Olympics 2024: पेरिस ओलंपिक में मिली हार से निराश Rohan Bopanna ने लिया संन्यास, कहा- मैंने भारत के लिए अंतिम मैच खेल लिया
रोहन बोपन्ना ने पेरिस ओलंपिक में मिली हार के बाद टेनिस को अलविदा कह दिया है। उन्होंने मैच के बाद कहा कि उन्होंने भारत की जर्सी में अपना अंतिम मैच खेल लिया है। बोपन्ना देश के लिए अपने करियर का अंत और बेहतर तरीके से करना चाहते थे लेकिन उन्हें इस बात पर गर्व है कि उन्होंने 22 साल के अपने करियर में कई शानदार सफलता हासिल की।
पेरिस, प्रेट्र: अनुभवी भारतीय टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना ने ओलंपिक में मेंस डबल्स के पहले ही दौर में हार के बाद संन्यास का एलान कर दिया। मैच के बाद बोपन्ना ने कहा कि उन्होंने भारत की जर्सी में अपना आखिरी मैच खेल लिया है।
बोपन्ना और एन श्रीराम बालाजी जोड़ी रविवार रात को खेले गए मैच में एडवर्ड रोजर वासेलिन और गेल मोनफिल्स की फ्रांसीसी जोड़ी से 5-7, 2-6 से हार गई। बोपन्ना और बालाजी की हार के साथ ही ओलंपिक में टेनिस में भारतीय चुनौती भी समाप्त हो गई। टेनिस में 1996 के बाद भारत के लिए ओलंपिक पदक का सूखा बरकरार रहा।
'देश के लिए खेला आखिरी...'
हार के बाद बोपन्ना ने कहा, यह निश्चित रूप से देश के लिए मेरा आखिरी टूर्नामेंट था। मैं पूरी तरह से समझता हूं कि मैं किस स्थिति में हूं। मैं अब जब खेल सकूंगा तब टेनिस का आनंद उठाऊंगा।
रोहन बोपन्ना ने कहा, मैं जहां हूं वह मेरे लिए पहले ही किसी बड़े बोनस की तरह है। मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मैं दो दशकों तक भारत के लिए खेलूंगा। मैंने 2002 में करियर की शुरुआत की थी और 22 साल बाद भी भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिल रहा है। मुझे इस पर बेहद गर्व है।
22 साल के करियर का किया अंत
बता दें कि रोहन बोपन्ना ने भारत के लिए 22 साल तक टेनिस खेला। रविवार रात पेरिस ओलंपिक में मिली हार से निराश बोपन्ना ने 22 साल के शानदार करियर को खत्म कर दिया। रोहन बोपन्ना ने पूर्व टेनिस खिलाड़ी सनिया मिर्जा के साथ कई मिक्स्ड डबल्स में ऐतिहासिक जीत दर्ज की है।
इस मैच को बताया खास
बोपन्ना 2016 में टेनिस में ओलंपिक मेडल के सूखे को खत्म करने के करीब आये थे, लेकिन मिश्रित स्पर्धा में उनकी और सानिया मिर्जा की जोड़ी चौथे स्थान पर रही थी। बोपन्ना ने कहा कि 2010 में ब्राजील के खिलाफ डेविस कप का पांचवां मुकाबला राष्ट्रीय टीम के लिए उनका सबसे यादगार मैच है।