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AI तकनीक विकसित करेगा Wipro, दिल की बिमारियों के जोखिम को कम करने में होगी मददगार

विप्रो( Wipro) ने भी एक ऐसी ही तकनीक विकसित की है जो दिल की बिमारियों के जोखिमों को दूर करने में मदद कर सकती है। इस जोखिम को कम करने और इसे मैनेज करने के लिए एक पर्सनल केयर इंजन विकसित करने की तैयारी कर ली है। कंपनी ने भारतीय विज्ञान संस्थान (IISC) बेंगलुरु में सेंटर फॉर ब्रेन रिसर्च (CBR) के साथ साझेदारी की घोषणा की।

By Agency Edited By: Ankita Pandey Updated: Tue, 28 May 2024 02:21 PM (IST)
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दिल की बिमारियों के जोखिम को कम करेगी Wipro की ये एआई तकनीक
एएनआई, बेंगलुरु। Ai के आने से बहुत सी समस्याओं का निदान सामने आया है। यहां तक कि मेडिकल क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं रह गया है। कई टेक कंपनियां लगातार नई तकनीक विकसित कर रही हैं, जो कई बड़ी और गंभीर बिमारियों का समाधान लेकर आई है। 

इसी सिलसिले को जारी रखते हुए विप्रो(Wipro) ने भी एक ऐसी ही तकनीक विकसित की है, जो दिल की बिमारियों के जोखिमों को दूर करने में मदद कर सकती है। आइये इसके बारे में जानते हैं।

IISC बेंगलुरु से साझेदारी

इस तरह की बिमारियों के जोखिम को कम करने और इसे मैनेज करने के लिए एक पर्सनल केयर इंजन विकसित करने की तैयारी कर ली है।

इसके लिए कंपनी ने भारतीय विज्ञान संस्थान (IISC) बेंगलुरु में सेंटर फॉर ब्रेन रिसर्च (CBR) के साथ साझेदारी की घोषणा की।  कंपनी ने अपनी फाइलिंग में एक्सचेंज को सूचित किया कि एआई का उपयोग करके बीमारी दूर की जा सकती है।

कंपनी ने मंगलवार को साझेदारी की घोषणा करते हुए बताया कि यह सहयोग लंबे समय तक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के रोकथाम और इसे मैनेज के लिए नई तकनीकों का विकास करेगा और इन बीमारियों के लिए सटीक सहायता देगा।

कंपनी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पर्सनल केयर इंजन यूजर्स के साथ अपनी बातचीत को पर्सनलाइड करने, उनके लंबे समय तक स्वास्थ्य के हिसाब कस्टमाइज करने के लिए एआई का उपयोग करके हृदय रोग और  न्यूरोडीजेनेरेटिव विकारों के जोखिम को कम करने और इसे मैनेज करने की ओर ध्यान देगा।

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कैसे होगा परीक्षण

विप्रो IISC में सीबीआर के सहयोग से डिजिटल ऐप-आधारित परीक्षण के माध्यम से इंजन का परीक्षण करेगा।

कंपनी का कहना है कि यह साझेदारी इन प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए एआई, मशीन लर्निंग (एमएल) और बड़े डेटा एनालिटिक्स के पावर का उपयोग करेगी।

विप्रो लिमिटेड की मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी सुभा टाटावर्ती ने कहा कि हमें इस यात्रा में सीबीआर और आईआईएससी के साथ साझेदारी करके खुशी हो रही है। हमारा पर्सनल केयर इंजन स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए एप्लिकेशन और फायदों को सक्षम बनाता है। 

विप्रो ने इस बात पर प्रकाश डाला कि उसकी आरएंडडी टीम एक पर्सनल केयर इंजन को डिजाइन और विकसित करेगी, बता दें कि यह लैब45 का हिस्सा है।  यह एक एआई जो किसी व्यक्ति के मेडिकल हिस्ट्री, स्वास्थ्य स्थिति और अन्य व्यवहारिक प्रतिक्रियाओं को ध्यान में रखेगा । 

दोनों संस्थानों की अनुसंधान एवं विकास क्षमता में सहयोग से ऐसी प्रणालियां  विकसित होंगी जो जनसंख्या पैमाने पर बेहतर स्वास्थ्य परिणाम प्रदान करेंगी।

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