क्या है NSDR टेक्नीक? जिससे गूगल सीईओ सुंदर पिचाई खुद को रखते है रिलैक्स, भारतीय वेदों से है नाता
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई NSDR टेक्नीक का इस्तेमाल करते हैं जिसका नाता भारतीय वेदों से है। यह टेक्नीक इन दिनों काफी पॉप्युलर हो रही है। इससे लोग कम घंटे की नींद के बावजदू खुद को रिलैक्स रख सकते हैं..
नई दिल्ली, टेक डेस्क। NSDR Techniques: दिग्गज टेक कंपनी गूगल (Google) के सीईओ खुद को रिलैक्स रखने के लिए नॉन स्लीप डीप रेस्ट (NSDR) टेक्नीक का इस्तेमाल करते हैं। सुंदर पिचाई ने हाल ही में एक इंटरव्यू दिया था, जिसमें NSDR टेक्नीक का जिक्र किया, जिसके बाद से NSDR को लेकर खूब चर्चा हो रही है। इस टेक्नीक में दावा किया जाता है कि कम घंटों की नींद के बावजूद व्यक्ति NSDR टेक्नीक की मदद से खुद को तनाव मुक्त रख सकता है। पिचाई की मानें, तो वो NSDR के जरिए बिना ज्यादा सोये अपने शरीर को दोबारा काम करने लायक बना देते हैं। बता दें कि सुंदर पिचाई रोजाना करीब 6 से 7 घंटे की नींद लेते हैं। वो सुबह करीब 6.45 बजे से लेकर 7.30 बजे के बीच जग जाते हैं। सुंदर पिचाई अपनी कम घंटे की नींद को पूरा करने के लिए NSDR टेक्नीक का इस्तेमाल करते हैं।
क्या होती है NSDR टेक्निक?
वैसे तो NSDR टेक्नीक का श्रेय प्रो एंड्रयू ह्यूबरमैन को जाता है, जो स्टैनफोर्ड न्यूरोसाइंस के प्रोफेसर हैं। इस टेक्नीक में व्यक्ति आंखे बंद करके जमीन या फिर बिस्तर पर लेट जाता है। इसके बाद किसी एक चीज पर ध्यान केंद्रित करता है।
वेदों से है NSDR टेक्नीक का नाता
NSDR टेक्नीक योगनिद्रा जैसी है, जिसका जिक्र वेदों में मिलता है। इसका सबसे पहला जिक्र ऋग्वेद में मिलता है। यह एक तरह का मेडिटेशन होता है। योग निंद्रा 1060 में काफी पॉप्युलर हुई थी, जब स्वामी सत्यानंद सरस्वती ने इसका इस्तेमाल करना शुरू किया था। उन्होंने इसे Conscious Sleep के नाम से पेश किया था।
योगनिंद्रा के फायदे
सितंबर 2020 में योग निंद्रा के फायदे को लेकर 700 लोगों पर एक रिसर्च की गई, जिसमें दावा किया गया कि योगा निंद्रा से तनाव को कम करने में मदद मिलती है। साथ ही स्लीप क्वॉलिटी में सुधार होता है। इसके अलावा NSDR टेक्नीक से चिड़चिड़ापन कम होता है। साथ ही एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलती है।