Laser Internet: लेजर बेस्ड इंटरनेट टेक्नोलॉजी कैसे काम करती है? इतनी है डेटा ट्रांसफर स्पीड
What is Laser Based Internet Technology नई लेजर-आधारित इंटरनेट टेक्नोलॉजी को अल्फाबेट की कैलिफ़ोर्निया इनोवेशन लैब में विकसित किया गया है जिसे एक्स कहा जाता है। इस परियोजना को आंतरिक रूप से Taara के नाम से जाना जाता है। यह टेक्नोलॉजी फास्ट इंटरनेट सर्विस प्रदान करने के लिए लाइट रे का इस्तेमाल करती है। वायरलेस ऑप्टिकल कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी 20 जीबीपीएस तक की स्पीड से डेटा ट्रांसफर कर सकती है।
By Anand PandeyEdited By: Anand PandeyUpdated: Mon, 17 Jul 2023 07:56 PM (IST)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। दूरसंचार प्रदाता भारती एयरटेल ने हाल ही में भारत के ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में हाई-स्पीड इंटरनेट सेवाएं देने के लिए Google की मूल कंपनी अल्फाबेट के साथ अपनी साझेदारी की घोषणा की है। एक रिपोर्ट के अनुसार, एयरटेल के प्रवक्ता ने कहा है कि टेलीकॉम कंपनी और अल्फाबेट दोनों पहले ही पायलट चला चुके हैं और भारत में विभिन्न प्रमुख स्थानों पर नई इंटरनेट टेक्नोलॉजी का सफलतापूर्वक टेस्टिंग कर चुके हैं।
आज किस आर्टिकल में हम आपको लेजर इंटरनेट टेक्नोलॉजी के बारे में बताने वाले हैं। आइए डिटेल से जानते हैं ये टेक्नोलॉजी क्या है और कैसे काम करती है।
लेजर इंटरनेट टेक्नोलॉजी क्या है?
नई लेजर-आधारित इंटरनेट टेक्नोलॉजी को अल्फाबेट की कैलिफ़ोर्निया इनोवेशन लैब में विकसित किया गया है, जिसे एक्स कहा जाता है। इस परियोजना को आंतरिक रूप से Taara के नाम से जाना जाता है। यह टेक्नोलॉजी फास्ट इंटरनेट सर्विस प्रदान करने के लिए लाइट रे का इस्तेमाल करती है।
अल्फाबेट की वेबसाइट का दावा है कि फाइबर की तरह (केबल के बिना) प्रोजेक्ट स्टार एक बहुत ही छोटी, अदृश्य किरण के रूप में हवा के माध्यम से सुपर हाई स्पीड पर सूचना प्रसारित करने के लिए लाइट का इस्तेमाल करता है। कंपनी की साइट यह भी पुष्टि करती है कि वायरलेस ऑप्टिकल कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी 20 जीबीपीएस तक की स्पीड से डेटा ट्रांसफर कर सकती है।