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सर्च इंजन में तेजी से बढ़ रहा एआइ का उपयोग, चैटजीपीटी ने खोले नए दरवाजे

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस चैटबाट चैटजीपीटी के आने से बाद इन दिनों हर तरफ इसकी चर्चा है। चैटजीपीटी को टक्कर देने के लिए गूगल ने भी हाल में अपना चैटबाट बार्ड पेश किया है। इए जानते हैं कैसे सर्च इंजन में एआइ का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है...

By Jagran NewsEdited By: Siddharth PriyadarshiUpdated: Tue, 14 Feb 2023 09:11 PM (IST)
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The use of AI is increasing rapidly in search engines ChatGPT opens new doors
नई दिल्ली, जेएनएन। पारंपरिक सर्च इंजन पिछले दो दशक से अधिक समय से अस्तित्व में हैं। इस समय सर्च इंजन की दुनिया में गूगल बादशाह है, जिसे 1998 में लांच किया गया था। यह याहू, बिंग जैसे सर्च इंजन को पीछे छोड़ते हुए दुनियाभर में सबसे अधिक उपयोग में लाया जाने वाला सर्च इंजन बन गया है।

हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में सर्च इंजन की दुनिया में बहुत बड़ी हलचल नहीं देखी गई है, लेकिन अब चीजें बदलने वाली हैं। माइक्रोसाफ्ट ने अपने सर्च इंजन बिंग के साथ चैटजीपीटी जैसे फीचर को जोड़ा है। हालांकि, बिंग पहला सर्च इंजन नहीं है, जिसने सर्च इंजन के साथ एआइ माडल को इंटीग्रेट किया है।

यू डाट काम, नीवा एआइ आदि ने भी सर्च इंजन के साथ एआइ फीचर को सफलतापूर्वक जोड़ा है। मगर बड़े खिलाड़ी के आने से सर्च इंजन अब पहले से ज्यादा स्मार्ट हो जाएंगे और आपको हर सवाल का सटीक जवाब मिल पाएगा।

सर्च इंजन में एआइ का उपयोग नया नहीं

पारंपरिक सर्च इंजन भी पिछले कुछ वर्षों से एआइ का उपयोग कर रहे हैं। गूगल सर्च में वर्ष 2015 से ही एआइ का उपयोग हो रहा है, जब उसने रैंकब्रेन अल्गोरिदम पेश किया था। हाल के वर्षों में अन्य अल्गोरिदम जैसे न्यूरल मैचिंग, बर्ट और एमयूएम को गूगल सर्च में शामिल किया गया है। मगर हाल में बड़ा बदलाव यह आया है कि लार्ज लैंग्वेज माडल (एलएलएम) तेजी से विकसित हो रहा है। अब अगली पीढ़ी के सर्च इंजन में एलएलएम की क्षमताओं का उपयोग किया जा रहा है।

पारंपरिक सर्च इंजन सूचना की सटीक जानकारी के बजाय संदर्भ को प्रदर्शित करते हैं, इसलिए जीपीटी-3 जैसे एलएलएम की क्षमताओं का लाभ उठाकर स्टार्टअप सर्च इंजन का निर्माण कर रहे हैं, जो इंडेक्स वेब पेजों के साथ-साथ सर्च का सही जवाब उपलब्ध कराते हैं। सर्च इंजन यू डाट काम ने हाल ही में यूचैट लांच किया है।

यह चैटजीपीटी की तरह ही सटीक जवाब देता है। यू डाट काम ने बाट को अपने सर्च इंजन में एक फीचर के तौर पर जोड़ा है। इसी तरह पेड सर्च इंजन नीवा एआइ इससे भी एक कदम आगे है। एक बार जब कोई यूजर अपनी क्वेरी टाइप करता है, तो एआइ-जेनरेट की गई प्रतिक्रिया सबसे पहले दिखाई देती है।

