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ChatGPT बनाने वाली कंपनी OpenAI के खिलाफ अमेरिकी जांच एजेंसी का एक्शन, जानें क्या है मामला

ChatGPT बनाने वाली कंपनी OpenAI पर अमेरिकी जांच एजेंसी फेडरल ट्रेड कमीशन (एफटीसी) ने अपनी जांच शुरू कर दी है। एफटीसी ने एक पत्र लिखकर ओपनएआई से एआई टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट्स यूजर्स की प्राइवेसी और डेटा सिक्योरिटी को लेकर कई सवाल पूछे हैं। इस जांच को लेकर कंपनी के फाउंडर सैम अल्टमैन ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए ट्वीट भी किया है।

By Subhash GariyaEdited By: Subhash GariyaUpdated: Sat, 15 Jul 2023 12:15 PM (IST)
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US investigative agency starts investigation against ChatGPT maker OpenAI.
नई दिल्ली, टेक डेस्क। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस कंपनी OpenAI के ChatGPT पर यूजर्स को गलत जानाकरी देते हुए खतरे में डालने का आरोप है। इसे लेकर अमेरिकी जांच एजेंसी ने अपनी जांच शुरू कर दी है। कंपनी अपने चैटबॉट को लेकर काफी लोकप्रिय है।

जांच एजेंसी फेडरल ट्रेड कमीशन (एफटीसी) ने ओपनएआई को लिखे पत्र में एआई टेक्नोलॉजी, प्रोडक्ट्स, यूजर्स की प्राइवेसी सिक्योरिटी और डेटा सिक्योरिटी को लेकर विस्तृत जानकारी मांगी है।

एफटीसी के निशाने पर ChatGPT

एफटीसी ने फिलहाल OpenAI पर चल रही जांच को लेकर कुछ भी डिटेल शेयर नहीं की है। हालांकि रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि एफटीसी यह जांच कर रहा है कि ओपनएआई कहीं यूजर्स की प्राइवेसी या या डेटा सिक्योरिटी को लेकर अनुचित प्रैक्टिस तो नहीं अपना रहा है। इसके साथ ही वह यह भी चांज कर रहा है कि कंपनी अपने यूजर्स को भ्रामक या नुकसान पहुंचाने वाले तरीके तो नहीं अपना रहा है।

अल्टमैन ने ट्वीट कर जताई नाराजगी

ओपनएआई के फाउंडर सैम अल्टमैन ने इस जांच को लेकर एक ट्वीट में अपनी निराशा जाहिर करते हुए कहा कि इस जांच से भरोसा पैदा करने में मदद नहीं मिलेगी। लेकिन, उनकी अपनी एफटीसी को इसमें पूरा सहयोग करेगी।

अल्टमैन ने अपने ट्वीट में कहते है कि हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि टेक्नोलॉजी यूजर्स के लिए सुरक्षित हो। हम कानून का पलन करते हैं, हम यूजर्स की प्राइवेसी का ध्यान रखते हैं। हमारा सिस्टम किसी व्यक्ति के निजी जानकारी के लिए नहीं बल्कि दुनिया के बारे में जानकारी के लिए है।

सैम अल्टमैन इससे पहले अमेरिकी संसद के सामने भी पेश हो चुके हैं। इसके साथ ही वे यूरोप और भारत की अपनी यात्रा के दौरान एआई पर रेगुलेशन की भी वकालत कर चुके हैं। दरअसल पिछले कुछ सालों में AI के बढ़ते उपयोग के चलते इसके संभावित खतरों के लेकर लगातार चर्चा चल रही है।