Youtube Monetization Rules: यूट्यूब चैनल पर 500 सब्सक्राइबर्स होने पर कमाया जा सकेगा पैसा? जानिए क्या हैं नियम
Youtube Monetization Rules 2023 यूट्यूब पर कमाई की राह आसान हो रही है। अब यूजर्स के लिए यूट्यूब चैनल के जरिए कम सब्सक्राइबर्स के साथ भी पैसा कमाना आसान हो गया है। कंपनी ने मॉनेटाइजेशन पॉलिसी के नियम बदल दिए हैं। (फोटो- जागरण)
By Shivani KotnalaEdited By: Shivani KotnalaUpdated: Wed, 14 Jun 2023 04:35 PM (IST)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। गूगल के पॉपुलर वीडियो प्लेटफॉर्म पर यूट्यूब चैनल बना कर आज हर दूसरा यूजर पैसा कमाना चाहता है। बहुत से ऐसे कंटेंट क्रिएटर्स हमारे आसपास ही मौजूद हैं जो वीडियो लोग के जरिए अपनी रोजाना की जिंदगी को कैमरा पर दिखा लाखों कमा रहे हैं।
हालांकि, यूट्यूब पर वीडियो बना कर पैसा कमाना इतना भी मुश्किल नहीं है। इसके लिए एक चैनल सेटअप करने के बाद मोनेटाइज करना जरूरी है। अगर आप भी यूट्यूब पर चैनल बना कर पैसा कमाना चाहते हैं तो ये आर्टिकल आपके काम का हो सकता है।
कम सब्सक्राइबर्स वाले यूजर्स कैसे कमा सकते हैं पैसा?
दरअसल यूट्यूब पर पैसा कमाने का तरीका अब बेहद आसान हो गया है। यूट्यूब मोनेटाइजेशन के प्रॉसेस को आसान बना रहा है। यूट्यूब चैनल के जरिए पैसा कमाने के लिए जरूरी नहीं होगा कि, चैनल पर लाखों- करोड़ों सब्सक्राइबर्स हों। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो यूट्यूब चैनल पर अगर यूजर के 500 सबस्क्राइबर्स हैं तो भी चैनल मॉनेटाइज करवाया जा सकता है।इसके अलावा, आपको हर महीने भी ढेरों वीडियो डालने की जरूरत नहीं होगी। यूट्यूब की नई पॉलिसी के मुताबिक अब केवल पिछले 90 दिनों में 3 ही वीडियो डाल कर पैसा कमाया जा सकता है। एक साल में 3000 वॉचिंग के घंटे या 90 दिनों में 30 लाख शॉर्ट्स व्यू तो भी कमाई की जा सकेगी। बता दें ये नियम पहले और कड़े थे।
यूट्यूब पर कमाई का प्रॉसेस क्या होता है?
दरअसल यूट्यूब कंटेंट क्रिएटर्स को वीडियो बनाने के लिए प्रेरित करता है। यूजर को पसंद आने वाले वीडियो बनाए जाएं तो चैनल पर सब्सक्राइबर्स की संख्या बढ़ती है। इसके साथ ही चैनल ग्रो होने लगता है। चैनल पर व्यूअर्स की संख्या बढ़ती है तो क्रिटर्स को ऐड्स और प्रीमियम सब्सक्रिप्शन के जरिए पैसे कमाने का मौका मिलता है।
यूट्यूब की मॉनेटाइजेशन पॉलिसी को फॉलो कर यूट्यूब से हर महीने एक तय तारीख पर अकाउंट में पैसा मिलता है। वीडियो पर आने वाले ऐड्स की मदद से प्लेटफॉर्म पर एक रेवेन्यू जनरेट होता है। इस रेवेन्यू का कुछ हिस्सा यूट्यूब रख लेता है, जबकि बाकी की कमाई चैनल क्रिएटर को दी जाती है।