आसान भाषा में जानिए क्या होती है डीपफेक टेक्नोलॉजी, इससे बचने के लिए इन AI टूल का कर सकते हैं इस्तेमाल
Deepfake Technology ये टेक्नोलॉजी ऐसी एल्गोरिदम और पैटर्न को लर्न करती है जिसका इस्तेमाल मौजूदा इमेज या वीडियो में हेरफेर करके उसके और ज्यादा रियल बनाने में किया जाता है। नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को डीप फेक बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटलीजेंस (AI) के दुरुपयोग को चिह्नित किया और कहा कि मीडिया को इस संकट के बारे में लोगों को शिक्षित करना चाहिए।
By Anand PandeyEdited By: Anand PandeyUpdated: Fri, 17 Nov 2023 09:20 PM (IST)
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसी खतरनाक टेक्नोलॉजी बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है। दुनिया भर में डीपफेक काफी तेजी से फैल रहा है। ओबामा से लेकर पुतिन और मनोज से लेकर रश्मिका तक, आज हम जो देख रहे हैं वह उस नुकसान की एक झलक मात्र है, जो एक अनियंत्रित टेक्नोलॉजी हम पर ला सकती है।
नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को डीप फेक बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटलीजेंस (AI) के दुरुपयोग को चिह्नित किया और कहा कि मीडिया को इस संकट के बारे में लोगों को शिक्षित करना चाहिए।
क्या है डीपफेक टेक्नोलॉजी
डीपफेक शब्द 'Deep Learning' और 'Fake' के मेल से बना है। डीप फेक टेक्नोलॉजी की मदद से किसी दूसरे की फोटो या वीडियो पर किसी सेलिब्रिटी वीडियो के फ़ेस के साथ फेस स्वैप कर दिया जाता है। ये देखने में बिलकुल असली वीडियो या इमेज की तरह दिखती है।ये टेक्नोलॉजी ऐसी एल्गोरिदम और पैटर्न को लर्न करती है, जिसका इस्तेमाल मौजूदा इमेज या वीडियो में हेरफेर करके उसके और ज्यादा रियल बनाने में किया जाता है। इससे बनी वीडियो और इमेज पर लोग आसानी से भरोसा भी कर लेते हैं। ये टेक्नोलॉजी Generative Adversarial Networks (GANs) का इस्तेमाल करती है जिससे फेक वीडियो और इमेज बनाये जाते हैं।
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