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UPI Payment Fraud: इन बातों का रखें ख्याल, वरना बैंक अकाउंट हो जाएगा खाली

हैकर्स यूजर्स से अपना पिन ओटीपी दर्ज करने या लिंक के माध्यम से एप डाउनलोड करने का अनुरोध करते हैं जिसे वे एसएमएस या वाट्सएप के माध्यम से भेजते हैं। कभी भी इन जालों में न फंसें और पिन ओटीपी या गोपनीय पासवर्ड साझा न करें।

By Saurabh VermaEdited By: Updated: Thu, 01 Sep 2022 09:06 AM (IST)
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Photo Credit - UPI Payment File photo

नई दिल्ली, संतोष आनंद। भारत में यूपीआई लेनदेन में हर दिन इजाफा दर्ज किया जा रहा है। भारत ने जुलाई 2022 में 600 करोड़ यूपीआइ ट्रांजैक्शन रिकार्ड किया गया है। वहीं मिनिस्ट्री आफ इंफार्मेंशन ऐंड ब्राडकास्टिंग के अनुसार फाइनेंशियल ईयर 22 में अब तक यूपीआइ ट्रांजैक्शन 46 अरब का आंकड़ा पार कर चुका है। लेकिन इन दौरान यूपीआइ फ्रॉड की घटनाएं भी बढ़ी हैं. आइए जानते हैं कि आखिर कैसे यूपीआई लेनदेन फ्रॉड से बचा जा सकता है.

साझा न करें यूपीआइ पिन

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप अपना छह या चार अंकों का वाला यूपीआइ पिन किसी के साथ साझा न करें। यूपीआइ-इनेबल एप प्रत्येक लेन-देन से पहले पिन मांगता है, इसलिए जब आप अपने बैंक खाते को अपनी यूपीआइ आइडी से लिंक करते हैं, तो आपको एक खास पिन सेट करना होगा। बाद में इसका उपयोग एटीएम पिन के समान सुरक्षित भुगतान शुरू करने के लिए किया जाता है। इसलिए यूपीआइ पिन को पर्सनल ही रखना चाहिए।

फोन में स्क्रीन लाक जोड़ें

चूंकि आपके फोन में बहुत सारे महत्वपूर्ण एप्स, ईमेल व अन्य महत्वपूर्ण चीजें होती हैं, इसलिए आपको हमेशा अपने फोन पर लाक रखना चाहिए। यूपीआइ-इनेबल एप्स सुरक्षित लेन-देन के लिए एप खोलने से पहले आपके फोन लाक स्क्रीन पासवर्ड भी मांगते हैं। यह आपके फोन के चोरी या दुरुपयोग की स्थिति में धोखाधड़ी होने की आशंका को कुछ हद तक कम करता है। अतिरिक्त सावधानी बरतने के लिए लाक स्क्रीन पासवर्ड को समय-समय पर बदलते रहें।

यूपीआइ आइडी सत्यापित करें

यूपीआइ-इनेबल एप प्राप्तकर्ता की खास यूपीआइ आइडी पर पैसे ट्रांसफर करने में मदद करता है। इसी तरह आप अपनी खास यूपीआइ आइडी का उपयोग करके दूसरों से भुगतान स्वीकार भी कर सकते हैं। जब भी आपको किसी से यूपीआइ के माध्यम से पैसा हासिल करना हो, तो सही यूपीआइ आइडी शेयर करें और उसकी दोबारा जांच करें। इसी तरह लेन-देन शुरू करने से पहले हमेशा प्राप्तकर्ता की यूपीआइ आइडी की दोबारा जांच करें। इससे आपको गलत लेन-देन से बचने और सही व्यक्ति को पैसे भेजने में मदद मिलेगी। बेहतर होगा कि किसी को पैसा भेजने से पहले कम से कम एक रुपये भेज या प्राप्त कर आइडी को सत्यापित कर लें।

एक से अधिक यूपीआइ एप के उपयोग से बचें

एक से अधिक यूपीआइ का उपयोग करने से बचना चाहिए। वैसे भी बहुत सारे यूपीआइ एप्स का उपयोग करना फायदेमंद नहीं होता है। इसके बजाय हो सकता है कि आप कोई गलती कर बैठें। आप यूपीआइ की मदद से फ्री में ट्रांजैक्शन कर सकते हैं। लेन-देन दो यूपीआइ उपयोगकर्ताओं के बीच किसी भी बैंक या यूपीआइ एप का उपयोग करके किया जा सकता है, क्योंकि यूपीआइ इंटरआपरेबल है।

असत्यापित लिंक पर क्लिक न करें

कई बार ऐसा देखा गया है कि लोग एसएमएस या ईमेल पर प्राप्त लिंक पर क्लिक कर स्कैम में फंस चुके हैं। अपने फोन पर प्राप्त होने वाले किसी भी लिंक पर क्लिक करने से बचें, जो खासकर सत्यापित नहीं हैं या गड़बड़ दिखते हैं। कई बार इन लिंक्स का उपयोग फोन को हैक करने या फिर आपकी पहचान के साथ-साथ आपके बैंकिंग पासवर्ड और पिन को चुराने के लिए किया जाता है। यदि आपको कभी भी ऐसे लिंक प्राप्त होते हैं, तो उन्हें तुरंत डिलीट कर दें या फिर सोर्स को भी ब्लाक कर सकते हैं। कई बार लोगों को बैंक एग्जिक्यूटिव के नाम से फर्जी काल भी आते हैं। हैकर्स यूजर्स से अपना पिन, ओटीपी दर्ज करने या लिंक के माध्यम से एप डाउनलोड करने का अनुरोध करते हैं, जिसे वे एसएमएस या वाट्सएप के माध्यम से भेजते हैं। कभी भी इन जालों में न फंसें और पिन, ओटीपी या गोपनीय पासवर्ड साझा न करें।

गलत यूपीआइ ट्रांजैक्शन पर क्या करें

अगर आप यूपीआइ ट्रांजैक्शन करते हैं, लेकिन गलती से पेमेंट कहीं और हो जाती है, तो आप परेशान हो सकते हैं। लेकिन कुछ तरीके हैं, जिनकी मदद से आप रिफंड हासिल कर सकते हैं। अगर आप पेटीएम का उपयोग करते हैं, तो फिर गलत ट्रांजैक्शन होने पर एप में प्रोफाइल पिक्चर मेन्यू पर टैप करने के बाद आप 24×7 हेल्प ऐंड सपोर्ट पर टैप करें। फिर व्यू आल सर्विसेज पर जाएं। फिर यूपीआइ पेमेंट ऐंड मनी ट्रांसफर पर जाने के बाद यहां पर रिपोर्ट दर्ज करवा सकते हैं। भीम यूपीआइ एप में आप रेज कंप्लेंट (Raise Complaint) पर जाकर शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। अगर गूगल पे का उपयोग करते हैं, तो फिर गलत ट्रांजैक्शन के लिए हैविंग इश्यूज (Having issues) बटन पर क्लिक करें। इसके अलावा, फोनपे में हिस्ट्री बटन पर टैप करने के बाद उस लेन-देन का चयन करें, जिसके लिए शिकायत दर्ज करना चाहते हैं। शिकायत के बाद रिफंड की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।