आपके फोन के लिए कितने जरूरी हैं थर्ड पार्टी ऐप? डाउनलोड करने से पहले समझ लें सभी रिस्क फैक्टर्स
Third Party App in Hindi आज हम आपको थर्ड पार्टी ऐप्स से जुड़ी सारी जानकारी देने वाले हैं। आपको ये पता है होगा कि थर्ड पार्टी ऐप सिर्फ एंड्रॉइड फोन में ही इन्स्टॉल होते हैं। आइए आज डिटेल से जानते हैं ये ऐप क्या होते हैं। (फोटो-जागरण)
By Anand PandeyEdited By: Anand PandeyUpdated: Mon, 12 Jun 2023 05:07 PM (IST)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। इंटनेट का इस्तेमाल करते हैं तो आपने कभी न कभी थर्ड पार्टी ऐप के बारे मैं सुना है होगा। अक्सर हम किसी भी वेबसाइट से कोई भी ऐप को अपने फोन मैं इन्स्टॉल कर लेते हैं। इंटरनेट मे अक्सर साइबर क्राइम होते ही रहते है और साइबर क्राइम के इस क्षेत्र मे थर्ड पार्टी ऐप्स का भी नाम आता है।
आपके मन मे भी ये सवाल आता होगा कि इन ऐप्स का इस्तेमाल क्यों नहीं करना चाहिए। आज हम आपको थर्ड पार्टी ऐप्स से जुडी सारी जानकारी देने वाले हैं। आपको ये पता है होगा कि थर्ड पार्टी ऐप सिर्फ एंड्रॉइड फोन में ही इन्स्टॉल होते हैं। अगर आपके पास आईफोन है तो आप इसे इन्स्टॉल नहीं कर सकते हैं।
क्या होते हैं थर्ड पार्टी ऐप्स (Third Party Apps in Hindi)
थर्ड पार्टी ऐप्स वो ऐप होते हैं जो किसी डिवाइस के असली निर्माता द्वारा नहीं बनाये जाते हैं। एंड्रॉइड स्मार्टफोन में एक गैलरी होता है जिसमें हम अपनी फोटो और वीडियो को देखते हैं। लेकिन अगर आप प्ले स्टोर पर जायेंगे तो आपको ऐसी हजारों एप्लिकेशन दिख जाएंगी जो फोन में दी हुई गैलेरी से ज्यादा फीचर प्रदान करती हैं।इन ऐप को थर्ड पार्टी ऐप कहा जाता है। मतलब ऐसा एप्लीकेशन जो की डिवाइस और ऑपरेटिंग सिस्टम के निर्माता द्वारा बनाया गया नहीं है। इन ऐप का ओपन सोर्स ऐप कहते हैं। इन ऐप पर आपका डेटा सिक्योर नहीं होता है।
इतनी तरह की होती हैं थर्ड पार्टी ऐप
ऐप स्टोर या प्लेस्टोर पर उपलब्ध ऐप
आज के समय में गूगल प्ले स्टोर और एपल के ऐप स्टोर से किसी भी ऐप को इन्स्टॉल किया जाता है। इनमें से कई ऐप होते हैं जिसे हम थर्ड पार्टी कह सकते हैं। आपको समझने के लिए Open Camera जो की एक कैमरा App है लेकीन यह App सिस्टम या डिवाइस को बनाने वाले ने नहीं बनाया है इसे एक थर्ड पार्टी द्वारा बनाया गया है।इस तरह के ऐप थोड़ा बहुत सिक्योर होते हैं क्योंकि इसे प्ले स्टोर पर लिस्ट करते समय गूगल की पॉलिसी को पूरा करना होता है। गूगल प्ले स्टोर की पॉलिसी पूरा करने के बाद ही इन ऐप्स को प्लेस्टोर पर लिस्ट किया जाता है।