डिजी यात्रा
हाल ही में सरकार ने एक ऐसे ऐप को लॉन्च किया जो आपके ट्रैवलिंग के अनुभव को बदल देगा। इसे डिजीयात्रा नाम दिया गया। यह ऐप कुछ ही मिनट में पूरी बोर्डिंग प्रक्रिया को पूरा करने में मदद करेगा। आज हम इससे जुड़ी सभी जरूरी बातों के बारे में जानेंगे।
By Ankita PandeyEdited By: Ankita PandeyUpdated: Tue, 07 Mar 2023 01:56 PM (IST)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। ट्रैवल करना किसको नहीं पसंद होता है, लेकिन हम सभी बोर्डिंग की लंबी प्रक्रिया से उब जाते हैं।ऐसा इसलिए क्योंकि बोर्डिंग और सिक्योरिटी चेकिंग में लगभग 1 से डेढ़ घंटे का समय लग जाता है। लेकिन सरकार ने एक ऐसी टेक्नोलॉजी लाया है, जिससे आपका ये समय काफी कम हो जाता है। हम बात कर रहे हैं डिजीयात्रा की।
क्या है डिजीयात्रा (Digi Yatra)?
डिजीयात्रा एक ऐसी टेक्नोलॉजी है, जो बोर्डिंग प्रक्रिया को काफी तेज और ज्यादा सहज बना देगी क्योंकि हर यात्री को हर टचपॉइंट पर तीन सेकंड से कम की जरूरत होगी। इसमे आपका चेहरा ही आपकी पहचान होगा, जो डॉक्यूमेंट जैसे आईडी प्रूफ, वैक्सीन प्रूफ और बोर्डिंग पास के रूप में भी काम करेगा।
कब लान्च हुआ ऐप?
- भारत के नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 1 दिसंबर को Digiyatra की शुरूआत की।
- इस ऐप की मदद से यात्रियों को किसी बोर्डिंग पास के बिना केवल फेस रिकग्निशन से एयरपोर्ट पर एंट्री की अनुमति दी जाएगी।
क्यों शुरू की गई टेक्नोलॉजी?
- हवाई अड्डों पर संपर्क रहित यात्री पहचान को सपोर्ट करने के लिए डिजी यात्रा ऐप को शुरू किया गया।
- नागरिक उड्डयन मंत्रालय के डिजी यात्रा प्रोजेक्ट का उद्देश्य हवाई यात्रियों को परेशानी मुक्त, सहज और स्वास्थ्य-जोखिम-मुक्त यात्रा करने देना है।
- डिजी यात्रा एक ऐसी प्रक्रिया है, जो यात्रा, पहचान, स्वास्थ्य या हवाई यात्रा के अन्य आवश्यक डाटा को डिजिटली वेरिफाई करने के लिए चेहरे के बायोमेट्रिक्स का उपयोग करता है।
- डिजीयात्रा हवाई अड्डे पर बढ़ी हुई सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा, क्योंकि यात्री के डाटा को एयरलाइंस डिपार्चर कंट्रोल सिस्टम के साथ वेरिफाई किया जाएगा। यानी कि केवल नामित यात्री ही टर्मिनल में प्रवेश कर सकते हैं। पूरी प्रक्रिया सुरक्षित और ऑटोमेटिक है।
ID कार्ड की नहीं होगी जरूरत
- बता दें कि डिजीयत्रा बायोमेट्रिक बोर्डिंग सिस्टम को पहचान दस्तावेज के साथ एकीकृत किया गया है, इसलिए यात्रियों को अब हवाई अड्डे के चेकपोर्ट पर अपने टिकट/ बोर्डिंग पास और अपने भौतिक पहचान कार्ड दिखाने की जरूरत नहीं होगी।
- डिजी यात्रा फाउंडेशन और नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने हवाई अड्डों पर संपर्क रहित यात्री पहचान की सुविधा के लिए डिजी यात्रा ऐप बनाया।
- यह ऐप यूजर्स को उड़ानों को तेजी से बोर्ड करने और यात्रा के दौरान समय बचाने की अनुमति देता है।
कैसे काम करता है Digi Yatra ऐप?
