बढ़िया इंटरनेट स्पीड के लिए ये 5G बैंड होना जरूरी, फोन खरीदने से पहले जान लें ये बात
5G Bands Work Function 5G सेलुलर नेटवर्क द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली फ्रीक्वेंसी की रेंज ही 5G बैंड्स हैं। 5G बैंड्स की मदद से ही नेटवर्क की रेंज और स्पीड के बारे में जानकारी मिलती है। 5G नेटवर्क में नेट फास्ट चलेगा या नहीं यह बैंड्स पर ही आधारित होता है। 5G नेटवर्क डेटा ट्रांसमिशन के लिए अलग-अलग फ्रीक्वेंसी का इस्तेमाल करता है।
By Anand PandeyEdited By: Anand PandeyUpdated: Fri, 25 Aug 2023 08:05 PM (IST)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। बीते साल अक्टूबर में ही देश में 5G टेक्नोलॉजी रोलआउट की गई है। भारत में रिलायंस जियो और भारती एयरटेल देशभर में इंटरनेट की नई तकनीक को पहुंचा रही हैं। नया स्मार्टफोन खरीदने की बात आती है तो यूजर के जेहन में पहला सवाल यही आता है कि फोन 5G है या नहीं। 5G टेक्नोलॉजी के साथ ही आपने 5G बैंड्स के बारे में भी सुना होगा।
भारत में अब तक जो 5G फोन उपलब्ध हैं वे सभी नेटवर्क के मामले में एक समान नहीं हैं और किसी में सिर्फ Airtel और VI के लिए नेटवर्क सपोर्ट है तो किसी में सिर्फ Jio 5G नेटवर्क सपोर्ट है। आज की इस आर्टिकल में हमने 5G बैंड को अच्छे से बताया है जिससे कि आप 5G फोन की खरीदारी में कोई गलती न करें।
क्या होता है 5G बैंड
आसान भाषा में समझें तो 5G सेलुलर नेटवर्क द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली फ्रीक्वेंसी की रेंज ही 5G बैंड्स हैं। 5G बैंड्स की मदद से ही नेटवर्क की रेंज और स्पीड के बारे में जानकारी मिलती है। 5G नेटवर्क में नेट फास्ट चलेगा या नहीं, यह बैंड्स पर ही आधारित होता है। 5G नेटवर्क डेटा ट्रांसमिशन के लिए अलग-अलग फ्रीक्वेंसी का इस्तेमाल करता है।
कितनी तरह के होते हैं 5G बैंड्स
5G बैंड्स लो, मिड और और हाई तीन तरह के होते हैं। यह अलग-अलग फ्रीक्वेंसी पर काम करते हैं। 5G बैंड्स के लिए दो फैक्टर रेंज और स्पीड काम करते हैं। अलग-अलग बैंड के साथ रेंज और स्पीड अलग-अलग मिलती है।Low-band 5G- लो बैंड 5G की बात करें तो यह 6 GHz से कम की फ्रीक्वेंसी का इस्तेमाल करता है। इस तरह के 5G बैंड्स ज्यादा लंबी रेंज की खूबी के साथ आते हैं, लेकिन एक लंबे एरिया रेंज को कवर करने के साथ ही इस बैंड में स्पीड घट जाती है।
Mid-band 5G- मिड बैंड 5G की बात करें तो यह 6 GHz से ज्यादा और 30 GHz से कम की फ्रीक्वेंसी का इस्तेमाल करता है। इस तरह के 5G बैंड्स लो बैंड 5G के मुकाबले कम रेंज को कवर करते हैं। रेंज कम होने के साथ ही मिड बैंड 5G, लो बैंड 5G के मुकाबले ज्यादा स्पीड में नेट का इस्तेमाल करने की खूबी के साथ आते हैं।High-band 5G- हाई बैंड 5G की बात करें तो यह 30 GHz से ज्यादा की फ्रीक्वेंसी का इस्तेमाल करता है। इस तरह के 5G बैंड्स लॉ बैंड 5G और मिड बैंड 5G के मुकाबले कम रेंज को कवर करते हैं। हाई बैंड 5G में रेंज सबसे कम होती है। रेंज कम होने के साथ ही हाई बैंड 5G, लो और मिड बैंड 5G के मुकाबले ज्यादा स्पीड में नेट का इस्तेमाल करने की खूबी के साथ आते हैं।