इंटरनेट ऑफ थिंग्स से कैसे बदल रही है हमारी जिंदगी, पढ़िए
अगर आपके मन में भी इंटरनेट ऑफ थिंग्स को लेकर सवाल हैं तो यहां पढ़ें विस्तार से
नई दिल्ली (साक्षी पंड्या)। टेक्नोलॉजी का विस्तार अब अगले पड़ाव की ओर बढ़ चुका है। अब टेक्नोलॉजी की परिभाषा स्मार्टफोन, टीवी या स्मार्टवॉच तक ही सीमित नहीं रह गई है। इसकी जगह अब इंटरनेट ऑफ थिंग्स ने ले ली है। इसके बारे में विस्तार से जानने से पहले आइए जान लें की आखिर इंटरनेट ऑफ थिंग्स है क्या और किस तरह यह टेक्नोलॉजी का भविष्य कहा जा रहा है।
क्या है इंटरनेट ऑफ थिंग्स?इंटरनेट ऑफ थिंग्स नेटवर्किंग को कहा जाता है। अब आपके मन में सवाल होगा की यह किस तरह की नेटवर्किंग है? इस नेटवर्किंग में आपके उपयोग के सभी गैजेट्स और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज एक-दूसरे से कनेक्ट होते हैं। यह टेक्नोलॉजी बेहद उपयोगी और कामगर है। टेक्नोलॉजी ने हमारी रोजमर्रा की जिन्दगी को कितना आसान बना दिया है यह तो सभी जानते हैं। यह टेक्नोलॉजी भी वही करती है। इसे आसान भाषा में एक उदहारण के जरिए समझाया जा सकता है। इंटरनेट ऑफ थिंग्स के अंतर्गत आपका एक डिवाइज आपके घर, किचन आदि में मौजूद अन्य डिवाइसेज को कमांड देता है। इस तरह से एक डिवाइस को इंटरनेट के साथ लिंक कर के बाकी डिवाइसेज से अपने अनुसार कुछ भी कार्य करवाया जा सकता है। जैसे की- एक कार बीमा कंपनी अपने पालिसी धारकों को सेंसर के माध्यम से किसी ऐसे क्षेत्र में बढ़ने से रोक/चेतावनी दे सकती है, जहां चक्रवात या कोई और आपदा आने की आशंका हो।
एस्ट्रम होल्डिंग लिमिटेड के सीईओ मनोज कुमार पंसारी इंडस्ट्री में IOT के भविष्य को लेकर बताते हैं की- '' टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री का विस्तार हो रहा है और यह स्मार्ट टेक्नोलॉजी में परिवर्तित हो रहा है। इसकी शुरुआत IOT और सिक्योरिटी से हुई है। आज के समय में लोगों के लिए सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है। इसे लोगों के लिए IOT/सिक्योरिटी डिवाइसेज से आसान किया जा सकता है।''
IOT के अंतर्गत कौन-सी डिवाइसेज आती है?
इंटरनेट ऑफ थिंग्स की मदद से आप सिक्योरिटी, गार्डनिंग, म्यूजिक, ऑटोमोबाइल, किचन सभी डिवाइसेज को एक-साथ कनेक्ट कर के कई काम कर सकते हैं।
इंटरनेट ऑफ थिंग्स कैसे काम करता है, इसे समझाने के लिए नीचे कुछ एप्लिकेशन्स और डिवाइसेज के उदाहरण दिए गए हैं:
इंटरनेट ऑफ थिंग्स के लिए एप्लिकेशन्स:
स्मार्ट होम: स्मार्ट होम IOT की सबसे पॉपुलर एप्लीकेशन है। अमेजन इको से लेकर नेस्ट थर्मोस्टेट तक ऐसे हजारों प्रोडक्ट्स हैं जिन्हे यूजर्स अपनी आवाज से कंट्रोल कर सकते हैं।
वियरेबल्स: वाच अब समय बताने तक ही सीमित नहीं रही है। एप्पल वाच समेत बाजार में ऐसी कई वाच उपलब्ध हैं जिनसे अब टेक्स्ट मैसेज, फोन कॉल्स और कई काम किये जा सकते हैं। इसी के साथ फिटबिट और जॉबोन जैसे डिवाइसेज ने फिटनेस की दुनिया को बदल दिया है।
स्मार्ट सिटीज: IoT से लोगों की रोजमर्रा में आने वाले परेशानियों को बहुत आसानी से हल किया जा सकता है। इससे क्राइम, प्रदूषण, ट्रैफिक की समस्या आदि से आसानी से निपटा जा सकता है।
