क्या है End-to-End Encryption, आपके मैसेज को कैसे रखता है सुरक्षित
वॉट्सऐप फेसबुक जैसे एप्लिकेशन ये दावा करते हैं कि इनके मैसेज प्लेटफॉर्म एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड है। यानी इस प्लेटफॉर्म पर भेजे गए मैसेजेस केवल सेंडर और रिसीवर के बीच ही रहते हैं। क्या आप जानते हैं कि ये फीचर कैसे काम करता है...
By Ankita PandeyEdited By: Updated: Mon, 05 Dec 2022 06:20 PM (IST)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। सभी मैसेजिंग ऐप अपने यूजर्स को एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन की सुविधा देते हैं। चाहे आप वॉट्सऐप का इस्तेमाल करते हैं या फेसबुक पर मैसेज कर रहे हैं, आपका हर मैसेज सुरक्षित है। लेकिन क्या ऐसा सच में होता है? अगर हां, तो आइये जानते है कि कैसे ये फीचर आपके डाटा को सेव रखता है...
क्या है डाटा एन्क्रिप्शन
एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन एक प्रोसेस है, जो एक एल्गोरिदम पर काम करता है।यह स्टैंडर्ड टेक्स्ट कैरेक्टर को ऐसे फॉर्मेट में बदल देता है, जिसे पढ़ा नहीं जा सकता है। इस प्रकिया में भेजे गए डाटा को पढ़ने के लिए एन्क्रिप्शन कीज का उपयोग किया जाता है, ताकि केवल रिसीवर यानी कि अधिकृत यूजर्स ही इसे पढ़ सकें।
इसमें एन्क्रिप्टेड डाटा केवल डिक्रिप्शन कीज वाले लोगों द्वारा देखा जा सकता है। यानी कि E2EE ऐसे यूजर्स और थर्ड पार्टी ऐप्स को डाटा पढ़ने या संशोधित करने से रोकता है, जिसके पास इसका अधिकार नहीं है।यह भी पढ़ें- क्या है Ransomware, कैसे चुराता है डाटा, जानें कैसे बचें इस खतरे से
क्यों जरूरी है एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन?
हमारे मैसेज में संवेदनशील विषय जैसे व्यावसायिक डॉक्यूमेंट, वित्तीय डिटेल, कानूनी कार्यवाही और व्यक्तिगत बातचीत आदि शामिल हैं। इसकी सुरक्षा में कमी आने पर बिजनेस और कस्टमर्स को नुकसान हो सकता है। इसलिए निजी डाटा को सुरक्षित रखने के लिए E2EE का जरूरी होता है।