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Jio, Airtel और Vodafone Idea को मिले TRAI से निर्देश, Spam Call शिकायतों को लेकर न आए यूजर को परेशानी

भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (Telecom Regulatory Authority of India) ने रिलायंस जियो एयरटेल वोडाफोन-आइडिया और दूसरी टेलीकॉम कंपनियों को उनके मोबाइल ऐप्स और वेब पोर्टल को बेहतर बनाने के निर्देश दिए हैं। ऑफिशियल प्रेस रिलीज में कहा गया है कि यूजर्स को उनकी जरूरत के आधार पर सेंटिग्स खोजने में परेशानी नहीं आनी चाहिए। कंपनियों के ऐप्स और वेबसाइट यूजर फ्रेंडली होनी चाहिए।

By Shivani Kotnala Edited By: Shivani Kotnala Updated: Tue, 25 Jun 2024 02:10 PM (IST)
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टेलीकॉम ऑपरेटर को मिले ट्राई से निर्देश, ऐप्स और वेबसाइट हो यूजर फ्रेंडली
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (Telecom Regulatory Authority of India) ने टेलीकॉम ऑपरेटर्स को उनके मोबाइल ऐप्स और वेब पोर्टल को बेहतर बनाने के निर्देश दिए हैं।

टेलीकॉम कंपनियों को ट्राई से मिले निर्देश

रिलायंस जियो, एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया और दूसरे टेलीकॉम कंपनियों को ट्राई की ओर से कहा गया है कि वे अपने ऐप्स और वेब पोर्टल को यूजर फ्रेंडली बनाएं, ताकि यूजर अपनी जरूरत के मुताबिक किसी सेटिंग को सेलेक्ट कर इस्तेमाल कर सकें।

स्पैम कॉल से जुड़ी शिकायतें हो सकेंगी रजिस्टर

साथ ही स्पैम कॉल से जुड़ी शिकायतों को आसानी से रजिस्टर्ड करवा सकें। यह निर्देश ट्राई द्वारा अनचाहे कमर्शियल कम्युनिकेशन (Unsolicited Commercial Communication) की परेशानी को कम करने के प्रयास के बीच आया है।

एक ऑफिशियल प्रेस रिलीज के मुताबिक, ट्राई का कहना है कि अनचाहे कमर्शियल कम्युनिकेशन (Unsolicited Commercial Communication) की शिकायतों को दर्ज करवाने और प्रेफरेंस मैनेजमेंट जैसे ऑप्शन टेलीकॉम कंपनियों की वेबसाइट पर आसानी से उपलब्ध करवाए जाएं। ताकि, यूजर्स को इन कामों के लिए सेटिंग खोजने में किसी तरह की ज्यादा परेशानी न आए।

ट्राई का कहना है कि अगर यूजर उनके कॉल लॉग और इससे जुड़े डेटा को लेकर परमिशन दे देता है तो शिकायतों के रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी डिटेल्स कंपनियों की ओर से ऑटोमैटिकली पॉप-अप होनी चाहिए।

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हर महीने सबमिट करनी होगी पीएमआर 

ट्राई ने अपनी रिलीज में कहा है कि विभाग ने अनचाहे कमर्शियल कम्युनिकेशन के लिए निगरानी तंत्र को मजबूत करने के लिए परफोर्मेंस मॉनटरिंग रिपोर्ट फॉर्मेट को लेकर कुछ बदलाव भी किए हैं।

बेहतर निगरानी के लिए सभी एक्सेस प्रोवाइडर को पीएमआर (Performance Monitoring Report) हर महीने सबमिट करनी जरूरी होगी।

इससे पहले, ट्राई ने एलान किया था कि वित्तीय संस्थाओं से सभी लेन-देन और वॉइस कॉल 160 डिजिट से शुरू होने वाले नंबर से आएगी। यह व्यवस्था लागू होती है तो स्पैम कॉलर्स की पहचान करने में मदद मिलेगी।