कनेक्टेड कार: इन वाहनों में इंटरनेट एक्सेस होता है और यह एक्सेस दूसरों के साथ शेयर भी किया जा सकता है।
इंटरनेट ऑफ थिंग्स डिवाइसेज और उदाहरण:
अमेजन इको- स्मार्ट होम: अमेजन इको वॉयस असिस्टेंट Alexa के जरिए काम करता है। इसमें यूजर्स अलग-अलग कार्य करवाने के लिए बात कर सकते हैं। यूजर्स Alexa को म्यूजिक प्ले करने, मौसम की जनकारी देने, खेल का स्कोर बताने, टैक्सी बुक करने जैसे कई काम करवा सकते हैं।
फिटबिट वन- वियरेबल्स: फिटबिट वन ट्रैक करता है की आप कितना चले हैं , अपने कितनी कैलरीज बर्न की हैं या आप कितना सोए हैं आदि। इसी के साथ यह डिवाइस आपके स्मार्टफोन या कंप्यूटर से सिंक हो कर आपके फिटनेस डाटा को चार्ट में भी तब्दील कर देता है ताकि आप अपनी फिटनेस प्रोग्रेस आसानी से ट्रैक कर सकें।
बार्सिलोना- स्मार्ट सिटी: यह स्पेनिश सिटी स्मार्ट सिटीज में से सबसे पहले आती है। यहां कई IoT की योजनाओं को लागू किया गया है। इससे स्मार्ट पार्किंग और वातावरण को साफ रखने में मदद मिली है।
एस्ट्रम AL 150 लॉक- सिक्योरिटी: इन ब्लूटूथ आधारित लॉक में आपको चाबी या किसी कॉम्बो लॉक की जरुरत नहीं पड़ती। ये लॉक एंड्रॉयड और आईओएस डिवाइसेज को सपोर्ट करता है। इसे आप घर में मौजूद अन्य गैजेट्स के साथ आसानी से कनेक्ट कर सकते हैं।
2020 तक कितना हो जाएगा IoT डिवाइसेज का विस्तार?
बिजनेस इनसाइडर द्वारा किए गए शोध के अनुसार, 2020 तक 24 अरब से अधिक इंटरनेट से जुड़ी डिवाइस दुनिया भर में लग चुकी होंगी। इस संदर्भ को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि धरती पर हर इंसान के लिए चार से अधिक डिवाइस होंगी। इन डिवाइसेस में थिंग्स ऑफ इंटरनेट शामिल है, और इसकी उपस्थिति हमारी दुनिया को स्थायी रूप से बदल रही है।
IoT इंसानों की भौतिक दुनिया और डेटा की डिजिटल दुनिया के बीच का कनेक्शन है। कंप्यूटर, स्मार्टफोन, स्मार्टवाच, टैबलेट, मार्डन टीवी और पहनने योग्य गैजेट्स सभी IoT का हिस्सा है। हालांकि, रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली चीजें जैसे थर्मोस्टैट्स और स्मोक डिटेक्टर अब स्मार्ट हो रहे हैं, जो उन्हें IOT के रूप में स्थापित करता है।
IoT की भारत में क्या स्थिति है?
केंद्र सरकार ने अक्टूबर 2014 में इंटरनेट ऑफ थिंग्स पर मसौदा नीति जारी की थी। डिजिटल इण्डिया स्मार्ट सिटी पहल के साथ तालमेल की परिकल्पना के साथ अप्रैल 2015 में कुछ संशोधनों के साथ इसे जारी किया गया।
इस नीति के तहत 2020 तक 15 बिलियन अमेरिकी डॉलर का इंटरनेट ऑफ थिंग्स उद्योग बनाने की परिकल्पना है। इसके अलावा सरकार की तैयारी आईओटी सेंटर्स को भी डेवलप करने की है। 2020 तक आंध्रप्रदेश को मुख्य आईटी हब में परिवर्तित करने के उद्देश्य से आंध्रप्रदेश की सरकार ने भारत की पहली इंटरनेट ऑफ थिंग्स नीति 2016 को मंजूरी प्रदान की।
यहां तक कि निजी क्षेत्र में अगस्त 2015 में रिलायंस कम्युनिकेशन लिमिटेड ने संयुक्त राज्य अमेरिका आधारित जैस्पर टेक्नोलॉजीज के साथ एक समझौता कर भारत में इंटरनेट ऑफ थिंग्स सेवाओं में प्रवेश करने की कोशिश की।
यह भी पढ़ें: