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Smartphone और Laptop में न करें ये काम, इंटरनेट यूजर की लापरवाहियां साइबर अपराध के लिए हो सकती हैं जिम्मेदार

कई मामलों में देखा जाता है कि साइबर अपराध का शिकार होने की वजह एक इंटरनेट यूजर की ही लापरवाहियां होती हैं। हम इंटरनेट का इस्तेमाल लैपटॉप और मोबाइल में करते हैं लेकिन सिस्टम को साइबर क्राइब प्रूफ बनाना ही भूल जाते हैं। इंटरनेट यूजर को सलाह दी जाती है कि स्मार्टफोन में ऐप्स को इन्स्टॉल करने के लिए प्ले स्टोर और ऐप स्टोर का ही इस्तेमाल करें।

By Shivani KotnalaEdited By: Shivani KotnalaPublished: Wed, 09 Aug 2023 08:00 PM (IST)Updated: Wed, 09 Aug 2023 08:00 PM (IST)
इंटरनेट यूजर की लापरवाहियां साइबर अपराध के लिए हो सकती हैं जिम्मेदार

नई दिल्ली, टेक डेस्क। डिजिटल वर्ल्ड में साइबर अपराध भी अपने पैर जमा चुका है। इंटरनेट यूजर की एक गलती और बैंक अकाउंट सेकेंड़ों में साफ होते देर नहीं लगती है। हालांकि, कई मामलों से देखा जाता है कि साइबर अपराध का शिकार होने के लिए एक इंटरनेट यूजर की ही लापरवाही जिम्मेदार होती है। हम इंटरनेट का इस्तेमाल लैपटॉप और मोबाइल में करते हैं, लेकिन सिस्टम को साइबर क्राइब प्रूफ बनाना ही भूल जाते हैं।

इस साइबर अपराध से बचने की रखें पूरी तैयारी

DDoS एक साइबर अपराध है जिसमें अटैकर यूजर को इंटरनेट की वेबसाइट और सर्विस तक पहुंचने से रोकने की कोशिश करता है।

इस टेक्नोलॉजी के साथ अटैकर यूजर को रोकते हुए सर्वर पर इंटरनेट ट्रैफिक भर देता है। इंटरनेट का इस्तेमाल करते हुए DDoS (Distributed Denial-of-Service) अटैक से बचने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखा जाना जरूरी है।

साइबर अपराध से बचने के लिए इन बातों का रखें ख्याल

  • इंटरनेट यूजर को सलाह दी जाती है कि स्मार्टफोन में ऐप्स को इन्स्टॉल करने के लिए प्ले स्टोर और एपल स्टोर का ही इस्तेमाल करे।
  • यूजर को इंटरनेट पर मौजूद किसी लिंक से ऐप डायरेक्ट डाउनलोड करने से बचना चाहिए।
  • फोन या लैपटॉप में इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं तो डिवाइस में एक एंटीवायरस सॉफ्टवेयर या ऐप को इन्स्टॉल करना न भूलें। इसके साथ ही यूजर को सलाह दी जाती है कि वे एंटीवायरस सॉफ्टवेयर को समय-समय पर अपडेट करने का भी ध्यान रखें।
  • इंटरनेट यूजर को सलाह दी जाती है कि लैपटॉप और फोन पर फ्री वाईफाई सेवाओं का इस्तेमाल न करें। फ्री पब्लिक वाईफाई की सुविधा फोन में किसी तरह के मालवेयर की एंट्री को आसान बना सकती है।
  • इंटरनेट यूजर को सलाह दी जाती है कि जीमेल को लैपटॉप और फोन में ओपन करने के साथ ही अनजान लिंक पर डायरेक्ट क्लिक न करें। इसके साथ ही यूजर को ध्यान रखना चाहिए कि उसे अनजान सोर्स से किसी भी अटैचमेंट को डाउनलोड नहीं करना है।


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