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चैटजीपीटी (ChatGPT)

बीते कुछ महीनों में ChatGPT ने बहुत नाम बनाया है। मगर आज हम आपको बताएंगे कि चैटजीपीटी क्या है। इसकी शुरूआत किसने की ये कैसे काम करता है किन किन कामों में चैटजीपीटी का उपयोग होता है। आइये इससे जुड़े सभी पहलूओं के बारे में जानते हैं।

By Ankita PandeyEdited By: Ankita PandeyUpdated: Mon, 13 Mar 2023 11:59 PM (IST)
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Know the details and everything related to ChatGPT
नई दिल्ली, टेक डेस्क। ChatGPT के बारे में हम सब ने सुना है, लेकिन क्या आप इसके बारे में सब कुछ जानते हैं। आज हम आपको ChatGPT से जुड़ी सारी जानकारी देने वाले हैं। हम आपको बताएंगे कि इसकी शुरुआत कब हुई, इसका क्या उपयोग है। चैटजीपीटी के आने से इंटरनेट में कितना बदलाव हुआ है। आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

क्या है ChatGPT?

  • सरल शब्दों में कहें तो ये एक Ai आधारित चटैबॉट है, जो आपको आपके सारे सवालों के जबाव देता है।
  • चाहे आप जो भी सवाल पूछे यह उसके जवाब आपको देता है। यानी कि यह इंसानों की तरह सवाल पूछता है और आपको जवाब भी देता है।
  • कंपनी का कहना है कि यह आपके प्रश्नों का उत्तर दे सकता है, अपनी गलतियां मान सकता है। साथ ही यह अनुमान भी लगा सकता है कि उससे पूछा जाने वाला अगला सवाल क्या होगा?
  • इतना ही नहीं GPT उन अनुरोधों को अस्वीकार भी कर सकता है, जिन्हें वह सही नहीं मानता।

GPT-3.5 पर आधारित है ChatGPT

  • ChatGPT GPT-3.5 पर आधारित OpenAI द्वारा विकसित एक बड़ा भाषा मॉडल चैटबॉट है।
  • इसमें कॉन्वर्सेशनल तरीके से बातचीत करने और आपके सवालों पर प्रतिक्रियाएं देने के लिए तैयार किया गया है। बता दें कि बड़े भाषा मॉडल शब्दों की सीरीज में अगले शब्द को समझने का काम करते हैं।
  • इसके अलावा इसमें ह्यूमन फीडबैक के साथ रीइन्फोर्समेंट लर्निंग (RLHF) टेस्टिंग भी है। यह चैटजीपीटी को निर्देशों का पालन करने और आपके के लिए सही प्रतिक्रियाएं जनरेट करने की क्षमता को समझने और सीखने में मदद करने के लिए मानव प्रतिक्रिया का उपयोग करती है।

किसने की थी शुरुआत?

  • ChatGPT की शुरूआत 30 नवंबर 2022 को एक प्रोटोटाइप की तरह की गई थी। इसके कुछ दिनों के भीतर ही इसने काफी लोकप्रियता हासिल कर ली थी।
  • इसकी शुरूआत OpenAI ने की थी, लेकिन बड़ी बात ये है कि माइक्रोसाफ्ट जैसी बड़ी कंपनी ने इसके लिए 10 बिलियन डॉलर का इंवेस्टमेंट किया था।

Google जैसी बड़ी कंपनियां हुई प्रभावित

  • ChatGPT के मार्केट में आते ही गूगल जैसे बड़ी कंपनियां भी असमंजस में पड़ गई थी।
  • कई बड़े एक्सपर्ट ने इसे गूगल का प्रतिद्वदी घोषित कर दिया था। जिसके बाद गूगल ने भी अपना Ai आधारित चैटबॉट पेश किया था। इसे Bard नाम दिया गया था।

ChatGPT पर हुए कई परीक्षण

  • ChatGPT के आने के साथ ही लोगों में जितना उत्साह था, उतने ही सवाल भी थे। इसके कारण कई विशेषज्ञों ने इसे अलग अलग तरह से टेस्ट किया और अलग-अलग परिणाम दिए गए।
  • जहां कई देशों में चैटजीपीटी को स्कूल कालेजों में बैन कर दिया गया। वहीं कुछ प्लेटफॉर्म ने अपने यूजर्स की सहूलियत के लिए इसे अपना हिस्सा भी बनाया।

  • एक तरफ ChatGPT ने यूएस लॉ स्कूल से परीक्षा पास की है। वहीं दूसरी तरफ वह IAS की परीक्षा में फेल हो गया।
  • कई विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि ChatGPT भले ही अंग्रेजी में बेहतर है, लेकिन गणित के सवालों को हल करने में उसे आम बच्चों की तरह ही समस्या होती है।

Microsoft ने पेश किया ChatGPT आधारित Bing

  • Microsoft ने ChatGPT का इस्तेमाल कर अपने बिंग इंटरनेट-सर्च इंजन और एज ब्राउजर के नए वर्जन को पेश किया।
  • कंपनी ने बताया कि नया बिंग एक OpenAl भाषा मॉडल पर चलता है, जो ChatGPT के मॉडल से एडंवास है।
  • इसकी मदद से यूजर ईमेल लिखने के लिए बॉट को टैप कर सकते हैं। इसेक अलावा यह वेब पेजों को समराइज करने के साथ प्रश्नों का उत्तर दे सकता है।

लव लेटर से लेकर बुक तक सब लिख सकता है ChatGPT

  • वैसे ये चैटबॉट आपके कई काम आ सकता है। कई यूजर्स ने इसका इस्तेमाल अपने प्रेमियों को लव लेटर लिखने के लिए किया है। वहीं यह बुक लिखने में भी मददगार हो सकता है।
  • कई कंपनियों ने इसे अपने ऐप्स में भी पेश किया है ताकि यूजर्स को आसानी से अपने हर सवालो का जवाब मिल सकें और वे ऐप्स से अधिक जुड़ सकें।

खतरनाक हो सकता है ChatGPT

  • कई रिपोर्ट में पता चला है कि ChatGPT लोगों के लिए खरतनाक भी हो सकता है, आइये इसके बारे में जानते हैं।
  • ब्लैकबेरी की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 71 प्रतिशत तकनीकी विशेषज्ञों का मानना है कि कुछ विदेशी देश पहले से ही एआई चैटबॉट का उपयोग अन्य देशों के खिलाफ साइबर अटैक के उद्देश्यों के लिए कर रहे हैं।

  • इसके साथ ही लगभग 53 प्रतिशत लोगों का मानना है कि ChatGPT हैकर्स को विश्वसनीय फिशिंग ईमेल बनाने में मदद कर सकता है और झूठी जानकारी फैलाने की मददगार हो सकता है।
  • इतना ही नहीं यह चैटबॉट न्यूक्लियर कोड चोरी करने, घातक वायरस बनाने धमकी देने के साथ-साथ जीवित रहने की इच्छा भी जाहिर कर रहा है।