डेटा प्रोटेक्शन कानून के साथ भारतीय ही नहीं, विदेशी कंपनियों की भी बढ़ेगी जिम्मेदारी: राजीव चंद्रशेखर
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने गुरुवार को संसद द्वारा हाल ही में पास किए डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम को लेकर कई बातें कहीं। चंद्रशेखर ने कहा कि नए अधिनियम के साथ डिजिटल कंपनियों की कानूनी जिम्मेदारी होगी कि वे नागरिकों के डेटा को सहेज कर रखें। केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि नियमों की अनदेखी करना कंपनियों को भारी पेनल्टी चुकाने पर मजबूर करेगा।
By Shivani KotnalaEdited By: Shivani KotnalaUpdated: Thu, 17 Aug 2023 05:46 PM (IST)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने गुरुवार को संसद द्वारा हाल ही में पास किए डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम को लेकर कई बातें कहीं।
राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि नए अधिनियम के साथ डिजिटल कंपनियों की कानूनी जिम्मेदारी होगी कि वे भारतीय नागरिकों के डेटा को सहेज कर रखें। उन्होंने कहा कि नियमों की अनदेखी करना कंपनियों को भारी पेनल्टी भरने पर मजबूर करेगा। इतना ही नहीं, नए कानून के साथ यूजर के डेटा के साथ लापरवाही करने वाली कंपनियां भारत में काम नहीं कर सकेंगी।
देशी हो या विदेशी हर कंपनी की होगी जिम्मेदारी
केंद्रीय राज्य मंत्री ने पीटीआई से बात करते हुए कहा कि नए कानून के साथ हर कंपनी चाहे वह भारतीय हों या विदेशी, की कानूनी जिम्मेदारी बनती है कि वह यूजर के डेटा का गलत इस्तेमाल न करें।नियमों की अनदेखी की जाती है तो जुर्माना लगाया जाएगा। अगर कोई कंपनी बार-बार नियमों की अनदेखी करती है तो उन्हें ब्लॉक किया जा सकता है। नए कानून को ग्लोबल स्टैंडर्ड साइबर लॉ फ्रेमवर्क में मील का पत्थर माना जा रहा है।
डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम से जुड़ी खास बातें
- डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम के तहत यूजर्स के डिजिटल डेटा का दुरुपयोग करने वाली कंपनियों पर 250 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
- इस अधिनियम में नागरिकों की जानकारियों, स्टोरेज और प्रोसेसिंग के लिए डिजिटल कंपनियों और सरकारी एजेंसियों की जवाबदेही होगी।
- हालांकि, सरकारी एजेंसियों को राष्ट्रीय सुरक्षा और अपातकालीन स्थितियों जैसे आतंकवाद, महामारी, प्राकृतिक आपदाएं को लेकर कुछ छूट मिल सकती हैं।
- अधिनियम के तहत नियमों की अनदेखी करने वाली कंपनियों के खिलाफ यूजर अदालत का दरवाजा खटखटा सकता है। इतना ही नहीं, यूजर डाटा कलेक्शन, स्टोरेज और प्रोसेसिंग के बारे में डिटेल मांग सकता है।
- अगर कोई कंपनी यूजर का डेटा कलेक्ट करती है तो उसे यूजर से अनुमति लेना अनिवार्य होगा।