टेनिस डायरी: 21वें ग्रैंडस्लैम की जीत के लिए कोर्ट में उतरना प्रेरणादायी : नोवाक जोकोविक
जोकोविक ने कहा इसमें कोई शक नहीं कि मेरे लिए यह बहुत बड़ी प्रेरणा है लेकिन मुझे अहसास है कि मानसिक रूप से संतुलन कैसे बनाना है। मुझे यहां जीत का बड़ा हकदार माना जा रहा है क्योंकि राफेल नडाल और रोजर फेडरर भी नहीं खेल रहे हैं।
By Sanjay SavernEdited By: Updated: Sat, 28 Aug 2021 06:53 PM (IST)
न्यूयार्क, एपी। टोक्यो ओलिंपिक में हार के कारण गोल्डन स्लैम का सपना अधूरा रहने के बाद अब नोवाक जोकोविक रिकार्ड 21वां ग्रैंडस्लैम जीतने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। जोकोविक का मानना है कि इस मुकाम को हासिल करने के लिए खेलना काफी प्रेरणादायक है। जोकोविक ने कहा, 'इसमें कोई शक नहीं कि मेरे लिए यह बहुत बड़ी प्रेरणा है, लेकिन मुझे अहसास है कि मानसिक रूप से संतुलन कैसे बनाना है। मुझे यहां जीत का बड़ा हकदार माना जा रहा है, क्योंकि राफेल नडाल और रोजर फेडरर भी नहीं खेल रहे हैं।'
साल 2021 के पहले से ही तीन ग्रैंडस्लैम (आस्ट्रेलियन ओपन, फ्रेंच ओपन और विंबलडन) अपने नाम करने वाले जोकोविक से सभी प्रशंसकों को उम्मीद थी कि वह टोक्यो ओलिंपिक में भी स्वर्ण पदक हासिल करेंगे। लेकिन, उनके सपने को जर्मनी के एलेक्जेंडर ज्वेरेव ने हराकर तोड़ दिया। अब जोकोविक एक कैलेंडर वर्ष में चारों ग्रैंडस्लैम जीतकर 52 सालों के सूखे को समाप्त करना चाहेंगे। सबसे पहले 1938 में डान बज और 1962 तथा 1969 में राड लेवर ने एक कैलेंडर वर्ष में सारे ग्रैंडस्लैम जीते थे। उसके बाद से इस कारनामे को कोई भी नहीं दोहरा सका है।
दूसरी ओर मानसिक स्वास्थ्य कारणों से फ्रेंच ओपन से बीच में ही हटीं जापान की नाओमी ओसाका को भी पता है कि सभी की नजरें उन पर होंगी। गत चैंपियन ओसाका ने कहा, 'इस बार कुछ अलग हालात हैं। मुझे नहीं पता कि इसका वर्णन कैसे करूं, लेकिन लोग मुझे अलग नजर से देखेंगे। मैं लोगों का नजरिया नहीं बदल सकती, लेकिन इसका सामना करने के लिए खुद को तैयार कर रही हूं।' इस साल का आखिरी ग्रैंडस्लैम सोमवार से शुरू होगा, जिसमें पूरी संख्या में दर्शक मौजूद होंगे।
यूएस ओपन में प्रशंसकों दिखाना होगा टीकाकरण प्रमाण पत्रन्यूयार्क, एपी। यूएस ओपन के दर्शकों को अब मैच देखने के लिए कोविड-19 टीकाकरण की कम से कम एक डोज का प्रमाण दिखाना होगा। यह बदलाव उस समय किया गया जब इस टेनिस टूर्नामेंट के शुरू होने से 72 घंटे से भी कम समय बचा है। यूएस टेनिस संघ (यूएसटीए) ने शुक्रवार को बताया कि 12 वर्ष और उससे अधिक उम्र के सभी दर्शकों को टीकाकरण प्रमाण के साथ आना होगा तभी वे ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट के दौरान मैदान में प्रवेश कर सकेंगे।
सानिया-मैकहेल की जोड़ी फाइनल मेंक्लीवलैंड, प्रेट्र। भारतीय टेनिस स्टार सानिया मिर्जा और अमेरिका की क्रिस्टीना मैकहेल ने टेनिस इन द लैंड टूर्नामेंट के महिला डबल्स फाइनल में प्रवेश कर लिया। सानिया और मैकहेल ने एक घंटे 23 मिनट तक चले मैच में नार्वे की उलरिक्के इकेरी और अमेरिका की कैथरीन हैरीसन को 7-6 (7-5), 6-2 से हराया। अब उनका सामना शीर्ष वरीयता प्राप्त जापान की शुको ओयामा और इना शिबाहारा से होगा। सानिया और मैकहेल ने पिछले दो मैचों में एक भी सेट गंवाए बिना जीत दर्ज की।
टेनिस को गांव-गांव तक ले जाने की जरूरत : पेसनई दिल्ली, आइएएनएस। भारतीय टेनिस दिग्गज लिएंडर पेस ने शुक्रवार को कहा कि देश की 80 से 90 प्रतिशत प्रतिभा का दोहन नहीं हुआ है क्योंकि खेल बड़े शहरों और महानगरों तक ही सीमित है। उन्होंने कहा कि अंकिता रैना और सुमित नागल जैसे खिलाडि़यों के लिए उनके मन में बहुत सम्मान है, जो अपनी प्रतिभा को बरकरार रखते हैं। भारी आíथक तंगी के बावजूद बड़े-बड़े आयोजनों में खेलने का सपना जिंदा है।
पेस ने कहा, 'मुझे लगता है कि हमारी 80-90 प्रतिशत प्रतिभा का इस्तेमाल हीं नहीं हुआ है। मैं ऐसा इसलिए कहता हूं क्योंकि टेनिस अधिकतर बड़े शहरों और महानगरों में खेला जाता है। मुझे लगता है कि टियर-2, टियर-3 शहर और ग्रामीण इलाकों में हमारी बहुत सारी प्रतिभाएं हैं। इसलिए टेनिस को गांव-गांव में ले जाने की जरूरत है। अगर हम टोक्यो ओलिंपिक में जीते गए सात पदकों को देखें, तो हमारी प्रतिभा का अधिकांश हिस्सा ग्रामीण क्षेत्रों से आता है। हमारे देश में बेहतर होगा कि हम कई अलग-अलग खेलों में प्रतिभा स्काउट करें और वास्तव में अपनी प्रतिभा का पता लगाने के लिए खेल विज्ञान और खेल चिकित्सा का उपयोग करें। मेट्रो शहरों में हमारे पास जो सुविधाएं हैं, जैसे भारतीय खेल प्राधिकरण या खेलो इंडिया, का उपयोग हमारी प्रतिभा को निखारने और हमारे देश में चैंपियन बनाने के लिए किया जा सकता है।'