Affordable Mobiles: अब भारत में बनेंगे सस्ते स्मार्टफोन, TRAI ने शुरू की नई पहल, जानें डिटेल्स
TRAI Latest News ट्राई ने देश में स्मार्टफोन फाइनेंसिंग और सेकेंड हैंड स्मार्टफोन की फीजबिलटी तलाशने का उदाहरण दिया है। TRAI का मानना है कि टेक्नोलॉजी में तेजी से बढ़ोतरी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग सहित 5G सर्विस कि शुरुआत डिजिटल विभाजन को बढ़ा सकती है। टिप्पणी देने की आखिरी तारीख 16 अक्टूबर और जवाबी टिप्पणी के लिए 31 अक्टूबर तय की है।
By Anand PandeyEdited By: Anand PandeyUpdated: Mon, 18 Sep 2023 05:14 PM (IST)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। इंडिया में सस्ते और किफायती स्मार्टफोन बनाने के लिए दूरसंचार नियामक ट्राई ने गुरुवार को सार्वजनिक टिप्पणियां आमंत्रित की है। अपने परामर्श पत्र के हिस्से के रूप में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) यह आकलन करेगा कि क्या सरकार द्वारा लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा करने से उपाय भारत में स्मार्टफोन की कीमतें कम करने के लिए पर्याप्त हैं या सरकार को किसी और उपाय पर विचार करना चाहिए। आइए आपको पूरी खबर विस्तार से बताते हैं।
ट्राई ने परामर्श पत्र में पूछी ये बात
ट्राई ने परामर्श पत्र में पूछा है कि एक समावेशी डिजिटल समाज के लाभों को अधिकतम करने के लिए नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए डिजिटल उपकरणों और डिजिटल कनेक्टिविटी को किफायती बनाने के लिए क्या उपाय किए जाने चाहिए। नियामक ने पेपर पर टिप्पणी देने की आखिरी तारीख 16 अक्टूबर और जवाबी टिप्पणी के लिए 31 अक्टूबर तय की है।ये भी पढ़ें: HP ने गेमर्स के लिए लॉन्च किये 2 तगड़े गेमिंग लैपटॉप, पावरफुल प्रोसेसर के साथ मिलेगी 32GB रैम; जानें कीमतट्राई ने देश में स्मार्टफोन फाइनेंसिंग और सेकेंड हैंड स्मार्टफोन की फीजबिलटी तलाशने का उदाहरण दिया है। TRAI का मानना है कि टेक्नोलॉजी में तेजी से बढ़ोतरी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग सहित 5G सर्विस कि शुरुआत डिजिटल विभाजन को बढ़ा सकती है अगर इसे सही ढंग से नहीं बनाया गया।
लैपटॉप, टैबलेट और पीसी के आयात पर सरकार लगा चुकी है बैन
पिछले महीने केंद्र सरकार ने लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर, अल्ट्रा स्मॉल फॉर्म फैक्टर कंप्यूटर और सर्वर पर तत्काल प्रभाव से आयात प्रतिबंध लगा दिया था। सरकार इस कदम से लोकल मैन्युफेक्चरिंग को बढ़ावा देना चाहती है। भारत में बिक्री के लिए लैपटॉप और कंप्यूटर लाने वाली किसी भी कंपनी को अब अपने इनबाउंड शिपमेंट के लिए सरकार से अनुमति या लाइसेंस लेना होगा।