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1 जनवरी से फ्री चैनल्स के लिए भी देने होंगे पैसे, जानें क्या है नया नियम

नए नियम के मुताबिक अब फ्री-टू-एयर चैनल्स देखने के लिए भी दर्शकों को पैसे चुकाने पड़ सकते हैं

By Harshit HarshEdited By: Updated: Fri, 21 Dec 2018 08:37 AM (IST)
1 जनवरी से फ्री चैनल्स के लिए भी देने होंगे पैसे, जानें क्या है नया नियम
नई दिल्ली (टेक डेस्क)। केबल टीवी देखना 1 जनवरी से मंहगा होने जा रहा है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नए नियम के मुताबिक अब फ्री-टू-एयर चैनल्स देखने के लिए भी दर्शकों को पैसे चुकाने पड़ सकते हैं। ट्राई का यह नया नियम डीटीएच (डायरेक्ट टू होम), केबल और ब्रॉडकास्टर्स पर लागू होगा। ट्राई के नए नियम से सबसे ज्यादा बोझ ग्रामीण दर्शकों पर पड़ने वाला है जो डायरेक्ट टू होम फ्री डिश का इस्तेमाल करते हैं। फिलहाल दूरदर्शन के सभी चैनल्स डीटीएच के जरिए फ्री में दिखाया जाता है। इसके अलावा प्राइवेट कंपनियों के फ्री-टू-एयर चैनल्स के लिए भी दर्शकों को पैसे नहीं चुकाने पड़ते हैं।

जबरन नहीं थोप सकेंगे चैनल्स

टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) के नए नियम के मुताबिक डीटीएच या केबल पर टीवी देखने वाले उपभोक्ता 130 रुपए में 100 चैनल देख सकेंगे। ग्राहक को अपनी पसंद के चैनल चुनने की आजादी भी होगी। इन 100 चैनलों में ग्राहक की मर्जी के 65 फ्री-टू-एयर चैनल, दूरदर्शन के 23 चैनल, तीन म्यूजिक चैनल, तीन न्यूज चैनल और तीन मूवी चैनल शामिल होंगे। नए नियम के अनुसार कोई भी ऑपरेटर या डीटीएच सर्विस प्रोवाइडर कंपनी ग्राहकों पर जबरन पैकेज नहीं थोप सकेगी।

जुर्माने का प्रावधान

ट्राई के नए नियम के मुताबिक अगर ग्राहक इन 100 फ्री टू एयर चैनल्स के अलावा कोई अन्य प्रीमियम या पेड चैनल देखना चाहता है तो उसके लिए उसे अतिरिक्त पैसा देना होगा। नए नियम के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक यूजर गाइड में हर चैनल्स की मैक्सिम रिटेल प्राइस (MRP) तय की जाएगी। चैनलों को दिखाने के लिए तय राशि से ज्यादा पैसा वसूलना गैर कानूनी होगा। इसका उल्लंघन करने वाले केबल ऑपरेटर्स या सर्विस प्रोवाइडर्स पर कानूनी कारवाई की जाएगी।

दर्शकों पर पड़ेगा अतिरिक्त बोझ

नए नियम का सबसे ज्यादा असर ग्रामीण और छोटे शहरों में रहने वाले दर्शकों पर पड़ेगा जो केवल फ्री-टू-एयर चैनल्स देखते हैं। नए नियम के मुताबिक पेड चैनल्स के लिए भी नई कीमतें लागू हो जाएंगी। जहां पहले पेड चैनल्स को देखने के लिए दर्शकों को 200 से 250 रुपये खर्च करने पड़ते हैं वह बढ़कर 440 रुपये तक पहुंच सकता है। वहीं, एचडी चैनल्स देखने वाले यूजर्स को जहां अभी 600 रुपये खर्च करने पड़ते हैं, अब ग्राहकों को 800 रुपये तक खर्च करने पड़ सकते हैं।

देश में कुल 867 चैनल हैं रजिस्टर्ड

ट्राई के आंकड़ों के मुताबिक इस समय देश में 358 ब्रॉडकास्टिंग कंपनियों के 867 टीवी चैनल्स एवं 309 पे-चैनल्स रजिस्टर्ड हैं। पिछले साल टीवी इंडस्ट्री का रिवेन्यू करीब 66 हजार करोड़ रुपये थी। ये सभी चैनल्स देशभर में मौजूद 1469 एमएसओ और तकरीबन 60 हजार केबल ऑपरेटर्स एवं 6 डीटीएच (डायरेक्ट टू होम) कंपनियों के जरिए घरों तक पहुंचती हैं।

इन चैनलों के लिए खर्च करना होगा 1 रुपये

डिस्कवरी जीत, बिग मैजिक, जी अनमोल, बिंदास, रिश्ते, सोनी पल, लिविंग फूड्स, स्टार उत्सव, मूवीज ओके, सोनी मैक्स-2, जी एक्शन, सोनी वाह, जी अनमोल सिनेमा, न्यूज 18 इंडिया, आजतक, एनडीटीवी इंडिया, सीएनबीसी आवाज, सीएनएन, एनडीटीवी प्रॉफिट, सोनी मिक्स, जिंग, जी ईटीसी बालीवुड, वीएच-1, डिस्कवरी साइंस आदि चैनल्स के लिए नए नियम के मुताबिक केवल 1 रुपये खर्च करने पड़ेंगे। 

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