iOS और Android से यूनिक फीचर्स के बावजूद इन वजहों से मोबाइल के मामले में पीछे रह गया Windows
Windows Phones kyu nhi Pasadena aaye logo ko विंडोज फोन पहली बार अक्टूबर 2010 में शुरू हुआ। इन फोनों का उद्देश्य विंडोज़ मोबाइल और ज़्यून लाइनों को सफल बनाना था दोनों को आईफोन के समान एक प्रोडक्ट में संयोजित करना था। माइक्रोसॉफ्ट ने नॉकिया ब्रांड के स्मार्टफोन बनाने का लाइसेंस लिया. हालांकि इसके बावजूद भी विंडोज फोन बाजार में धमाल नहीं मचा पाए।
By Anand PandeyEdited By: Anand PandeyUpdated: Mon, 07 Aug 2023 07:23 PM (IST)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। हम सभी को वह समय याद है जब नोकिया ने माइक्रोसॉफ्ट के साथ विंडोज ओएस फोन लॉन्च करने का सौदा किया था। यह एक ऐसा समय था जब जब माइक्रोसॉफ्ट ने अपना विंडोज फोन को पेश किया था। जब माइक्रोसॉफ्ट ने 2010 में मोबाइल फोन बाजार में एंट्री किया तो स्मार्टफोन की दुनिया दो हिस्सों में बंट गई - ब्रांड-सचेत के लिए एपल का आईओएस और एक Google का एंड्रॉइड।
ब्लैकबेरी पहले से ही तेजी से अपनी स्थिति खो रहा था। विंडोज फोन बिजली के बोल्ट की तरह थे। ये एक सेकंड के लिए चमके और उतनी ही तेजी से चले गए। आज हम आपको कुछ ऐसे कारण बताने वाले हैं जिसकी वजह से विंडोज फोन फेल हो गए या ये कहें मार्केट में अपनी दबदबा कायम नहीं कर पाएं।
विंडोज फोन की ऐसे हुई थी शुरुआत
विंडोज फोन पहली बार अक्टूबर 2010 में शुरू हुआ। इन फोनों का उद्देश्य विंडोज मोबाइल और ज़्यून लाइनों को सफल बनाना था, दोनों को आईफोन के समान एक प्रोडक्ट में संयोजित करना था। इसके बाद माइक्रोसॉफ्ट ने नॉकिया ब्रांड के स्मार्टफोन बनाने का लाइसेंस लिया. हालांकि इसके बावजूद भी विंडोज फोन बाजार में धमाल नहीं मचा पाए।
पहला Windows Phones विंडोज फोन 7 ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ जारी किया गया था , जो मेट्रो डिजाइन भाषा पर आधारित था और विंडोज सीई का इस्तेमाल करके डिजाइन किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक 2016 के आखिर तक दुनिया भर में Windows फोन का मार्केट शेयर सिर्फ 1 फीसदी रह गया था।
Windows Phones के बारे में बड़ी बातें
- दिसंबर 2019 में बंद हुए विंडोज फोन
- माइक्रोसॉफ्ट ने 2022 में विंडोज फोन का सपोर्ट किया बंद
- विंडोज फोन मेट्रो डिजाइन भाषा पर थे आधारित
विंडोज फोन की फ्लॉप होने की वजह
- कस्टमाइजेशन की कमी
- सपोर्ट सर्विस की कमी
- डेवलपर का इंट्रेस्ट कम होना
- खास फीचर्स की कमी
माइक्रोसॉफ्ट ने इस तरह से मारी थी बजार में एंट्री
जब Apple ने 2007 में iOS लॉन्च किया और Google ने 2008 में Android लॉन्च किया, तो मोबाइल फोन की दुनिया में तेजी से बदलाव देखा गया। विस्फोट ऐसा था कि इसने पुराने किंग को घुटनों पर ला दिया। 2008 तक, नोकिया की बाज़ार हिस्सेदारी में भारी गिरावट आ रही थी। एपल और हार्डवेयर निर्माता, जिनके पास एंड्रॉइड के साथ टीम बनाने की समझ थी, अब खुद को धूप में तपते हुए पा रहे थे।
माइक्रोसॉफ्ट को एहसास हुआ कि खेल में देर हो चुकी है और 2008 में एक नए ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करना शुरू किया। समय सीमित था और प्रोडक्ट को जल्दी लॉन्च करना था। विंडोज फोन 7 को 2010 में लॉन्च किया गया था, जो कि आने में दो साल की देरी थी। ये भी एक बड़ा कारण था।