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AI voice cloning: मेरा एक्सीडेंट हो गया, मुझे पैसों की जरूरत है, सावधान! दोस्त, रिश्तेदार नहीं एआई कर रहा बात

AI voice cloning इन दिनों एआई से जुड़े इस फ्रॉड की लगातार खबरें आ रही हैं। AI voice cloning टेक्नोलॉजी के साथ एआई को कुछ वॉइस डेटा की जरूरत भर होती है। एआई इस वॉइस डेटा को एनालाइज कर डेटा से सीखने के काम करता है। किसी खास शख्स की हू-ब-हू आवाज निकालने के लिए एआई डेटा के साथ खुद को तैयार करता है।

By Shivani KotnalaEdited By: Shivani KotnalaUpdated: Mon, 28 Aug 2023 07:00 PM (IST)
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मेरा एक्सीडेंट हो गया, मुझे पैसों की जरूरत है, सावधान!
नई दिल्ली, टेक डेस्क। क्या आप एक स्थिति के बारे में विचार कर सकते हैं, जिसमें आपका कोई अपना किसी दूसरे नंबर से आपको कॉल करता है और आपको बताता है कि वह किसी बड़े हादसे का शिकार हो गया है। इसके बाद आपसे कहा जाए कि उसे पैसों की जरूरत है। ऐसे में आपकी पहली प्रतिक्रिया क्या होगी?

आप भी आनन-फानन में सबसे पहले पैसे ट्रांसफर करने को ही अहमियत देंगे। हालांकि, क्या हो जब आपको कुछ समय बाद दोबारा कॉल करने पर पता लगे कि आपको पैसों के लिए इस तरह की कोई कॉल तो की ही नहीं गई है।

आपके लिए भी यह एक चौंकाने वाला पल हो सकता है, जब आप हजारों-लाखों रुपयों का ट्रांसफर ऐसी कॉल के बाद किसी गलत जगह कर चुके हों।

AI से जुड़ा है ऑनलाइन स्कैम

दरअसल ऐसा होना संभव हो सकता है। यह एआई वॉइस क्लोनिंग की स्थिति हो सकती है। इन दिनों एआई से जुड़े इस फ्रॉड की लगातार खबरें आ रही हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो हाल ही में हरियाणा के एक शख्स को एआई वॉइस क्लोनिंग की वजह से 30 हजार रुपये का चूना लग गया। मामले में हरियाणा के इस शख्स को स्कैमर्स ने कॉल किया था।

स्कैमर्स ने शख्स को उसका दोस्त बन कर कॉल की। इसके बाद शख्स से पैसों की मदद मांगी और कहा कि उसका एक्सीडेंट हो गया है। पैसे ट्रांसफर करने के बाद जब शख्स ने दोस्त को दोबारा कॉल किया था उसे अहसास हुआ कि उसके साथ फ्रॉड हुआ है।

यह अकेला मामला नहीं है, इससे पहले शिमला में रहने वाले एक शख्स को भी इसी तरह से 2 लाख रुपये का नुकसान हो गया। इतनी बड़ी रकम गंवाने वाले इस शख्स को स्कैमर्स ने उसके अंकल की आवाज के साथ कॉल किया था।

McAfee की एक रिपोर्ट की मानें तो करीब 83 प्रतिशत भारतीय ऐसे हैं जो इस तरह के स्कैम में फंस कर अपना पैसा गंवा चुके हैं। स्कैम में फंसने वालों में 69 प्रतिशत ऐसे लोग हैं जो एआई जनरेटेड वॉइस और इंसानों की आवाज में फर्क तक नहीं समझ सके।

क्या है एआई वॉइस क्लोनिंग

दरअसल, एआई वॉइस क्लोनिंग को वॉइस मिमिक्री से समझ सकते हैं। इस तरह की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने के लिए एआई को कुछ वॉइस डेटा की जरूरत भर होती है। एआई इस वॉइस डेटा को एनालाइज कर डेटा से सीखने के काम करता है। किसी खास शख्स की हू-ब-हू आवाज निकालने के लिए एआई डेटा के साथ खुद को तैयार करता है।

एआई वॉइस क्लोनिंग से कैसे बचें

एआई वॉइस क्लोनिंग का इस्तेमाल कर ऑनलाइन फ्रॉड से जुड़ी घटनाएं घट रही हैं, ऐसे में कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो आप इस तरह के स्कैम से बच सकते हैं-

हर कॉल पर रहें सतर्क

किसी भी अनजान नंबर से कॉल आने पर पहले कॉलर की पहचान कर लें। अगर किसी अनजान नंबर से आपका कोई अपना बात कर रहा है तो इस पर थोड़ा और सतर्क हो जाएं। किसी तरह की पैसों की मदद की बात पर तुरंत मदद करने से बचें।

आवाज को ध्यान से सुनें

एआई कितनी ही अच्छी ट्रेनिंग न ले ले वह इंसानों जैसे बात नहीं कर सकता है। आप थोड़ा ध्यान देंगे तो एआई जनरेटेड वॉइस को पहचान सकते हैं। इसमें रोबोटिक स्पीच स्टाइल या बार-बार रुक कर बात करने जैसी बातों पर गौर करें।

अपने ऑडियो क्लिप को न करें अपलोड

किसी भी ऑनलाइन वेबसाइट या ऐप पर खुद को आवाज को रिकॉर्ड करने से बचें। आपकी वॉइस डेटा का गलत इस्तेमाल आपके किसी परिचित को फ्रॉड का शिकार बनाने में किया जा सकता है।