Books On Bhagat Singh: शहीद-ए-आजम भगत सिंह से आपकी मुलाकात कराती हैं ये 5 किताबें
Books On Bhagat Singh - महान क्रांतिकारी भगत सिंह स्वतंत्रता आंदोलन की धधकती ज्वाला के परिचित प्रतिबिंब हैं। उन्होंने अपने जाँबाज साथियों के साथ अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ क्रांति का ऐसा मोरचा खोला कि पूरा अंग्रेजी शासन हिल गया था। यहां उनके बारे में 5 किताबें हैं।
Books On Bhagat Singh: भारत में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो, जो महान क्रांतिकारी भगत सिंह के बारे में ना जानता हो। स्वतंत्रता के लिए उनके द्वारा किए गए संघर्ष और बलिदान के लिए वे हर हिन्दुस्तानियों के दिल में बसते हैं। शहीद भगत सिंह ( Bhagat Singh) का जन्म 27 सितंबर 1907 को पाकिस्तान के लायलपुर जिले के बंगा में हुआ था और उस समय उनके चाचा अजीत सिंह और श्वान सिंह भी Freedom Fighters थे। ये दोनों करतार सिंह सराभा द्वारा संचालित गदर पाटी के सदस्य थे। भगत सिंह पर इन दोनों का काफी गहरा प्रभाव पड़ा था, इसलिए ये बचपन से ही अंग्रेजों से घृणा करने लगे थे।
भगत सिंह करतार सिंह सराभा और लाला लाजपत राय से भी बहुत प्रभावित थे और 13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग हत्याकांड ने उनके बाल मन पर गहरा असर डाला था। यही वजह थी कि वे लाहौर के नेशनल कॉलेज़ की पढ़ाई छोड़कर 1920 में आजादी के आंदोलन में कूद पड़े। इस दौरान उन्होंने हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के साथ सेंट्रल असेंबली पर बमबारी सहित कई क्रांतिकारी गतिविधियों में भाग लिया और ब्रिटिश संस्थानों में तोड़फोड़ की। उन्होंने ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जॉन सॉन्डर्स की हत्या भी कर दी, जिसका दोषी ठहराए जाने के बाद उन्हें उनके दो साथी Freedom Fighters राजगुरू और Freedom Fighters सुखदेव के साथ 23 मार्च 1931 को लाहौर जेल में फांसी दे दी गई।
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Books On Bhagat Singh: शहीद भगत पर पढ़ी जाने लायक किताब
जिस वक्त भगत सिंह को फांसी हुई थी, उस वक्त उनकी मात्र 23 साल की थी। अर्थात अपने छोटे से जीवन में भगत सिंह ने भारतीय स्वतंत्रता के संघर्ष में एक स्थायी विरासत छोड़ी और ब्रिटिश उपनिवेशवाद के प्रतिरोध के प्रतीक के रूप में उभरे। ऐसे में इस तरह के व्यक्तित्व के बारे में विस्तार से जानने की जिज्ञासा बहुत सारे लोगों के मन में होगी। इस तरह भगत सिंह के बारे में जानने के लिए उनकी या उन पर लिखी गई Book से बेहतर कुछ और नहीं हो सकती हैं। लिहाजा हम यहां आपको उन 5 किताबों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपको पढ़नी चाहिए। ये Books To Read भगत सिंह के जीवन के कई अनछुए पहलुओं और कहानियों से भी रूबरू करवाती हैं।
Bhagat Singh Ki Jail Dayari
भगत सिंह की जेल डायरी केवल एक डायरी भर नहीं है, बल्कि वह स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ा सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज भी है। फिलहाल आपके लिए यह डायरी Hindi Book के रूप में उपलब्ध है, जिसका संपादन Rajshekhar Vyas ने किया है। इस डायरी को भगत सिंह ने उर्दू और अंग्रेजी में लाहौर की जेल में लिखा था। इस डायरी के पन्ने अब पुराने हो चले हैं, लेकिन इसमें दर्ज एक-एक शब्द सरफ़रोशी की समां जला देते हैं। Bhagat Singh Ki Jail Dayari Price: Rs 299.
Main Nastik Kyon Hun
मैं नास्तिक क्यों हूँ? भी शहीद भगत सिंह द्वारा लिखी गई सबसे चर्चित किताबों में से एक है, जो आपके लिए हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषा में उपलब्ध है। यह Book हमें यह भी बताती है कि मात्र 23 साल की उम्र में फाँसी चढ़ने वाला यह नौजवान एक प्रखर चिंतक भी था। यह आलेख भगतसिंह के उसी चिन्तक स्वरूप को हमारे सामने उजागर करता है। इसे उन्होंने फाँसी पर चढ़ने के कुछ ही दिन पहले जेल में लिखा था और उनकी मृत्यु के उपरांत 27 सितंबर 1931 की लाहौर के अखबार द पीपुल में प्रकाशित हुआ था। Main Nastik Kyon Hun Book Price: Rs 170.
Bhagat Singh Aur Unke Sathiyon Ke Dastavez
इस किताब को लिखने का कार्य जगमोहन सिंह ने किया है, जो कि शहीद भगत सिंह की छोटी बहन अमर कौर (अब दिवंगत) के बेटे हैं। यह किताब भगत सिंह के विचारों को समग्रता के साथ हमारे सामने रखती है। ऐसे में अगर आप भगत सिंह के क्रांतिकारी विचारों से अवगत होना चाहते हैं तो ‘भगत सिंह और उनके साथियों के दस्तावेज’ नाम की यह Book आपका ज्ञानवर्धन कर सकते हैं। Bhagat Singh Ke Dastavez Book Price: Rs 347.
Main Bhagat Singh Bol Raha Hoon Paperback
स्वतंत्रता आंदोलन की धधकती ज्वाला के प्रतिबिंब शहीद-ए-आजम भगत सिंह से सब परिचित हैं। उन्होंने अपने जाँबाज साथियों के साथ अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ क्रांति का एक ऐसा मोर्चा खोला कि पूरा अंग्रेजी शासन हिल गया था। वे न केवल प्रखर क्रांतिकारी थे, बल्कि एक दूरदर्शी व्यक्ति, गहन अध्येता व कुशल वक्ता भी थे। उनके विचार समाज एवं राष्ट्र को नई दिशा देने वाले थे। यह संकलन भारत माँ के वीर सपूत भगत सिंह के सुविचारों से हमारा परिचय कराता है और मार्ग प्रशस्त करता है। Main Bhagat Singh Bol Raha Hoon Book Price: Rs 129.
Bhagat Singh Ki Phansi Ka Sach
भगत सिंह एक ऐसे समय जी रहे थे, जब भारत का स्वतंत्रता संग्राम अपने जोर पर था और महात्मा गांधी का अहिंसात्मक विरोध लोगों के धैर्य की परीक्षा ले रहा था। ऐसे ही समय में हथियार उठाने की भगत सिंह की अपील ने देश के युवाओं को प्रेरित कर दिया था। इसके बाद उन्होंने अंग्रेजी सरकार के विरूद्ध कई क्रांतिकारी गतिविधियों को संचालित किया है, जिसके कारण भगत सिंह के शामिल होने को लेकर मुकदमा चला और 23 साल की उम्र में फांसी दे दी गई। इस किताब में भारत के महानतम Freedom Fighters में से एक और अनूठी बौद्धिक ईमानदारी दिखाने वाले व्यक्ति का रोचक वर्णन है। इस Book To Read को स्वर्गीय पत्रकार कुलदीप नैयर ने लिखा है। Bhagat Singh Ki Phansi Ka Sach Book Price: Rs 174.
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