WhatsApp में आई बड़ी परेशानी, ओपन करते ही स्क्रीन का रंग हो रहा हरा
वॉट्सऐप एंड्रॉइड बीटा टेस्टर्स एक बड़ी परेशानी का सामना कर रहे हैं। कुछ यूजर्स ने इसकी जानकारी अपने एक्स हैंडल पर दी है। वॉट्सऐप ओपन करते ही पूरी स्क्रीन का कलर ग्रीन हो रहा है। यह परेशानी खासतौर पर बीटा टेस्टर्स के सामने आ रही है। इस दिक्कत को सही करने का एक तरीका है कि आप स्टेबल वर्जन को इंस्टॉल कर लें।
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। WhatsApp बीटा यूजर्स कथित तौर पर एक समस्या का सामना कर रहे हैं, जिसमें पूरी स्क्रीन हरे रंग की हो जाती है। जब आप WhatsApp पर कोई चैट खोलते हैं तो ग्रीन कलर की स्क्रीन दिखाई देती है। बग को ठीक करने का कोई समाधान नहीं है। इस परेशानी को दूर करने का एक ही तरीका है कि आप स्टेबल वर्जन को इंस्टॉल कर लें। यह समस्या केवल WhatsApp बीटा यूजर्स को ही प्रभावित कर रही है, अगर आप स्टेबल वर्जन यूज कर रहे होंगे तो यह परेशानी नहीं आएगी।
वॉट्सऐप ग्रीन स्क्रीन बग
वॉट्सऐप बीटा यूजर्स को ऐप पूरी तरह से हरा दिखाई दे रहा है। यह बग कथित तौर पर वॉट्सऐप बीटा वर्जन 2.24.24.5 में है। बीटा वर्जन के जरिए आप स्टेबल बिल्ड में रोल आउट होने से पहले ही रिलीज न किए गए वॉट्सऐप फीचर का अनुभव कर सकते हैं। हालांकि इसमें रिस्क भी रहता है। क्योंकि यह टेस्टिंग फ्लेटफॉर्म होता है।ज्यादातर बीटा यूजर्स अगर कोई भी चैट खोल रहे हैं तो स्क्रीन हरी हो जाती है। एक यूजर ने ऐप को अनइंस्टॉल करके फिर से इंस्टॉल करने की कोशिश की लेकिन परेशानी दूर नहीं हुई। फिलहाल, ऐसा लगता है कि वॉट्सऐप को फिर से इस्तेमाल करने का एकमात्र तरीका ऐप के स्टेबल वर्जन पर वापस जाना है।
इस बग के बारे में कई लोगों ने एक्स पर जानकारी दी है, लेकिन यह कन्फर्म नहीं है कि यह परेशानी कहां-कहां आ रही है। भारतीय यूजर्स ने एक्स पोस्ट में वॉट्सऐप को मेंशन करते हुए कहा है कि इस प्रॉब्लम को जल्द से जल्द दूर किया जाएगा।
कैसे फिक्स करें ग्रीन स्क्रीन बग?
- आप प्ले स्टोर से WhatsApp को नए वर्जन में अपडेट कर सकते हैं क्योंकि बग ऐप के पुराने वर्जन में देखने को मिल रहा है।
- इस परेशानी से छुटकारा पाने के लिए आप WhatsApp के स्टेबल वर्जन को इंस्टॉल कर सकते हैं।
- ऐसा करने से पहले अपने डेटा का बैकअप लेना बहुत जरूरी है।
क्या होता है बीटा वर्जन
कोई भी ऐप नया फीचर रोलआउट करने से पहले बीटा वर्जन पेश करता है। यह वर्जन सिर्फ उन लोगों के लिए रोलआउट किया जाता है, जो बीटा ऐप इस्तेमाल करते हैं। बीटा वर्जन में आने वाले फीचर्स दूसरे यूजर्स से पहले मिलने लग जाते हैं। हालांकि इसमें रिस्क भी होता है। क्योंकि यह टेस्टिंग फेज में होता है। यह भी पढ़ें- 3000 रुपये से कम में बेस्ट 4G फोन, बड़ी बैटरी के साथ मिलती हैं शानदार खूबियां