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Satellite Connectivity क्या है और कैसे ये काम करती है, जानिये इसके बारे में विस्तार से

Satellite Connectivity को Apple ने iphone 14 सीरीज में लांच करके एक आकर्षक फीचर दिया है। लेकिन ये Satellite Connectivity है क्या इसका क्या फायदा है और ये तकनीक कैसे काम करती है। इस सब के बारे में जानिये विस्तार से।

By Kritarth SardanaEdited By: Updated: Mon, 19 Sep 2022 05:37 PM (IST)
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Satellite Connectivity photo credit - Jagran New Media
नई दिल्ली, कृतार्थ सरदाना। Apple ने जब से iphone 14 सीरीज के नए मॉडल लांच किये हैं तभी से Satellite Connectivity का फीचर चर्चा में चल रहा है। हालांकि यह फीचर स्मार्टफोन के लिए जरूर नया है लेकिन इस फीचर का बहुत सालों से इस्तेमाल हो रहा है। सैटेलाइट कनेक्टिविटी की मदद से यूजर्स बिना सेल्युलर नेटवर्क के भी कॉल्स और मैसेज भेज सकते हैं। लेकिन ये सैटेलाइट कनेक्टिविटी काम कैसे करती है और भारत में इसका क्या स्कोप है। इस सबको जानने के लिए पढ़िए इस खबर को।

Satellite Connectivity क्या है ?

सैटेलाइट कनेक्टिविटी के जरिये यूजर का फोन मोबाइल टावर के बजाये सीधे सैटेलाइट से कनेक्ट हो जाता है। इसके बाद वो किसी भी मोबाइल या टेलीफोन पर फोन कर सकता है। इसके लिए एक अलग प्रकार का फोन आता है जिसे Satellite Phone या Sat Phone कहा जाता है। मौजूदा दौर में सैटेलाइट कनेक्टिविटी मिलने के बाद यूजर्स मोबाइल में बिना नेटवर्क के कॉलिंग और इंटरनेट की सुविधा का लुत्फ उठा पाएंगे।

Satellite Connectivity कैसे काम करती है ?

यह प्रणाली लो अर्थ ऑर्बिटिंग (LEO Low Earth Orbiting) उपग्रहों के नेटवर्क के माध्यम से काम करती है, जिसका स्वामित्व और संचालन स्वयं कंपनियों द्वारा किया जाता है। लो-अर्थ ऑर्बिट सैटेलाइट कनेक्टिविटी उन सैटेलाइट पर निर्भर होते हैं जो निचली ऑर्बिट में होते हैं और इंटरनेट बीम करने के लिए जाने जाते हैं।

इसका फायदा क्या है ?

इस तकनीक के द्वारा दुनिया में कहीं भी फोन करना संभव है, हालाँकि इसकी पहुंच केवल उपग्रहों पर ही निर्भर है। इसका उपयोग आपातकाल यानी emergency के दौरान किया जाता है। बहुत अधिक बारिश, बाढ़ या भूकंप के कारण जब मोबाइल नेटवर्क बंद हो जाता है तब इसी के जरिये लोगों से बात की जाती है।

iPhone 14 में Satellite Connectivity

नए iPhone 14 सीरीज के मॉडल में भी सैटेलाइट कनेक्टिविटी को आपात स्थिति के लिए ही बनाया गया है। हालाँकि वर्तमान में यह फीचर केवल अमेरिका और कनाडा में ही उपलब्ध रहेगा। सेलुलर और वाई-फाई कवरेज से बाहर होने पर ही यह सुविधा उपग्रहों के जरिये मिलेगी। इस सेवा को प्रयोग करने के लिए यूजर को खुली जगह में आने की जरूरत पड़ेगी ताकि Satellite के सिगनल iphone को मिल सके।

iPhone 14 यूजर का मार्गदर्शन करेगा कि बेस्ट सैटेलाइट कनेक्टिविटी के लिए फोन को कहां और किस पॉइंट पर ले जाया जाए । इसके साथ ही कंपनी यूजर से उस स्थिति तक पहुंचने के लिए एक छोटी प्रश्नावली (questionnaire)की भी पेशकश करेगी। फिर इन प्रश्नावली के जवाब Apple Center जायेंगे जहां से वह मदद के लिए कॉल करेंगे। यह सुविधा इनमारसैट, ग्लोबलस्टार, थुराया और इरिडियम जैसे सैटफोन ऑपरेटरों द्वारा दी जाने वाली सेवाओं के करीब नहीं है, क्योंकि वे बड़े साइज़ के हैंडसेट और उच्च लागत की कीमत पर पूर्ण वॉयस कॉल और इंटरनेट एक्सेस के साथ-साथ इस सर्विस की पेशकश करते हैं। ऐपल का सैटेलाइट कनेक्टिविटी फीचर उन लोगों पर केंद्रीत है, जो बिना किसी सेलुलर या वाई-फाई कवरेज के कारण कहीं फंस गए हैं।

क्या भारत में आएगा यह फीचर?

ऐपल ने फ़िलहाल GlobalStar कंपनी से इस सर्विस के लिए करार किया है। भविष्य में अन्य सैटेलाइट कंपनियों के साथ अपने गठजोड़ कर कंपनी इसका विस्तार कर सकती है। यह सुविधा भारत में भी शुरू हो सकती है लेकिन यह तभी संभव है जब सरकार इसकी अनुमति ऐपल को दें । सामान्य रूप से भारत में Satellite phone इस्तेमाल नहीं कर सकते।

Smartphone में Satellite Connectivity का भविष्य

Apple के बाद Google ने भी घोषणा कर दी है कि Android 14 में सैटेलाइट कनेक्टिविटी की सुविधा मिलेगी। इसके साथ एलोन मस्क के स्पेसएक्स ने टी-मोबाइल के साथ भी सैटेलाइट कनेक्टिविटी के लिए एक साझेदारी की घोषणा की है। इसके साथ ही मीडिया रिपोर्ट के अनुसार Samsung भी सैटेलाइट कनेक्टिविटी के फीचर को अपने स्मार्टफोन में देने की तैयारी कर रही है।

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