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Web Browser क्या होता है, कैसे करता है काम; इंटरनेट के इस्तेमाल में आखिर क्यों होती है इसकी जरूरत?

What Is web Browser वेब ब्राउजर क्या होता है। इंटरनेट का इस्तेमाल करने के लिए ब्राउजर की जरूरत क्यों पड़ती है। इसके अलावा इंटरनेट के शुरुआती दिनों में कौन-से ब्राउजर पॉपुलर रहे हैं इन सभी बातों को इस आर्टिकल में जानने की कोशिश करेंगे।

By Shivani KotnalaEdited By: Shivani KotnalaUpdated: Mon, 12 Jun 2023 07:30 PM (IST)
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What Is web Browser History And Importance
नई दिल्ली, टेक डेस्क। अगर आप इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं तो ब्राउजर टर्म आपके लिए अनसुनी नहीं हो सकती है। बात स्मार्टफोन की हो या लैपटॉप, डेस्कटॉप , टैबलेट डिवाइस की, इंटरनेट का इस्तेमाल करने के लिए ब्राउजर की जरूरत पड़ती है। ब्राउजर क्या है, कैसे काम करता है और एक अच्छे ब्राउजर में कौन-से फीचर होना जरूरी है, इन सभी बातों को इस आर्टिकल में जानने की कोशिश करते हैं-

वेब ब्राउजर क्या है?

सबसे पहले यही समझने की कोशिश करते हैं कि ब्राउजर क्या होता है? आसान भाषा में समझें तो यह एक कंप्यूटर प्रोग्राम है। इस कंप्यूटर प्रोग्राम का काम वर्ल्ड वाइड वेब पर मौजूद कोडिंग लैंग्वेज को यूजर के लिए पढ़ने और समझने लायक बनाना है।

यहां बताना जरूरी है कि इंटरनेट पर मौजूद सभी जानकारियां मशीनी लैंग्वेज में तैयार होती हैं, ऐसे में किसी वेबसाइट पर विजिट करने के बाद यहां कोडिंग लैंग्वेज को नहीं पढ़ा जा सकता है। यानी वेब ब्राउजर असल में वर्ल्ड वाइड वेब पर कंटेंट को एक्सेस करने के सुविधा है। गूगल क्रोम, माइक्रोसॉफ्ट एज, मोजिला फायरफोक्स, एपल सफारी ब्राउजर के उदाहरण हैं।

वेब ब्राउजर कैसे काम करता है?

ब्राउजर किसी वेबसाइट के सभी एलिमेन्टस जैसे टेक्स्ट, इमेज, वीडियो, कलर, फॉन्ट, स्ट्रक्चर, लेआउट को एक फ्रेम में सेट करता है। कभी आपने नोटिस किया होगा, इंटरनेट स्लो होने की स्थिति में वेब पेज धीरे-धीरे लोड होता है।

इस दौरान स्क्रीन पर पूरे पेज पर इन्फोर्मेशन नजर आने के बजाय यह एक कोने में सिमटी हुई नजर आती है। हालांकि, वेबसाइट ठीक तरह से ओपन होने पर सारे एलिमेन्ट्स अपनी जगह सेट हो जाते हैं। वेब ब्राउजर यूजर के डिवाइस और सर्वर के बीच लेन-देन का काम करता है।

एक वेब ब्राउजर में कौन-कौन से फीचर होने चाहिए?

