जब स्टीव जॉब्स ने Microsoft के प्रोडक्ट को बताया था थर्ड रेट, आउटेज के बीच सालों पुराना रिएक्शन वायरल
स्टीव जॉब्स ने 1995 में एक इंटरव्यू के दौरान माइक्रोसॉफ्ट के प्रोडक्ट को थर्ट रेट बताया था। वैश्विक आउटेज के बीच आज उनकी सालों पुरानी प्रतिक्रिया चर्चा में है। X पर इसे लेकर कुछ यूजर्स ने पोस्ट भी किए हैं। 19 जुलाई को पूरी दुनिया में माइक्रोसॉफ्ट की सर्विस ठप होने के कारण लाखों यूजर्स को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। पूरी दुनिया में माइक्रोसॉफ्ट आउटेज की चर्चा है। इस आउटेज का असर कंपनी की सभी सर्विसों पर देखने को मिला। न सिर्फ यूजर्स इससे प्रभावित हुए बल्कि, दुनिया की तमाम कंपनियों को इसकी वजह से परेशानी का सामना करना पड़ा। वैश्विक आउटेज के बीच अब स्टीव जॉब्स का एक कटाक्ष चर्चा में है, जो आज से सालों पहले उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट पर किया था। उनका सालों पुराना यह रिएक्शन एक्स पर यूजर्स का ध्यान आकर्षित कर रहा है।
स्टीव जॉब्स ने बताया था थर्ड रेट
माइक्रोसॉफ्ट पर स्टीव जॉब्स का 1995 का कटाक्ष सभीका ध्यान अपनी ओर खींच रहा है, जिसमें उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट के प्रोडक्ट को थर्ड-रेट करार दिया था। यह बात उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान कही थी। अब कंपनी के वैश्विक आउटेज से जूझने के दौरान यह रिएक्शन चर्चा में आया है। इसकी वजह से दुनियाभर में लाखों यूजर्स और एयरलाइनों, बैंकों, वित्तीय बाजार प्रभावित हुए। इस आउटेज की वजह से ग्लोबली माइक्रोसॉफ्ट 365 की सर्विस भी प्रभावित हुईं।
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क्या हुई परेशानी
ग्लोबली यूजर्स को प्रभावित करने वाली इस आउटेज की समस्या का मुख्य कारण क्राउडस्ट्राइक अपडेट था। इस आउटेज के चलते माइक्रोसॉफ्ट के ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले कम्प्यूटर ऑटोमेटिकली रिस्टार्ट हो रहे हैं। इस समस्या को आमतौर पर ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ के नाम से जाना जाता है, जो ऑपरेटिंग सिस्टम में किसी बग के चलते देखने को मिलती है। टेक एक्सपर्ट्स की मानें तो अभी ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ प्रोब्लम 'क्राउडस्ट्राइक' अपडेट के चलते आई है। क्राउडस्ट्राइक एक साइबर सिक्योरिटी प्लेटफॉर्म है, जो कंपनियों को क्लाउड सर्वर सिक्योरिटी सॉल्यूशन देता है।सेवाएं हुई बहाल
अब माइक्रोसॉफ्ट की सेवाएं बहाल हो गई हैं। जितनी भी सर्विस ग्लोबल आउटेज के कारण प्रभावित हुई थीं उन्होंने पहले की तरह ही काम करना शुरू कर दिया है।ये भी पढ़ें- माइक्रोसॉफ्ट का सफरनामा: दो दोस्तों की जुगलबंदी से शुरू हुई कंपनी कैसे बनी टेक दिग्गज, खूब आईं मुश्किलें