डिजी यात्रा ऐप यात्रियों की पहचान को वेरिफाई करने के लिए एक फेशियल रिकग्निशन सिस्टम (FRS) का उपयोग करता है, जो उनके बोर्डिंग पास से जुड़ा होगा। इस प्रकार, हवाई अड्डे में प्रवेश करने, पूर्व-सुरक्षा जांच को खत्म करने और बोर्डिंग गेट्स तक पहुंचने में कम समय लगता है।डिजी यात्रा ऐप कैसे करें डाउनलोड?
यह ऐप Android और iOS फोन के लिए मुफ्त में उपलब्ध है। आप iPhones के लिए ऐप स्टोर और Android डिवाइस के लिए Google Play Store से Digi Yatra ऐप डाउनलोड कर सकते हैं।किस एयरलाइंस और हवाई अड्डों पर सक्षम है ऐप
अभी विस्तारा, एयर इंडिया और इंडिगो में डिजी यात्रा पहल का हिस्सा हैं। स्पाइसजेट और गोफिरस्ट जल्द ही इस लिस्ट में शामिल होने वाले हैं। Digi Yatra ऐप डोमेस्टिक फ्लाइट को लेने वाले यात्रियों के लिए इन तीन हवाई अड्डों में डिजी यात्रा की सुविधा मिलती है-- इंदिरा गांधी इंटरनेशनल (IGI) हवाई अड्डा, दिल्ली
- केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, बेंगलुरु
- लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट, वाराणसी
Digi Yatra ऐप का उपयोग कैसे करें?
- डिजी यात्रा ऐप डाउनलोड करने के बाद आपको डिजी यात्रा आईडी जनरेट करनी होगी।
- आप नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल पता, और पहचान प्रमाण विवरण (ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड, मतदाता आईडी) जैसी जानकारी दे करके डिजी यात्रा आईडी जनरेट कर सकते हैं।
- वहीं अगर आपने आधार-आधारित वेरिफिकेशन का विकल्प चुना है, तो आपकी पहचान को ऑनलाइन वेरिफाई किया जाएगा। मान लिजिए जब आपने एक और पहचान पत्र चुना है, तो हवाई अड्डे पर सुरक्षाकर्मी इसे मैन्युअली भी वेरिफाई करेंगे।
- डिजी यात्रा आईडी जनरेट होने के बाद इसे टिकट खरीदते समय यात्री द्वारा साझा किया जाना होता है।
- डिपार्चर वाले हवाई अड्डे को एयरलाइंस से डिजी यात्रा आईडी और यात्री का डाटा मिलेगा। सफल वेरिफिकेशन के बाद यात्री की तस्वीर को केंद्रीय प्रणाली में डिजी यात्रा ऐप प्रोफाइल में जोड़ा जाएगा।
हवाई अड्डे पर क्या प्रक्रिया है?
- आपको बोर्डिंग पास में बारकोड या एंट्री प्वाइंट ई-गेट पर ई-टिकट में स्कैन करना होगा।
- क्यूआर कोड या बारकोड को स्कैन करने के बाद, सिस्टम यात्री और उड़ान विवरण को वेरिफाई करेगा।
- FRS यात्री की पहचान और यात्रा दस्तावेजों को वेरिफाई करेगा।
- डिजी यात्रा आईडी और टिकट को सफलतापूर्वक वेरिफाई करने के बाद ई-गेट खुलेगा।
- टिकट PNR के साथ आपका चेहरा पूरे हवाई अड्डे की यात्रा के लिए एक ही टोकन में बदल जाता है।
- जिसके बाद यात्री को सुरक्षा क्षेत्र और उड़ान तक एक्सेस दी जाएगी।
- FRS का उपयोग करके ई-गेट के माध्यम से बोर्डिंग किया जाता है।