अलग-अलग जानकारियों के लिए यूजर को वेब पेज पर जाने की जरूरत होती है, ऐसे में एक यूजर को एक ऐसे ब्राउजर की जरूरत होती है, जो उसके काम को कम समय में तेजी से करे। इतना ही नहीं, इंटरनेट के इस्तेमाल में साइबर क्रिमिनल्स का भी खतरा रहता है, ऐसे में यूजर की प्राइवेसी और डेटा सिक्योरिटी भी मायने रखती है।

एक यूजर के लिए अच्छा ब्राउजर है जो- तेजी से काम करने के साथ हेवी न हो और एक इन बिल्ट सर्च इंजन से लैस हो। इसी तरह, एक अच्छे ब्राउजर में यूजर के प्राइवेसी कंट्रोल, डेटा सिक्योरिटी की सुविधा होनी जरूरी है। एक अच्छे ब्राउजर में नेविगेशन सिस्टम बेहतर होना जरूरी है, इसके अलावा वेबसाइट का इस्तेमाल करने के दौरान यूजर को ऐड ब्लॉक, पॉप-अप ब्लॉक और डार्क मोड की सुविधा भी मायने रखती है।

इंटरनेट का इस्तेमाल हर समय लैपटॉप या डेस्कटॉप पर नहीं किया जा सकता है, इसलिए यह बेहद जरूरी है कि स्मार्टफोन जैसे डिवाइस में इंटरनेट का इस्तेमाल करने के दौरान डेस्कटॉप मोड की सुविधा मिले। यूजर को एक समय पर कई वेबसाइट पर विजिट करने की जरूरत पड़ती है, ऐसे में यह जरूरी है कि ब्राउजर में ऐड टैब्स की सुविधा मिले।

कौन-सा ब्राउजर इस्तेमाल करते हैं आप?

वेब ब्राउजर को लेकर इंटरनेट एक्सप्लोरर (Internet Explorer) का नाम भी जेहन में आता है। इंटरनेट इस्तेमाल करने के लिए माइक्रोसॉफ्ट के इस ब्राउजर का इस्तेमाल शुरूआती कुछ सालों में खूब ट्रेंड में रहा।

कंपनी ने इस वेब ब्राउजर को साल 1995 में रिलीज किया था। यह 95 भाषाओं को सपोर्ट करने की खूबी के साथ आता था, हालांकि, माइक्रोसॉफ्ट ने बीते साल 15 जून को ही ब्राउजर की सेवाओं को हमेशा के लिए डिसेबल कर दिया था। माइक्रोसॉफ्ट ने इसकी जगह एज ब्राउजर को पेश किया। यह विंडोज यूजर्स के लिए डिफॉल्ट ब्राउजर है। यह एक आसान इंटरफेस के साथ आने वाला वेब ब्राउजर है।

इंटरनेट के शुरुआती दौर में ओपेरा (Opera) मल्टी-प्लेटफॉर्म वेब ब्राउजर का इस्तेमाल भी खूब होता था। यह भी 1995 में रिलीज किया गया था। इस वेब ब्राउजर को namesake company Opera ने डेवलप किया था। हालांकि, समय के साथ गूगल के क्रोम ब्राउजर ने यूजर्स के दिल में अपनी जगह बनाई और आज इसी ब्राउजर का इस्तेमाल सबसे ज्यादा होता है।

गूगल क्रोम का इस्तेमाल एंड्रॉइड, आईओएस, मैक, लाइनेक्स और विंडोज में किया जा सकता है। गूगल ने इस वेब ब्राउजर को साल 2008 में केवल माइक्रोसॉफ्ट विंडोज के लिए रिलीज किया गया। हालांकि समय के साथ नए वर्जन रिलीज होने के साथ यह दूसरे प्लेटफॉर्म के लिए भी लाया गया।

इसी तरह एपल सफारी का इस्तेमाल केवल आईओएस और मैक में किया जाता है। एपल का ब्राउजर एपल प्रोडक्ट के साथ इन-बिल्ट आता है।

इसी तरह क्रोम, सफारी के अलावा यूजर मोजिला फायरफोक्स का भी इस्तेमाल करते हैं। कई स्थितियों में जो सुविधा क्रोम पर नहीं मिलती, वह फायरफोक्स में मिल जाती है। यह यूजर की प्राइवेसी और सिक्योरिटी के लिए बढ़िया ब्राउजर है।