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5G की ओर दुनिया के बढ़ रहे कदम फिर भारत क्यों 2G का कर रहा विस्तार, जानें

जानें भारत में आज भी क्यों ज्यादा इस्तेमाल होता है 2G नेटवर्क

By Shilpa SrivastavaEdited By: Updated: Thu, 05 Jul 2018 12:02 PM (IST)
5G की ओर दुनिया के बढ़ रहे कदम फिर भारत क्यों 2G का कर रहा विस्तार, जानें
नई दिल्ली (टेक डेस्क)। आज जब सारी दुनिया 5G की बात कर रही है, उस समय भारत सरकार 2G तकनीक पर काम करने में लगी है। आपको बता दें कि पिछले महीने टेलिकॉम डिपार्टमेंट (DoT) ने अंडमान और निकोबार द्विप के गांवों और राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ 214 दूरसंचार टावर स्थापित करने के लिए बोली लगाने के लिए आमंत्रित किया था। ऐसे में अगर सरकार 2G पर ज्यादा देगी तो 5G के मामले में भारत फिर दुनिया से पीछे रह सकता है।

2G सर्विस में हैं ज्यादा सीमाएं:

जहां एक तरफ टेलिकॉम कंपनियां 5G तकनीक को लॉन्च करने की तैयारियां कर रही हैं। वहीं, दूसरी तरफ अंदमान और निकोबार द्विप में 2G सर्विस पर काम करना पुराने जमाने की बात लगा रही है। जाहिर है कि 4G के मुकाबले 2G सर्विस में कई सीमाएं हैं। 2G प्राइमरी वॉयस सर्विस के लिए इस्तेमाल किया जाता है। वहीं, अगर डाटा की बात हो तो 2G के मुकाबले 4G हाई-स्पीड सर्विस उपलब्ध कराता है। साथ ही 4G ने वॉयस सर्विस को भी पहले से बेहतर बना दिया है। इतनी सीमाओं के चलते ही कई देश और टेलिकॉम ऑपरेटर्स 2G तकनीक को बंद कर रहे हैं। यहां तक की कुछ कंपनियां तो 3G को भी बंद करने के बारे में विचार कर रही हैं।

भारत में अब भी चलता है 2G:

भारत में अब भी 2G सपोर्ट का सबसे बड़ा कारण यह है कि यहां आज भी करीब 500 मिलियन लोग फीचर फोन का इस्तेमाल करते हैं। जैसे-जैसे स्मार्टफोन्स की कीमतें कम हो रही हैं वैसे-वैस ये यूजर्स स्मार्टफोन्स की तरफ बढ़ रहे हैं। हालांकि, इसमें कुछ समय लग सकता है। अगर यूजर्स के नजरिए से देखा जाए तो उनके लिए टेलिकॉम सर्विसेज किफायती बन गई हैं क्योंकि अब उन्हें केवल डाटा के लिए ही शुल्क देना होता है। वॉयस कॉल्स तो कंपनियां अब फ्री दे रही हैं। इस स्थिति में किसी भी क्षेत्र में अब 2G उपलब्ध कराना सही कदम नहीं माना जा सकता है। क्योंकि 2G और 4G दोनों के लिए ही सेटअप की कीमत कम है। इसके अलावा टेलिकॉम कंपनियां भी आने वाले समय में 4G और 5G नेटवर्क पर ज्यादा सवाएं प्रदान कर सकती हैं।

रिलायंस जियो ने उठाई आवाज:

रिलायंस जियो ने इस बिड प्रोसेस को लेकर चिंता जाहिर की है। जियो ने इस फैसले को अनुचित बताया है। जियो ने कहा कि यह प्रोजेक्ट ऑपरेटर्स को अपने पुराने इक्यूपमेंट्स के प्रसार की अनुमति दे रहा है। वो भी जब कंपनियां दूसरे टेलिकॉम सर्कल में 4G नेटवर्क उपलब्ध करा रहा है। देखा जाए तो अंदमान और निकोबार द्विप पश्चिम बंगाल टेलिकॉम सर्कल का हिस्सा हैं। कोलकाता उसी सर्कल का हिस्सा है जहां सबसे पहले 4G सर्विस लॉन्च की गई थी।

टेलिकॉम मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि भारत 3G और 4G के मामले में काफी पीछे रहा है। लेकिन 5G के मामले में भारत को दुनिया से कदम से कदम मिलाकर ही चलना होगा।

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