रेस में सिर्फ माइक्रोसाफ्ट और गूगल ही नहीं

ऐसा नहीं है कि इस रेस में सिर्फ माइक्रोसाफ्ट और गूगल ही हैं, बल्कि चीन का सर्च इंजन बेहेमोथ, बायडू भी एआइ चैटबाट को लांच करने की तैयारी में है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, बायडू चैटजीपीटी-स्टाइल के एप्लीकेशन पर काम कर रहा है। इसे मार्च की शुरुआत में जारी किया जा सकता है। यहां से भी यूजर्स चैटजीपीटी की तरह ही अपने सवालों का जवाब हासिल कर पाएंगे।

वैसे, चैटबाट का सिलसिला सिर्फ आर्टिकल्स या किसी एप्लीकेशन के लिए कोड लिखने तक सीमित नहीं है, बल्कि कई बाट तस्वीर तैयार करने में भी माहिर हैं। ओपन एआइ का डैल-ई ऐसा ही एक बाट है।

स्मार्ट सर्च इंजन से बदलेगा एक्सपीरियंस

चैटजीपीटी आने के बाद से कहा जाने लगा था कि सर्च इंजन खत्म हो जाएगा, लेकिन ऐसा है नहीं है, क्योंकि कंपनियां अब सर्च इंजन के साथ चैटजीपीटी जैसे एआइ फीचर को जोड़ रही हैं। माइक्रोसाफ्ट भी अपने ब्राउजर पर इस फीचर को लेकर आया और अब ओपेरा भी इस लिस्ट में शामिल हो गया है।

ओपेरा भी अपने ब्राउजर पर चैटजीपीटी फीचर लेकर आया है, जो काफी स्मार्ट है। कंपनी ने टूल का नाम शार्टन रखा है। यह फीचर मोबाइल और वेब ब्राउजर दोनों में जोड़ा है।

अगर एआइ फीचर के आने के बाद सर्च में बदलाव की बात करें, तो आमतौर पर जब हम किसी सर्च इंजन पर कुछ भी खोजते हैं, तो उसका सीधा जवाब न मिल कर उससे संबंधित आर्टिकल्स और लिंक्स मिलते हैं, मगर वहीं जब आप चैटबाट पर कुछ सर्च करते हैं तो आपको उसका सीधा जवाब मिलता है। यहां पर लिंक्स या आर्टिकल पर जाने की जरूरत ही नहीं होती है। आने वाले दिनों में आर्टिफिशल इंटेलीजेंस वाले ये चैटबाट आपके लिए बहुत कुछ कर सकते हैं।

ये होगा फायदा

  • पारंपरिक वेब पर सर्च के दौरान बहुत सारे लिंक दिखाई देते हैं, लेकिन चैटजीपीटी जैसे एआइ फीचर की वजह से लंबे आर्टिकल के बजाय कम शब्दों में सटीक जानकारी मिलेगी।
  • जिस तरह अभी चैटजीपीटी से सवालों के जवाब मिलते हैं, ठीक उसी तरह से सर्च इंजन पर भी जवाब मिल सकेंगे।
  • माइक्रोसाफ्ट के सर्च इंजन बिंग और ओपेरा के वेब ब्राउजर पर भी चैटजीपीटी की तरह आसान जवाब मिलेंगे।
  • बिंग के नए चैट मोड में चैटजीपीटी से भी ज्यादा एक्यूरेट और तेज जवाब मिलेंगे। हालांकि इसे सीमित लोगों के लिए ही जारी किया गया है।
  • आप चाहें, तो गूगल क्रोम ब्राउजर के साथ चैटजीपीटी राइटर, चैटजीपीटी फार सर्च इंजंस, यूट्यूब समरी विद चैटजीपीटी, वेबचैटजीपीटी, मर्लिन- ओपनएआइ जीपीटी, चैटजीपीटी प्राम्प्ट जीनियस जैसे क्रोम एक्सटेशन का उपयोग कर सकते हैं।
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