Truecaller का नया एआई फीचर देगा नोटिफिकेशन के जरिए चेतावनी, फ्रॉड मैसेज की हो सकेगी पहचान
Truecaller fraud protection feature ट्रूकॉलर का इस्तेमाल हर दूसरे यूजर द्वारा किया जाता है। यह अनजान कॉलर की पहचान बताने वाली काम का ऐप है। ऐप अब फ्रॉड मैसेज की पहचान कर यूजर को रेड फ्लैग का नोटिफिकेशन देगा। (फोटो- Unsplash)
By Shivani KotnalaEdited By: Shivani KotnalaUpdated: Mon, 24 Apr 2023 12:06 PM (IST)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। एआई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल अब यूजर की जरूरत से जुड़ी हर सर्विस में हो रहा है। यूजर की सुरक्षा को पुख्ता करने में एआई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल यूजर के लिए नया एक्सपीरियंस है। हाल ही में पॉपुलर स्मार्टफोन एप्लीकेशन ट्रू कॉलर ने यूजर्स की सुरक्षा के लिए ऐप में एआई आधारित एक नए टूल की पेशकश रखी है।
फ्रॉड मैसेज और सेंडर की होगी पहचान
अगर आप भी ट्रूकॉलर का इस्तेमाल अपने स्मार्टफोन में करते हैं तो ये खबर आपके काम की हो सकती है। दरअसल ट्रू कॉलर ने यूजर्स के लिए एक एआई आधारित एसएमएस प्रोटेक्शन फीचर को पेश किया है।
इस फीचर की मदद से यूजर्स को फ्रॉड मैसेज और सेंडर के जाल में फंसने से रोकने में मदद मिलेगी।
किन यूजर्स के लिए यूजफुल है फीचर
कंपनी का कहना है कि एआई आधारित एसएमएस प्रोटेक्शन फीचर (Truecaller fraud protection feature)वैसे तो सभी यूजर्स के लिए यूजफुल होगा, लेकिन आसानी से टारगेट किए जाने वाले यूजर वर्ग के लिए यह फीचर ज्यादा काम का होगा। ऐसे यूजर्स जो फ्रॉड मैसेज और सेंडर की पहचान नहीं कर पाते हैं और किसी फ्रॉड बिजनेस के झांसे में आकर अपनी जानकारियां साझा कर बैठते हैं, के लिए नया फीचर उन्हें ऐसे फ्रॉड से बचाने में मदद करेगा।कैसे काम करेगा ट्रू कॉलर का नया फीचर
नया फीचर रेड नोटिफिकेशन के जरिए फ्रॉड मैसेज की पहचान कर यूजर को सचेत करेगा। ट्रूकॉलर की ओर से यूजर को फ्रॉड की स्थिति में एक नोटिफिकेशन भेजा जाएगा। इस नोटिफिकेशन के जरिए यूजर को मैसेज पर किसी भी तरह के एक्शन को न लेने के लिए कहा जाएगा।ट्रूकॉलर के नए फीचर (Truecaller fraud protection feature) के तहत मिलने वाला नोटिफिकेशन स्क्रीन से तब तक नहीं हटाया जा सकेगा, जब तक इसे मैनुअली डिसमिस न कर लिया जाए.
किसी स्थिति में यूजर से वार्निंग मैसेज की जानकारी छूट जाती है और वह गलती से फ्रॉड मैसेज को ओपन कर लेता है तो ट्रूकॉलर ऑटोमैटिकली मैसेज के लिंक्स को डिसेबल कर देगा। हालांकि, अगर यूजर खुद किसी सेंडर को सेफ मार्क करता है तो उस स्थिति में ही लिंक्स को ओपन किया जा सकेगा।