भारत में 5G के लॉन्च के साथ ही कई बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं। इसी बदलाव के सिलसिले में यह भी खबर आई है कि टेलीकॉम कंपनियां इस साल मोबाइल टैरिफ बढ़ा सकती हैं। आज हम आपको बताएंगे की इसका क्या कारण हो सकता है।
By Ankita PandeyEdited By: Ankita PandeyUpdated: Thu, 05 Jan 2023 06:46 PM (IST)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। बीते कुछ सालों में स्मार्टफोन जगत के काफी बदलाव हुए हैं। मार्केट में नए फोन के आने के साथ ही टेलीकॉम कंपनियों ने भी अपने टेरिफ प्लान को साल-दर साल बदला है। जहां हम केवल 1GB का महीने भर उपयोग करने के लिए 200 रुपये से अधिक पैसे देते थे, वहीं अब हमें 200 रुपये से कम कीमत में प्रतिदिन 1GB डाटा का फायदा मिल जाता है। लेकिन 5G के लॉन्च के साथ ही अब कई बड़े बदलाव हो सकते हैं। बता दें कि टेलीकॉम कंपनियां इस साल मोबाइल टैरिफ बढ़ा सकती हैं। इसके कई कारण हैं और आज हम इन कारणों पर नजर डालेंगे कीमतें कब बढ़ सकती हैं। आइये इसके बारे में जानते हैं।
क्यों बढ सकते हैं मोबाइल टैरिफ?
मोबाइल कंपनियां 2023 के मिड यानी जून,जुलाई तक टैरिफ में बढ़ोतरी कर सकती हैं। ब्रोकरेज फर्म IIFL सिक्योरिटीज ने एक रिपोर्ट से पता चला है कि 5G संबंधित ARPU (प्रति उपयोगकर्ता औसत रेवैन्यू) के निकट भविष्य में नगण्य होने की संभावना है, ऐसे में 4G प्रीपेड टैरिफ बढ़ोतरी टेलीकॉम के लिए सबसे महत्वपूर्ण ARPU लीवर बनी हुई है। इसलिए हम 2023 के मिड में 4G प्रीपेड टैरिफ बढ़ोतरी की उम्मीद कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें- अपने इंस्टाग्राम पोस्ट को एक जगह पर कैसे करें ग्रुप, बस कुछ स्टेप्स को करें फॉलो, हो जाएगा आपका काम
प्रीपेड और पोस्टपेड दोनों की कीमतें बढ़ोतरी
संभावना है कि दूरसंचार कंपनियां प्रीपेड और पोस्टपेड दोनों प्लान की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। एक्सपर्ट का मानना है कि पोस्टपेड यूजर्स को भी प्लान रेट में कुछ बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है, क्योंकि पोस्टपेड रेवैन्यू का योगदान घटता जा रहा है।
नवंबर 2021 में हुई थी आखिरी मोबाइल टैरिफ बढ़ोतरी
बता दें कि भारत में आखिरी मोबाइल प्रीपेड टैरिफ वृद्धि की घोषणा नवंबर 2021 में की गई थी। वोडाफोन आइडिया ने तब मोबाइल सेवा दरों में 42 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी करने का बीड़ा उठाया था। इसके अलावा भारती एयरटेल और रिलायंस जियो ने भी टैरिफ बढ़ाएं थे।
क्या 5G प्लान्स से कीमतों में होगी बढ़ोतरी?
Airtel और Reliance Jio दोनों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उनकी 5G को प्रीमियम सेवा के रूप में पेश करने की योजना नहीं है। इसका मतलब है कि यूजर्स अपने मौजूदा मोबाइल प्लान्स पर 5G सेवाओं का आनंद ले सकेंगे।
क्यों बढ़ सकता है आपका मोबाइल बिल?
देश की सभी टेलीकॉम कंपनियों ने स्पेक्ट्रम लागत पर बड़े वार्षिक भुगतान का वादा किया है और अपने 5G नेटवर्क रोलआउट में निवेश कर रही हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि इन सबके लिए उन्हें प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व (ARPU) में बढ़ोतरी सुनिश्चित करनी होगी। 5G के बढ़ने से ARPU में सुधार होने की उम्मीद है, हालांकि, इसमें कुछ तिमाहियों का समय लग सकता है, और इस बीच टैरिफ बढ़ोतरी एक सही विकल्प हो सकता है।
क्यों अहम हो सकती है टैरिफ बढ़ोतरी?
तीनों कंपनियों को कीमतें बढ़ाने की जरूरत है। वोडाफोन आइडिया को आगामी ऋण चुकौती को पूरा करने के लिए निकट अवधि में 25% से अधिक टैरिफ वृद्धि की जरूरत है। Reliance Jio की मूल कंपनी Reliance Industries (RIL) ने संकेत दिया है कि टेल्को अगले 18-24 महीनों में IPO के लिए जा सकता है। जहां तक Airtel का सवाल है, कंपनी के कैपेक्स (पूंजीगत व्यय) में 5G इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च के कारण वृद्धि देखी गई है, इससे लंबी अवधि की वित्तीय व्यवहार्यता के लिए टैरिफ बढ़ाना जरूरी हो जाता है।
यह भी पढ़ें-अब रिचार्ज की महीने भर नहीं होगी टेंशन, Airtel के इन प्लान से 90 दिनों तक जमकर चला सकेंगे Disney+ Hotstar