APJ Abdul Kalam Death Anniversary 2023: मिसाइल ही नहीं, टैबलेट भी बनाया था, आखिर क्यों खास है ये डिवाइस
आज भारत के मिसाइल मैन कहे जाने वाले डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की 8वीं पुण्यतिथि है। कलाम 2002–2007 तक भारत के राष्ट्रपति रहे। उनकी बड़ी उपलब्धियों के लिए ही आज भी याद किया जाता है। क्या आप जानते हैं भारत के मिसाइल मैन ने कलाम-राजू टैबलेट तैयार किया था जो ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए लाया गया था।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। भारत के मिसाइल मैन कहे जाने वाले डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की आज 8वीं पुण्यतिथी है। साल 2002–2007 तक भारत के राष्ट्रपति रहे, कलाम अपनी उपलब्धियों के लिए आज भी याद किए जाते हैं। डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम 27 जुलाई 2015 को इस दुनिया को अलविदा कह गए।
डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की अनेक उपलब्धियां रही हैं, जिनके बारे में अधिकतर लोगों को जानकारियां हैं। लेकिन बहुत कम लोगों को जानकारी होगी कि डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम ने कलाम-राजू टैबलेट भी तैयार करवाया था।
क्या था कलाम-राजू टैबलेट
दरअसल, डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम ने साल 2012 में कलाम-राजू टैबलेट को तैयार करवाया था। यह एक छोटा सा लैपटॉप था। इस लैपटॉप को डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम ने डॉ. सोमा राजू के साथ मिल कर बनवाया था। भारतीय ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के क्रम में टैबलेट को पेश किया जाना था।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम राजस्थान में उदयपुर दौरे पर आए थे, उस दौरान उन्होंने इस तरह के टैबलेट को लेकर जानकारी भी दी थी। दरअसल कलाम-राजू स्टेंट की सफलता के बाद इस टैबलेट को लाया जा रहा था।
कलाम-राजू स्टेंट भी था खास
कलाम-राजू स्टेंट को हैदराबाद के डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट लेबोरेट्री में तैयार करवाया गया था। इस स्टेंट के करीब 522 वेरिएंट साल 1997-2001 के बीच देश में लगवाए भी गए। महज एक से डेढ़ साल में ही कलाम-राजू स्टेंट कार्डियो के ग्लोबल बाजार में 50 प्रतिशत गिरावट का कारण बनने लगा।
इस सफलता पर हैदराबाद के डिफेंस रिसर्च एंड डवलपमेंट लेबोरेट्री को मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस की ओर से टेक्नोलॉजी स्पिन- ऑफ अवार्ड से सम्मानित किया गया था। कलाम का यह डिवाइस अपने आप में ही खास था,क्योंकि इससे पहले इस तरह के डिवाइस भारत में निर्मित नहीं होते थे। कलाम का यह डिवाइस सस्ती कीमत पर लाया गया था।
बताया जाता है कि कलाम द्वारा बनवाया गया यह स्टेंट बहुत कम कीमत पर भारतीयों को पेश किया जा रहा था। कलाम इस टैबलेट को 10 हजार रुपये में उपलब्ध करवाना चाहते थे। यह डिवाइस एक कार्डियक स्टेंट था, लेकिन बाजार में लालची कार्डियोलॉजिस्टों ने एक अलग प्रचार के साथ इस स्टेंट को फ्लॉप करवा दिया।
क्यों कहलाए मिसाइल मैन
डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम को बैलेस्टिक मिसाइल के लिए प्रोजेक्ट डेविल और प्रोजेक्ट वैलिएंट की जिम्मेदारियां सौंपी गई थीं। इतना ही नहीं, कलाम के नेतृत्व में ही भारत ने कई मिसाइलें जैसे पृथ्वी, अग्नि, आकाश, नाग और त्रिशूल विकसित की थीं। भारत की इन मिसाइलों के साथ ही आत्मनिर्भर बनने की राह सफल हुई थी।