Union Budget 2021 : चीनी स्मार्टफोन कंपनियों को झटका, Xiaomi, Vivo समेत ये फोन हो जाएंगे महंगे
स्मार्टफोन का आयात शुल्क बढ़ाने से घरेलू स्मार्टफोन कंपनियों के फोन की कीमत स्थिर रहेगी। जबकि चीनी स्मार्टफोन की कीमत बढ़ जाएगी। ऐसे में भारत में निर्मित स्मार्टफोन की कीमत चीनी से आयातित स्मार्टफोन के मुकाबले कम हो जाएगी।
By Saurabh VermaEdited By: Updated: Mon, 01 Feb 2021 02:29 PM (IST)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2021-22 को संसद में पेश कर दिया है। इस बजट में वित्त मंत्री ने चीनी स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों को जोरदार झटका दिया है। साथ ही पीएम मोदी की "मेक इन इंडिया मुहिम" को धार देने का काम किया है। दरअसल सोमवार को पेश आम बजट 2021-22 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्मार्टफोन और स्मार्टफोन के चार्जर पर लगने वाले आयात शुल्क को बढ़ाकर 2.5 फीसदी कर दिया है। सरकार के इस कदम से चीन निर्मित स्मार्टफोन भारत में महंगा हो जाएगा। वही दूसरी तरफ घरेलू स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों को फायदा मिलेगा। स्मार्टफोन का आयात शुल्क बढ़ाने से घरेलू स्मार्टफोन कंपनियों के फोन की कीमत स्थिर रहेगी। जबकि चीनी स्मार्टफोन की कीमत बढ़ जाएगी। ऐसे में भारत में निर्मित स्मार्टफोन की कीमत चीनी से आयातित स्मार्टफोन के मुकाबले कम हो जाएगी।
बढ़ेगी स्मार्टफोन की लोकल मैन्युफैक्चरिंग
हालांकि अगर चीनी स्मार्टफोन कंपनियां भारत में अपने स्मार्टफोन की कीमत नहीं बढ़ने देना चाहते हैं, तो उन्हें भारत में ही अपने फोन का निर्माण नहीं करना होगा। स्मार्टफोन के आयात शुल्क में इजाफे से विदेशी स्मार्टफोन कंपनियों को भारत में स्मार्टफोन निर्माण के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इससे पीएम मोदी के मेक इन इंडिया मुहिम को बल मिलेगा। बता दें कि मौजूदा वक्त में Xiaomi, vivo, Realme, Samsung जैसी कंपनियां बड़े पैमाने पर भारत में स्मार्टफोन का आयात करती है। Xiaomi, Vivo, realme, Samsung और OPPO जैसी कंपनियां भारत की टॉप-5 स्मार्टफोन कंपनी है। काउंटर पॉइंट रिसर्च में रिसर्च एनालिस्ट शिल्पी जैन ने कहा कि अप्रैल-जून 2020 में चीनी स्मार्टफोन ब्रांड्स की हिस्सेदारी घटकर 72 प्रतिशत रह गई, जबकि जनवरी-मार्च 2020 में यह 81 प्रतिशत थी।
किस कंपनी का भारत में कितना मार्केट शेयर
साल 2020 की पहली तिमाही के मुताबिक Xiaomi का भारत में करीब 30 फीसदी मार्केट शेयर है। दूसरे पायदान 17 फीसदी के साथ Vivo रही। जबकि साउथ कोरिया कंपनी का 16 फीसदी के साथ तीसरा स्थान रहा। इसके बाद ओप्पो और रियरमी का नंबर आता है।