन को एडवांस टेक्नोलॉजी के साथ AI फीचर्स बनाते हैं और भी खास, यहां जानें सभी खूबियां

संसद भवन की नई इमारत में हाल ही में काम शुरू किया गया है। इस नए ससंद में फेशियल रिकग्निशन प्रणाली से लेकर स्कैनिंग टेक्नोलाजी तक सभी नई तकनीकी है। इसके अलावा भवन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित अनुवाद से लेकर पर्सनल स्मार्ट डिस्प्ले जैसी सुविधाएं है। आइये जानते हैं कि टेक्नोलॉजी इस नए संसद भवन को कैसे खास बनाती है।

By Jagran NewsEdited By: Ankita PandeyUpdated: Thu, 21 Sep 2023 02:09 PM (IST)
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नए संसद भवन को एडवांस टेक्नोलॉजी के साथ AI फीचर्स बनाते हैं और भी खास, यहां जानें सभी खूबियां

नई दिल्ली, ब्रह्मानंद मिश्र। हाल ही में संसद भवन की नई इमारत में विधिवत कामकाज की शुरुआत हुई है। संसद का नया भवन फेशियल रिकग्निशन प्रणाली से लेकर स्कैनिंग टेक्नोलाजी तक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित अनुवाद से लेकर पर्सनल स्मार्ट डिस्प्ले तक अनेक तकनीकी सुविधाओं से सुसज्जित है। आइए, जानते हैं नए संसद भवन की कुछ ऐसी ही अत्याधुनिक तकनीकों और के बारे में....

सुरक्षा, सुविधा और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहरों के सौंदर्य के साथ नवनिर्मित संसद भवन ने अपने जनप्रतिनिधियों का स्वागत किया है। नई और आकर्षक संरचना वाले इस बेमिसाल संसद भवन को अत्याधुनिक तकनीकें और भी खास बनाती है।

लगभग 65,000 वर्ग मीटर में निर्मित यह भवन तकनीकी खूबियों और सांस्कृतिक व भारत के लोकतांत्रिक सौंदर्य से युक्त है। इसमें ढांचागत सुरक्षा का विशेष तौर पर ध्यान रखा गया है। बड़े कमेटी रूम में स्टेट आफ द आर्ट आडियो-विजुअल सिस्टम की व्यवस्था की गई है, तो मीटिंग रूम को ग्राफिकल इंटरफेसेज, बायोमीट्रिक्स, स्मार्ट डिस्प्ले के साथ-साथ मतदान प्रक्रिया को सहज बनाने के लिए उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है। इसके अलावा, स्थानीय भाषा में अनुवाद, व्यक्तिगत स्मार्ट डिस्प्ले, आटोमैटिक कैमरा कंट्रोल जैसी अत्याधुनिक तकनीक की व्यवस्था है।

सांसदों के लिए भाषा अनुवाद

देश के अलग-अलग हिस्सों से चुनकर आने वाले सांसदों को हिंदी या अंग्रेजी के शब्दों पर अटकना न पड़े, इसके लिए नए संसद भवन में उन 22 भाषाओं में अनुवाद की व्यवस्था की गई है, जो संविधान की आठवीं अनुसूची में दर्ज हैं। इस व्यवस्था के पूरी तरह से लागू होने पर सांसद अपनी स्थानीय भाषा में संसदीय कार्यवाही की जानकारी प्राप्त कर पाएंगे।

डिजिटल ट्रांसलेशन की यह व्यवस्था कार्यवाही को सुनने और पढ़ने में सहायक होगी। रियल टाइम टू-वे इंटरप्रिटेशन सुविधा (साथ-साथ भाषांतरण) स्थानीय भाषाओं की संसद में मौजूदगी और ताकत को बढ़ाएगी। नए सिस्टम में बजट भाषण जैसे विशेष आयोजन के दौरान रियल टाइम अनुवाद की सुविधा प्राप्त हो सकेगी।

डिजिटल संसद एप

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) आधारित डिजिटल संसद एप रियल टाइम में संसदीय कार्यवाही को ट्रांसक्राइब (प्रतिलेखन) कर सकता है। खास बात है आटोमैटिक स्पीच रिकग्निशन के जरिये यह संसद में बोले जाने वाले हर एक शब्द को बिल्कुल उपयुक्त ढंग से कैप्चर कर ट्रांसक्राइब करता है।

यह सांसदों के लिए एक बेहतर सहयोगी टूल्स के तौर पर डिजाइन किया गया है। अत्याधुनिक तकनीकों की मदद से पेपरलेस कार्यवाही को इसकी मदद से साकार किया जा रहा है। पार्लियामेंट इकोसिस्टम को प्रभावी बनाने के साथ यह तकनीक दस्तावेजीकरण की प्रक्रिया को भी सहज बनाएगी। साथ ही, इससे संसदीय कार्यवाही से संबंधित जानकारियों को खोजना भी आसान होगा।

निजी स्मार्ट डिस्प्ले

नए संसद भवन में सांसदों को वाइ-फाइ कनेक्टेड टेबलेट की सुविधा प्रदान की गई है। इससे सांसदों को रियल टाइम इनपुट में मदद मिलेगी। पेपर मुक्त व्यवस्था का एक पहलू यह भी है।

स्मार्ट कार्ड्स

सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस कार्ड के जरिये सिक्योरिटी क्लीयरेंस की व्यवस्था की गई है। इसके एनक्रिप्टेड को डाटा को सेंटर फार एडवांस्ड कप्यूटिंग (सीडैक) द्वारा डेवलप किया जा रहा है।

गेट पर स्कैन की व्यवस्था

केंद्रीय मंत्रियों, सांसदों और अन्य महत्वपूर्ण अधिकारियों के लिए स्कैनिंग टेक्नोलाजी की व्यवस्था है। जब कोई महत्वपूर्ण व्यक्ति भवन के गेट के छह मीटर की दूरी के दायरे में होगा, तो यह तकनीक स्वत: गेट खोलने में मदद करेगी।

बायोमीट्रिक

फेस स्कैनिंग के अलावा यदि चेहरे की पहचान प्रणाली प्रतिक्रिया देने में विफल रहती है, तो पासपोर्ट नवीनीकरण आदि के लिए दिए गए बायोमीट्रिक्स को भी बैकअप के रूप में सांसदों से एकत्र किया गया है। ऐसे मामलों में अंगूठे के निशान या एक खास तरह के पिन जैसे उपायों की व्यवस्था की गई है।