AI तकनीक विकसित करेगा Wipro, दिल की बिमारियों के जोखिम को कम करने में होगी मददगार
विप्रो( Wipro) ने भी एक ऐसी ही तकनीक विकसित की है जो दिल की बिमारियों के जोखिमों को दूर करने में मदद कर सकती है। इस जोखिम को कम करने और इसे मैनेज करने के लिए एक पर्सनल केयर इंजन विकसित करने की तैयारी कर ली है। कंपनी ने भारतीय विज्ञान संस्थान (IISC) बेंगलुरु में सेंटर फॉर ब्रेन रिसर्च (CBR) के साथ साझेदारी की घोषणा की।
एएनआई, बेंगलुरु। Ai के आने से बहुत सी समस्याओं का निदान सामने आया है। यहां तक कि मेडिकल क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं रह गया है। कई टेक कंपनियां लगातार नई तकनीक विकसित कर रही हैं, जो कई बड़ी और गंभीर बिमारियों का समाधान लेकर आई है।
इसी सिलसिले को जारी रखते हुए विप्रो(Wipro) ने भी एक ऐसी ही तकनीक विकसित की है, जो दिल की बिमारियों के जोखिमों को दूर करने में मदद कर सकती है। आइये इसके बारे में जानते हैं।
IISC बेंगलुरु से साझेदारी
इस तरह की बिमारियों के जोखिम को कम करने और इसे मैनेज करने के लिए एक पर्सनल केयर इंजन विकसित करने की तैयारी कर ली है।इसके लिए कंपनी ने भारतीय विज्ञान संस्थान (IISC) बेंगलुरु में सेंटर फॉर ब्रेन रिसर्च (CBR) के साथ साझेदारी की घोषणा की। कंपनी ने अपनी फाइलिंग में एक्सचेंज को सूचित किया कि एआई का उपयोग करके बीमारी दूर की जा सकती है।
कंपनी ने मंगलवार को साझेदारी की घोषणा करते हुए बताया कि यह सहयोग लंबे समय तक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के रोकथाम और इसे मैनेज के लिए नई तकनीकों का विकास करेगा और इन बीमारियों के लिए सटीक सहायता देगा।
कंपनी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पर्सनल केयर इंजन यूजर्स के साथ अपनी बातचीत को पर्सनलाइड करने, उनके लंबे समय तक स्वास्थ्य के हिसाब कस्टमाइज करने के लिए एआई का उपयोग करके हृदय रोग और न्यूरोडीजेनेरेटिव विकारों के जोखिम को कम करने और इसे मैनेज करने की ओर ध्यान देगा।
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